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Lohri 2024: लोहड़ी कब है? जानिए सही डेट और क्यों मनाई जाती है लोहड़ी?

Lohri 2024: लोहड़ी कब है? जानिए सही डेट और क्यों मनाई जाती है लोहड़ी? यह एक ऐसा त्योहार है जो सर्दी के मौसम के अंत और गर्मियों के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है।

Lohri 2024:

लोहड़ी एक लोकप्रिय भारतीय त्योहार है जो हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर आदि राज्यों में मनाया जाता है।

ऐसा माना जाता है कि भगवान सूर्यदेव की कृपा से अच्छी फसल होती है और सुख-समृद्धि आती है।

 जनवरी में कब कौन से त्योहार मनाए जा रहे हैं?

लोहड़ी का अर्थ (Meaning of Lohri)

लोहड़ी का अर्थ “लकड़ी, गोबर और रेवड़ी की आग” होता है। यह शब्द तीन अक्षरों से मिलकtर बना है:

  • ल – लकड़ी
  • ओह – गोबर
  • ड़ी – रेवड़ी

लोहड़ी 2024 कब है? (When is Lohri 2024?)

लोहड़ी का त्योहार हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024 को है, इसलिए लोहड़ी 14 जनवरी 2024 को मनाई जाएगी

लोहड़ी 2024 शुभ मुहूर्त (Lohri 2024 Shubh Muhurat)

लोहड़ी 2024 का शुभ मुहूर्त शाम 5:34 मिनट से शुरू होकर रात 8:12 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में लोग अग्निकुंड में तिल, गुड़, मूंगफली, और अन्य सामग्री की आहुति दे सकते हैं।

इसके अलावा, लोहड़ी के दिन सूर्योदय से पहले का समय भी शुभ माना जाता है। इस समय में लोग लोहड़ी की पूजा कर सकते हैं।

लोहड़ी क्यों मनाई जाती है? (Why is Lohri Celebrated?)

लोहड़ी एक कृषि त्योहार है। यह दिन रबी की फसल की कटाई के बाद मनाया जाता है। किसान इस दिन अग्नि देवता को धन्यवाद देते हैं और उन्हें अच्छी फसल के लिए प्रार्थना करते हैं।

लोहड़ी का त्योहार भाई-बहन के प्रेम का भी प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं।

लोहड़ी एक खुशी और उत्सव का त्योहार है। इस दिन लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं और नए साल की शुभकामनाएं देते हैं।

Lohri

लोहड़ी के दिन मनाए जाने वाले रिवाज़ और परपराएं (Customs And Traditions Celebrated On The Day Of Lohri):

लोहड़ी का त्योहार भाई-बहन के प्रेम का भी प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। लोहड़ी के दिन लोग शाम को आग का अलाव जलाते हैं। अलाव के चारों ओर लोग नृत्य करते हैं और गाते हैं। इस दिन लोग तिल, गुड़, मूंगफली, गजक आदि खाते हैं।

लोहड़ी के दिन मनाए जाने वाले कुछ विशेष रिवाज़ निम्नलिखित हैं:

  • लोहड़ी के दिन, लोग सुबह से ही उठकर तैयार होने लगते हैं। वे लोहड़ी की पूजा करते हैं और अग्निकुंड में तिल, गुड़, मूंगफली, और अन्य सामग्री की आहुति देते हैं।
  • लोहड़ी की आग को शुभ माना जाता है। लोग अग्निकुंड के चारों ओर घूमते हैं और आग की गर्मी से सर्दी से बचते हैं।
  • लोहड़ी के दिन, लोग भांगड़ा और गिद्दा जैसे नृत्य करते हैं और लोहड़ी के गीत गाते हैं। यह एक बहुत ही खुशहाल और उत्सव का माहौल होता है।
  • लोहड़ी के दिन लोग गीत गाते हैं और नृत्य करते हैं। इन गीतों और नृत्यों में भाई-बहन के प्रेम, नई फसल और आग के देवता का गुणगान किया जाता है।
  • लोहड़ी के दिन लोग तिल, गुड़, मूंगफली, गजक आदि खाते हैं। इन खाद्य पदार्थों को समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। लोहड़ी के दिन खाने-पीने के लिए कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। इन व्यंजनों में तिल, गुड़, मूंगफली, गजक आदि मुख्य रूप से होते हैं।
  • लोहड़ी के दिन बहनें अपने भाईयों के माथे पर तिल और गुड़ लगाती हैं। यह एक भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। लोहड़ी के दिन बहनें अपने भाईयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं।
  • लोहड़ी के दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं। लोग नए कपड़े पहनते हैं।
  • लोहड़ी के दिन लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं और नए साल की शुभकामनाएं देते हैं।

लोहड़ी के दिन बनाए जाने वाले व्यंजन (Lohri Special Dishes):

लोहड़ी के दिन कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। इन व्यंजनों में तिल, गुड़, मूंगफली, गजक आदि मुख्य रूप से होते हैं। लोहड़ी के कुछ लोकप्रिय व्यंजन निम्नलिखित हैं:

  • तिलगुड़: तिल और गुड़ से बनी यह मिठाई लोहड़ी के दिन सबसे लोकप्रिय है।
  • रेवड़ी: दूध से बनी यह मिठाई भी लोहड़ी के दिन बहुत पसंद की जाती है।
  • गजक: तिल, गुड़ और घी से बनी यह मिठाई लोहड़ी के दिन एक और लोकप्रिय विकल्प है।
  • मक्की की रोटी और सरसों का साग: लोहड़ी के दिन अक्सर मक्की की रोटी और सरसों का साग भी बनाया जाता है।

लोहड़ी मानने के कारण (Reasons For Celebrating Lohri)

लोहड़ी के त्यौहार के पीछे कई कारण हैं। इनमें से कुछ कारण निम्नलिखित हैं:

  • सर्दियों के मौसम के अंत और बसंत के मौसम की शुरुआत

लोहड़ी का त्यौहार सर्दियों के मौसम के अंत और बसंत के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। सर्दियों के मौसम के अंत में, दिन लंबे होने लगते हैं और मौसम गर्म होने लगता है। यह एक बहुत ही खुशहाल समय होता है, और लोग इस त्यौहार को मनाकर इस खुशी का जश्न मनाते हैं।

  • फसलों के पकने की खुशी

लोहड़ी के त्यौहार को फसलों के पकने की खुशी में भी मनाया जाता है। सर्दियों के मौसम में, किसान अपनी फसलों की कटाई करते हैं। इस त्यौहार को मनाकर, किसान अपनी फसलों की अच्छी पैदावार की खुशी मनाते हैं।

  • प्रजनन क्षमता और समृद्धि

लोहड़ी के त्यौहार को प्रजनन क्षमता और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। गोहा (सूखे उपले) को उर्वरता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, अग्निकुंड में गोहा डालकर, लोग प्रजनन क्षमता और समृद्धि की कामना करते हैं।

Lohri 2024

लोहड़ी का महत्व (Importance Of Lohri)

लोहड़ी का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं में और भी स्पष्ट किया जा सकता है:

  • लोहड़ी का त्यौहार सर्दियों के मौसम के अंत और बसंत के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। सर्दियों के मौसम में, दिन छोटे और मौसम ठंडा होता है। लोहड़ी के दिन, दिन लंबे होने लगते हैं और मौसम गर्म होने लगता है। यह एक बहुत ही खुशहाल समय होता है, और लोग इस त्यौहार को मनाकर इस खुशी का जश्न मनाते हैं।
  • लोहड़ी का त्यौहार फसलों के पकने की खुशी में भी मनाया जाता है। सर्दियों के मौसम में, किसान अपनी फसलों की कटाई करते हैं। इस त्यौहार को मनाकर, किसान अपनी फसलों की अच्छी पैदावार की खुशी मनाते हैं।
  • लोहड़ी का त्यौहार प्रजनन क्षमता और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। गोहा (सूखे उपले) को उर्वरता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, अग्निकुंड में गोहा डालकर, लोग प्रजनन क्षमता और समृद्धि की कामना करते हैं।
  • लोहड़ी का त्यौहार एक सामाजिक त्यौहार है जो लोगों को एकजुट करता है। इस दिन, लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं और लोहड़ी की बधाई देते हैं। यह एक ऐसा अवसर होता है जब लोग एक-दूसरे के साथ खुशियां मनाते हैं और एक-दूसरे के साथ संबंध मजबूत करते हैं।
  • लोहड़ी का त्यौहार एक धार्मिक त्यौहार है जो सूर्य देव की पूजा करता है। सूर्य देव को जीवन का स्रोत माना जाता है। इसलिए, लोग सूर्य देव की पूजा करके उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं।
  • लोहड़ी का त्यौहार एक सांस्कृतिक त्यौहार है जो पंजाबी संस्कृति को प्रदर्शित करता है। इस दिन, लोग पारंपरिक पंजाबी पोशाक पहनते हैं। लोग भांगड़ा और गिद्दा जैसे नृत्य करते हैं और लोहड़ी के गीत गाते हैं। यह एक बहुत ही खुशहाल और उत्सव का माहौल होता है।

निष्कर्ष:

लोहड़ी 2024 (Lohri 2024) एक खुशी और उत्सव का त्योहार है। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और खुशी और उत्साह का माहौल बनाता है।

Lohri 2024: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्र: लोहड़ी वाले दिन क्या करते हैं?

उत्तर: लोहड़ी वाले दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। इसके बाद, वे एक खुले स्थान पर एक बड़ी आग जलाते हैं। इस आग में तिल, गुड़, रेवड़ी और मूंगफली का भोग लगाया जाता है। लोग आग के चारों ओर बैठते हैं और गीत गाते हैं, नाचते हैं और मस्ती करते हैं। लोहड़ी के त्योहार पर, लोग एक-दूसरे को तिलक लगाते हैं और मिठाइयाँ बांटते हैं।

प्रश्र: लोहड़ी क्यों मनाते हैं?

उत्तर: लोहड़ी का त्योहार मुख्य रूप से कृषि और फसलों से जुड़ा हुआ है। यह किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है क्योंकि इस दिन वे अपनी नई फसलों को अग्नि में समर्पित करते हैं और भगवान सूर्यदेव को धन्यवाद देते हैं। लोहड़ी का त्योहार सुख-समृद्धि और खुशियों का प्रतीक भी है।

प्रश्र: लोहड़ी कितने बजे मनाई जाती है?

उत्तर: लोहड़ी शाम को सूर्यास्त के बाद मनाई जाती है।

प्रश्र: लोहड़ी मतलब क्या होता है?

उत्तर: लोहड़ी का अर्थ “लकड़ी, गोबर और रेवड़ी की आग” होता है। यह शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है:

  • ल – लकड़ी
  • ओह – गोबर
  • ड़ी – रेवड़ी

प्रश्र: लोहड़ी में किसकी पूजा होती है?

उत्तर: लोहड़ी में भगवान सूर्यदेव की पूजा होती है। लोहड़ी के दिन, लोग भगवान सूर्यदेव से अच्छी फसल, सुख-समृद्धि और खुशियों की कामना करते हैं।

प्रश्र: लोहड़ी की विशेषता क्या है?

उत्तर: लोहड़ी का त्योहार एक मौसमी त्योहार है। यह सर्दी के मौसम के अंत और गर्मियों के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। लोहड़ी का त्योहार युवाओं के लिए एक विशेष त्योहार है। इस दिन, युवा लड़के और लड़कियाँ मिलकर गीत गाते हैं और नाचते हैं।

प्रश्र: लोहड़ी पर्व का दूसरा नाम क्या है?

उत्तर: लोहड़ी पर्व का दूसरा नाम “मकर संक्रांति” भी है।

प्रश्र: लोहड़ी पूजा कैसे करें?

उत्तर: लोहड़ी पूजा करने के लिए, आपको निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:

  • लकड़ी
  • गोबर
  • तिल
  • गुड़
  • रेवड़ी
  • मूंगफली
  • दीपक
  • अगरबत्ती

लोहड़ी पूजा करने की विधि इस प्रकार है:

  1. शाम को सूर्यास्त के बाद, एक खुले स्थान पर एक बड़ी आग जलाएं।
  2. आग में तिल, गुड़, रेवड़ी और मूंगफली का भोग लगाएं।
  3. भगवान सूर्यदेव की पूजा करें और उनसे अच्छी फसल, सुख-समृद्धि और खुशियों की कामना करें।
  4. आग के चारों ओर बैठकर गीत गाएं, नाचें और मस्ती करें।

प्रश्र: लोहड़ी के बाद क्या आता है?

उत्तर: लोहड़ी के बाद मकर संक्रांति आता है। मकर संक्रांति को उत्तर भारत का सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है।

प्रश्र: लोहड़ी की खोज किसने की थी?

उत्तर: लोहड़ी की खोज का कोई निश्चित प्रमाण नहीं है। ऐसा माना जाता है कि यह त्योहार प्राचीन काल से मनाया जा रहा है।

प्रश्र: लोहड़ी मनाने की कहानी क्या है?

उत्तर: लोहड़ी मनाने की कई कहानियाँ प्रचलित हैं। एक कहानी के अनुसार, लोहड़ी का त्योहार भगवान सूर्यदेव की पूजा करने के लिए मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान सूर्यदेव की कृपा से अच्छी फसल होती है और सुख-समृद्धि आती है।

प्रश्र: लोहड़ी पर कैसे कपड़े पहने?

उत्तर: लोहड़ी पर लोग नए और रंगीन कपड़े पहनते हैं। महिलाएं अक्सर साड़ी या सलवार-सूट पहनती हैं। पुरुष अक्सर धोती या कुर्ता-पायजामा पहनते हैं।

प्रश्र: लोहड़ी कौन सा धर्म मनाता है?

उत्तर: लोहड़ी मुख्य रूप से पंजाबी समुदाय द्वारा मनाया जाता है। हालांकि, यह त्योहार अन्य समुदायों द्वारा भी मनाया जाता है।

प्रश्र: लोहड़ी पर पंजाबी क्या करते हैं?

उत्तर: लोहड़ी पर पंजाबी लोग निम्नलिखित कार्य करते हैं:

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं।
  • एक खुले स्थान पर एक बड़ी आग जलाते हैं।
  • आग में तिल, गुड़, रेवड़ी और मूंगफली का भोग लगाते हैं।
  • भगवान सूर्यदेव की पूजा करते हैं और उनसे अच्छी फसल, सुख-समृद्धि और खुशियों की कामना करते हैं।
  • आग के चारों ओर बैठकर गीत गाते हैं, नाचते हैं और मस्ती करते हैं।
  • एक-दूसरे को तिलक लगाते हैं और मिठाइयाँ बांटते हैं।

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