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Christmas Tree History: क्यों सजाते हैं क्रिसमस ट्री, जाने इतिहास

Christmas Tree History: क्रिसमस ट्री एक ऐसा प्रतीक है जो क्रिसमस के त्योहार के साथ अविभाज्य रूप से जुड़ा हुआ है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिसमस ट्री का इतिहास क्या है? इस लेख में, हम क्रिसमस ट्री के इतिहास और इसके महत्व के बारे में जानेंगे।

Christmas Tree History:

क्रिसमस ट्री का इतिहास ईसाई धर्म से भी प्राचीन माना जाता है। कहा जाता है कि ईसाई धर्म से पहले से साल भर हरा-भरा रहने वाले पेड़ को लोग अपने घरों में लगाते थे। क्रिसमस ट्री से जुड़ी एक कहानी 722 ईसवी की भी है। कहा जाता है कि सबसे पहले क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा जर्मनी में शुरू हुई।

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क्रिसमस ट्री क्या होता है? (What Is A Christmas Tree?)

क्रिसमस ट्री एक सजा हुआ सदाबहार शंकुधारी वृक्ष होता है। यह वास्तविक या नकली भी हो सकता है। ये वृक्ष ईसाई धर्म के प्रमुख त्योहार क्रिसमस के अवसर पर तैयार किया जाता है। इसे सजाने के लिए मोमबत्तियों, फूल, विद्युत लड़ियों की झालरों, उपहार, घंटियों और कई अन्य प्रकार की साज सज्जा से सजाया जाता है।

Christmas Tree

क्रिसमस ट्री का इतिहास (History of Christmas Tree)

क्रिसमस ट्री का इतिहास ईसाई धर्म से भी प्राचीन माना जाता है। कहा जाता है कि ईसाई धर्म से पहले से ही लोग साल भर हरा-भरा रहने वाले पेड़ को अपने घरों में लगाते थे। यह पेड़ प्रकृति के नए जीवन का प्रतीक माना जाता था।

प्राचीन काल में

प्राचीन काल में, लोग साल भर हरे-भरे रहने वाले पेड़ों को पवित्र मानते थे। वे इन पेड़ों को अपने घरों में लाते थे और उन्हें सजाते थे। उनका मानना था कि इन पेड़ों की सजावट से उनके घरों में खुशहाली आती है और उन्हें बुरी आत्माओं से बचाव मिलता है।

जर्मनी में क्रिसमस ट्री

16वीं शताब्दी में, जर्मनी में क्रिसमस ट्री का चलन शुरू हुआ। कहा जाता है कि जर्मनी के एक ईसाई धर्म सुधारक मार्टिन लूथर ने 24 दिसंबर की रात को एक बर्फीले जंगल में एक सदाबहार पेड़ देखा था। उस पेड़ की डालियां चंद्रमा की रोशनी से चमकी रही थीं। मार्टिन लूथर को लगा कि यह पेड़ ईसा मसीह के जन्म का प्रतीक है। उन्होंने इस पेड़ को अपने घर ले जाकर उसे सजाया।

क्रिसमस ट्री का आधुनिक इतिहास

19वीं शताब्दी में, क्रिसमस ट्री का चलन पूरे यूरोप में फैल गया। 1840 में, ब्रिटेन के राजा विलियम IV ने अपने महल में एक क्रिसमस ट्री सजाया। इस घटना ने क्रिसमस ट्री को एक फैशन स्टेटमेंट बना दिया।

20वीं शताब्दी में, क्रिसमस ट्री का चलन अमेरिका और दुनिया के अन्य हिस्सों में भी फैल गया। आज, क्रिसमस ट्री दुनिया भर में क्रिसमस का सबसे लोकप्रिय प्रतीक है।

क्रिसमस ट्री क्यों सजाया जाता है? (Why is the Christmas Tree Decorated?)

क्रिसमस ट्री को सजाने के कई कारण हैं:

  • धार्मिक महत्व

क्रिसमस ट्री को सजाने का सबसे प्रमुख कारण इसका धार्मिक महत्व है। ईसाई धर्म में, क्रिसमस ट्री को जीवन की निरंतरता का प्रतीक माना जाता है। यह प्रभु ईसा मसीह के जन्म का भी प्रतीक है, जिन्हें ईसाई धर्म में भगवान का पुत्र माना जाता है।

ईसाई धर्म के अनुसार, प्रभु ईसा मसीह का जन्म एक ठंडी सर्दियों की रात को हुआ था। उस समय, जंगल में एक सदाबहार पेड़ था, जिसकी हरियाली सर्दियों में भी नहीं जाती थी। ईसाई धर्म के लोगों का मानना है कि यह पेड़ ही क्रिसमस ट्री का प्रतीक है।

क्रिसमस ट्री के हरे रंग को जीवन की निरंतरता का प्रतीक माना जाता है। यह पेड़ सर्दियों में भी हरियाला रहता है, जो यह बताता है कि जीवन हमेशा जारी रहता है। क्रिसमस ट्री को सजाने का मतलब है कि ईसाई धर्म के लोग प्रभु ईसा मसीह के जन्म की खुशी मना रहे हैं और उनके जन्म को चिरस्थायी मानते हैं।

  • सांस्कृतिक महत्व

क्रिसमस ट्री सजाने का एक अन्य कारण इसका सांस्कृतिक महत्व है। क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा कई सदियों से चली आ रही है। यह परंपरा सबसे पहले जर्मनी में शुरू हुई और फिर अन्य देशों में फैल गई।

क्रिसमस ट्री सजाने की परंपरा का एक कारण यह भी है कि यह एक खुशहाल और उत्सव का माहौल बनाता है। क्रिसमस ट्री के रंगीन रोशनी और सजावट घर में एक खुशहाल और उत्सव का माहौल बनाती हैं।

  • बच्चों के लिए महत्व

क्रिसमस ट्री सजाने का एक और कारण यह है कि यह बच्चों के लिए एक रोमांचक अनुभव है। क्रिसमस ट्री सजाने में बच्चों को बहुत आनंद आता है। वे क्रिसमस ट्री को सजाने में मदद करते हैं और क्रिसमस ट्री के नीचे गिफ्ट खोलने का इंतजार करते हैं।

क्रिसमस ट्री सजाना एक साझा अनुभव है जो परिवारों को एक साथ लाता है। यह बच्चों को प्रभु ईसा मसीह के जन्म और क्रिसमस की परंपराओं के बारे में भी सिखाता है।

क्रिसमस ट्री को सजाने का चलन कैसे शुरू हुई? (How Did The Trend Of Decorating the Christmas Tree Start?)

क्रिसमस ट्री को सजाने का चलन 16वीं शताब्दी में जर्मनी में शुरू हुआ। उस समय, लोग अपने घरों में फल और फूलों से सजाए गए पेड़ लगाते थे। 18वीं शताब्दी में, क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए मोमबत्तियों और बिजली की झालरों का इस्तेमाल किया जाने लगा।

क्रिसमस ट्री की सजावट (Christmas Tree Decorations)

क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए कई तरह की सजावट का इस्तेमाल किया जाता है। इनमें शामिल हैं:

  • रोशनी (Lighting): 

क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए सबसे आम सजावट रोशनी है। क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए आमतौर पर रंग-बिरंगी रोशनी का इस्तेमाल किया जाता है।

  • सजाने वाले तार (Decorating Wire): 

क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए तार का इस्तेमाल भी किया जाता है। तार का इस्तेमाल रोशनी को पेड़ पर लटकाने के लिए किया जाता है।

  • झालर (Decorating Fringe): 

झालर भी क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए एक लोकप्रिय सजावट है। झालर का इस्तेमाल पेड़ को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए किया जाता है।

  • सितारे (Decorating Star): 

सितारा भी क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए एक महत्वपूर्ण सजावट है। सितारा को आमतौर पर पेड़ की चोटी पर लगाया जाता है।

  • गुब्बारे (Balloons): 

गुब्बारे भी क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए एक लोकप्रिय सजावट है। गुब्बारों का इस्तेमाल पेड़ को और अधिक रंगीन और आकर्षक बनाने के लिए किया जाता है।

  • गेंद (Decorating Balls): 

गेंद भी क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए एक लोकप्रिय सजावट है। गेंदों का इस्तेमाल पेड़ को और अधिक सुंदर बनाने के लिए किया जाता है।

  • फल (Fruits): 

फल भी क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। फल का इस्तेमाल पेड़ को और अधिक स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जाता है।

  • फूल (Flower): 

फूल भी क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। फूल का इस्तेमाल पेड़ को और अधिक सुगंधित बनाने के लिए किया जाता है।

  • खिलौने (Decorating Toys): 

खिलौने भी क्रिसमस ट्री को सजाने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं। खिलौनों का इस्तेमाल पेड़ को और अधिक मनोरंजक बनाने के लिए किया जाता है।

Christmas Tree History

 

क्रिसमस ट्री को सजाने का उद्देश्य (Purpose Of Decorating The Christmas Tree)

क्रिसमस ट्री को सजाने का उद्देश्य क्रिसमस के त्योहार को मनाना है। यह त्योहार ईसा मसीह के जन्म का प्रतीक है। क्रिसमस ट्री को सजाकर लोग ईसा मसीह के जन्म की खुशी मनाते हैं।

क्रिसमस ट्री को सजाना एक खुशी का अवसर है। यह एक ऐसा समय है जब परिवार और दोस्त एक साथ मिलकर पेड़ को सजाते हैं। क्रिसमस ट्री को सजाने से घर में एक खुशी और उत्सव का माहौल बन जाता है।

क्रिसमस ट्री का महत्व (Importance of Christmas Tree)

क्रिसमस ट्री दुनिया भर में क्रिसमस का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। इसे सजाने के पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं। यह जीवन की निरंतरता, ईश्वर के आशीर्वाद और खुशी का प्रतीक है।

क्रिसमस ट्री को सजाना एक परिवार के साथ समय बिताने और खुशी मनाने का एक तरीका है। यह बच्चों के लिए एक रोमांचक अनुभव है। वे क्रिसमस ट्री को सजाने में मदद करते हैं और उपहार खोलने का इंतजार करते हैं।

क्रिसमस ट्री एक ऐसा प्रतीक है जो लोगों को एक साथ लाता है और उन्हें खुशी और आशा देता है।

भारत में कहां उगते हैं क्रिसमस ट्री? (Where do Christmas Trees Grow in India?)

भारत में, क्रिसमस ट्री मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में उगते हैं। यहाँ पाए जाने वाले स्प्रूस, फर, चीड़ और देवदार के पेड़ों को क्रिसमस ट्री के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में क्रिसमस ट्री पाए जाते हैं। इन क्षेत्रों में सर्दियों का मौसम ठंडा रहता है, जो क्रिसमस ट्री के विकास के लिए अनुकूल है।

क्रिसमस ट्री काटकर बाजार में बेचे जाते हैं। लोग अपने घरों में सजाने के लिए इन पेड़ों को खरीदते हैं। क्रिसमस ट्री की खेती भी की जाती है। कुछ किसान क्रिसमस ट्री की खेती करके अच्छी कमाई करते हैं। भारत में क्रिसमस ट्री का महत्व बढ़ रहा है। क्रिसमस के अवसर पर, लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री लगाकर त्योहार की खुशी मनाते हैं।

क्रिसमस ट्री का हिंदी नाम (Christmas Tree Hindi Name) 

क्रिसमस ट्री का हिंदी नाम “क्रिसमस वृक्ष” है। इसे “सदाबहार वृक्ष” या “नैचुरल ट्री” के नाम से भी जाना जाता है।

क्रिसमस ट्री का वैज्ञानिक नाम (Christmas Tree Scientific Name)

क्रिसमस ट्री के लिए कई प्रकार के सदाबहार पेड़ों का उपयोग किया जाता है। इन पेड़ों के वैज्ञानिक नाम निम्नलिखित हैं:

  • पाइन (Pinus)

पाइन के पेड़ों की शाखाएँ सीधी और लंबी होती हैं। इनकी पत्तियाँ सुई के आकार की होती हैं। पाइन के पेड़ ठंडे मौसम में पनपते हैं।

  • फर (Abies)

फर के पेड़ों की शाखाएँ नुकीली और लंबी होती हैं। इनकी पत्तियाँ सुई के आकार की होती हैं। फर के पेड़ ठंडे मौसम में पनपते हैं।

  • स्प्रूस (Picea)

स्प्रूस के पेड़ों की शाखाएँ नुकीली और लंबी होती हैं। इनकी पत्तियाँ सुई के आकार की होती हैं। स्प्रूस के पेड़ ठंडे मौसम में पनपते हैं।

  • देवदार (Cedrus)

देवदार के पेड़ों की शाखाएँ नुकीली और लंबी होती हैं। इनकी पत्तियाँ सुई के आकार की होती हैं। देवदार के पेड़ ठंडे मौसम में पनपते हैं।

  • कोनिफर (Chamaecyparis)

कोनिफर के पेड़ों की शाखाएँ नुकीली और लंबी होती हैं। इनकी पत्तियाँ सुई के आकार की होती हैं। कोनिफर के पेड़ ठंडे मौसम में पनपते हैं। इन सभी पेड़ों की शाखाएँ नुकीली और लंबी होती हैं। इनकी पत्तियाँ शंकु के आकार की होती हैं। ये पेड़ ठंडे मौसम में पनपते हैं।

क्रिसमस ट्री के फ़ायदे (Benefits of Christmas Tree)

क्रिसमस ट्री के कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • सामाजिक लाभ:

क्रिसमस ट्री एक परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताने और खुशी मनाने का एक तरीका है। इसे सजाने और उपहार खोलने में मदद करना बच्चों के लिए एक रोमांचक अनुभव है।

  • मानसिक लाभ:

क्रिसमस ट्री एक सकारात्मक और खुशी का माहौल बनाता है। यह लोगों को आशा और उत्साह की भावना दे सकता है।

  • पर्यावरणीय लाभ:

नकली क्रिसमस ट्री का उपयोग करने से वास्तविक पेड़ों के काटने को रोकने में मदद मिल सकती है। यह वनों की कटाई को कम करने और पर्यावरण की रक्षा करने में मदद कर सकता है।

  • आर्थिक लाभ:

क्रिसमस ट्री की खेती और बिक्री एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है। यह कई लोगों को रोजगार प्रदान करता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है।

क्रिसमस ट्री एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक प्रतीक है जो लोगों को एक साथ लाता है और खुशी और आशा की भावना पैदा करता है।

निष्कर्ष:

क्रिसमस ट्री ईसाई धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। यह पेड़ जीवन की निरंतरता, आशा और खुशहाली का प्रतीक है। क्रिसमस ट्री को सजाना एक परिवार के साथ समय बिताने का एक तरीका भी है।

Christmas Tree History: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्न: क्रिसमस ट्री को हिंदी में क्या बोलते हैं?

उत्तर: क्रिसमस ट्री को हिंदी में “क्रिसमस वृक्ष” कहते हैं।

प्रश्न: क्रिसमस ट्री कौन सा पेड़ होता है?

उत्तर: क्रिसमस ट्री आमतौर पर पाइन, फर, स्प्रूस, देवदार या कोनिफर के पेड़ों से बने होते हैं। ये पेड़ सदाबहार होते हैं, यानी इनकी पत्तियाँ साल भर हरियाली लिए रहती हैं।

प्रश्न 3: क्रिसमस ट्री का दूसरा नाम क्या है?

उत्तर: क्रिसमस ट्री का दूसरा नाम “सदाबहार वृक्ष” या “नैचुरल ट्री” भी है।

प्रश्न: क्रिसमस ट्री का क्या महत्व है?

उत्तर: क्रिसमस ट्री का महत्व ईसाई धर्म में है। ईसाई धर्म के अनुसार, क्रिसमस यीशु मसीह के जन्म का त्योहार है। माना जाता है कि यीशु मसीह का जन्म एक सदाबहार पेड़ के पास हुआ था। इसलिए, क्रिसमस के अवसर पर सदाबहार पेड़ को सजाकर घरों में लगाया जाता है।

प्रश्न: क्रिसमस के दिन कौन से पेड़ को सजाया जाता है?

उत्तर: क्रिसमस के दिन पाइन, फर, स्प्रूस, देवदार या कोनिफर के पेड़ को सजाया जाता है।

प्रश्न: क्रिसमस में कौन से फूल खिलते हैं?

उत्तर: क्रिसमस में गुलाब, लिली, और क्रिसमस स्टार के फूल खिलते हैं।

प्रश्न: क्रिसमस ट्री किसका प्रतीक है?

उत्तर: क्रिसमस ट्री जीवन की निरंतरता, ईश्वर के आशीर्वाद और खुशी का प्रतीक है।

प्रश्न: क्रिसमस ट्री का पेड़ लगाने से क्या होता है?

उत्तर: क्रिसमस ट्री का पेड़ लगाने से पर्यावरण को लाभ होता है। यह वनों की कटाई को रोकने और ऑक्सीजन उत्पादन में मदद करता है।

प्रश्न: 25 दिसंबर को क्या हुआ था?

उत्तर: ईसाई धर्म के अनुसार, 25 दिसंबर को यीशु मसीह का जन्म हुआ था। इसलिए, यह दिन क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है।

प्रश्न: क्या क्रिसमस ट्री ऑक्सीजन देता है?

उत्तर: हाँ, क्रिसमस ट्री ऑक्सीजन देता है। लेकिन यह नकली क्रिसमस ट्री से ज्यादा ऑक्सीजन नहीं देता है।

प्रश्न: क्या घर पर क्रिसमस ट्री लगाना अच्छा है?

उत्तर: घर पर क्रिसमस ट्री लगाना अच्छा है, लेकिन यह नकली क्रिसमस ट्री लगाना बेहतर है। नकली क्रिसमस ट्री पर्यावरण के लिए ज्यादा नुकसानदेह नहीं होते हैं।

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