Ganesh Chaturthi Date and Time: जाने तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
Ganesh Chaturthi Date and Time: भगवान गणेश के जन्म का 10 दिवसीय उत्सव 07 सितंबर 2024 से 17 सितंबर 2024 तक मनाया जाएगा। तिथि, शुभ मुहूर्त से लेकर अनुष्ठान और भोग सामग्री तक, गणेशोत्सव 2023 के बारे में आपको जो कुछ भी चाहिए वह यहां है।
Ganesh Chaturthi Date and Time
गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के हाथी के सिर वाले देवता भगवान गणेश के जन्म का जश्न मनाते है। यह आमतौर पर भाद्रपद के हिंदू महीने में आता है। इस वर्ष, यह 07 सितंबर 2024 से 17 सितंबर 2024 तक मनाया जाएगा। गणेश चतुर्थी भारत में सबसे व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है, खासकर पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र में और यह देश के विभिन्न हिस्सों में भी मनाया जाता है। यह त्यौहार 10 दिनों तक चलता है, जिसमें मुख्य उत्सव शुक्ल पक्ष के चौथे दिन होता है, जिसे “चतुर्थी” के नाम से जाना जाता है।
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गणेश चतुर्थी 2024 तिथि और समय (Ganesh Chaturthi 2024 Date and Time)
गणेश चतुर्थी 2024 आरंभ तिथि | मंगलवार, 19 सितंबर 2024 |
गणेश चतुर्थी 2024 समाप्ति तिथि | गुरुवार, 17 सितंबर 2024 |
गणेश चतुर्थी 2024 तिथि प्रारंभ | 06 सितंबर, दोपहर 12:39 बजे |
गणेश चतुर्थी 2024 तिथि समाप्त | 07 सितंबर, दोपहर 1:43 बजे |
गणेश चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त | सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:26 बजे |
गणेश विसर्जन 2024 दिनांक और समय | गुरुवार, 17 सितंबर, 2024 |
गणेश चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi 2024 Shubh Muhurat)
06 सितंबर को, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष के दौरान, गणेश चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त दोपहर 12:39 बजे शुरू होगा और 07 सितंबर को दोपहर 1:43 बजे तक जारी रहेगा। इसलिए, गणेश चतुर्थी 2024, 07 सितंबर को मनाई जाएगी। 07 सितंबर को भगवान गणेश की स्थापना का शुभ समय सुबह 10:50 बजे से दोपहर 12:52 बजे तक है और दोपहर 12:52 बजे से दोपहर 2:56 बजे तक अतिरिक्त शुभ समय है।
गणेश चतुर्थी 2024: इतिहास (Ganesh Chaturthi 2024: History)
ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति 12वीं शताब्दी में महाराष्ट्र में हुई थी। इस त्योहार को मराठा राजा शिवाजी महाराज ने लोकप्रिय बनाया था, जिन्होंने इसका इस्तेमाल अपने लोगों को एकजुट करने और हिंदू संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए किया। प्रारंभ में यह केवल महाराष्ट्र में मनाया जाता था, लेकिन बाद में यह भारत और दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गया। यह त्यौहार अब भारत, नेपाल, मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी 2024: महत्व (Ganesh Chaturthi 2024: Importance)
गणेश चतुर्थी ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के देवता भगवान गणेश के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और सौभाग्य दाता माना जाता है।
यह त्योहार हिंदुओं के लिए एक साथ आने और अपनी संस्कृति और विरासत का जश्न मनाने का समय है।
गणेश चतुर्थी 2024: व्रत कथा (Ganesh Chaturthi 2024: Vrat Katha)
हिंदू पौराणिक कथाओं में, देवी पार्वती ने स्नान करते समय अपनी रक्षा के लिए भगवान शिव की अनुपस्थिति में चंदन के लेप से गणेश का निर्माण किया था। जब भगवान शिव ने प्रवेश करने की कोशिश की, तो गणेश ने उन्हें रोक दिया।
अपनी माता की आज्ञा का पालन करते हुए गणेश ने भगवान शिव का मार्ग रोक दिया। इससे भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने गणेश का सिर उनके शरीर से अलग कर दिया। यह देखने के बाद, देवी पार्वती अपने काली अवतार में बदल गईं और क्रोध में ब्रह्मांड को नष्ट करने की धमकी दी।
तब शिव को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने गणेश का सिर हाथी के सिर से बदल दिया। यह घटना जीवन, मृत्यु और पुनर्जन्म के चक्र का प्रतिनिधित्व करती है।
Ganesh Chaturthi 2023 Rangoli Design
गणेश चतुर्थी 2024 अनुष्ठान (Ganesh Chaturthi 2024 Rituals)
गणेश चतुर्थी के दौरान चार मुख्य अनुष्ठान किए जाते हैं:
प्राण प्रतिष्ठा (जीवन का आह्वान)
यह अनुष्ठान उत्सव के पहले दिन गणेश प्रतिमा में प्राण डालने के लिए किया जाता है। पुजारी मूर्ति को जीवंत करने के लिए मंत्रों का जाप करते हैं और अन्य अनुष्ठान करते हैं।
षोडशोपचार (16 गुना पूजा)
उत्सव के पहले दिन गणेश जी को 16 विभिन्न प्रकार के प्रसाद चढ़ाने की यह रस्म निभाई जाती है। प्रसाद में फूल, फल, मिठाइयाँ, धूप, दीपक और जल शामिल हैं।
उत्तरपूजा (अंतिम पूजा)
यह अनुष्ठान उत्सव के 10वें दिन गणेश जी को विदाई देने के लिए किया जाता है। पुजारी गणेश को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद मांगने के लिए मंत्रों का जाप करते हैं और अन्य अनुष्ठान करते हैं।
गणपति विसर्जन (मूर्ति का विसर्जन)
यह अनुष्ठान उत्सव के 10वें दिन गणेश प्रतिमा को किसी नदी या समुद्र में विसर्जित करने के लिए किया जाता है। यह त्योहार के अंत और गणेश की अपने स्वर्गीय निवास में वापसी का प्रतीक है।
गणेश चतुर्थी 2024 पूजा तैयारी (Ganesh Chaturthi 2024 Puja Preparations)
तैयारी
घर और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करने वाली जगह सफाई करें।
पूजा के लिए आवश्यक वस्तुएं खरीदें, जैसे कि भगवान गणेश की मिट्टी की मूर्ति, फूल, धूप, दीपक, फल, मिठाई और पारंपरिक पूजा सामग्री।
मूर्ति की स्थापना
मूर्ति स्थापित करने के लिए चुने हुए स्थान पर एक साफ कपड़ा या सजावटी मंच बनाएं।
मंच पर भगवान गणेश की मूर्ति रखें।
गणेश चतुर्थी 2024: पूजा करने के विधि (Ganesh Chaturthi 2024: Puja Vidhi)
- भगवान गणेश का आह्वान करके शुरुआत करें कि वे आपके घर आएं और आशीर्वाद दें।
- मूर्ति पर थोड़ा सा पानी छिड़कें और फूल चढ़ाएं।
- गणेश मंत्रों का उच्चारण करें और फूल, धूप और दीप अर्पित करें।
- पूजा के दौरान भगवान गणेश को उनका आसन अर्पित करें।
- स्वागत के तौर पर भगवान गणेश के पैर धोने के लिए जल अर्पित करें।
- भगवान गणेश को पीने के लिए पानी चढ़ाएं, जो शुद्धि का प्रतीक है।
- मूर्ति को जल, दूध, दही, शहद और घी से स्नान कराएं। मूर्ति को पोंछकर साफ करें।
- मूर्ति को नए वस्त्र अर्पित करें।
- मूर्ति को फूल, माला और गहनों से सजाएं।
- भगवान गणेश को अतिथि के रूप में फल, मिठाई और अन्य व्यंजन चढ़ाएं।
- दीपक जलाएं और भगवान गणेश की आरती करें।
- भगवान गणेश से आशीर्वाद लें।
- त्योहार के अंतिम दिन, पारंपरिक रूप से मूर्ति को एक जल में विसर्जित किया जाता है। हालाँकि, हाल के दिनों में, पर्यावरण-अनुकूल मूर्तियों का इस्तेमाल किया जाता है, और विसर्जन घर पर बाल्टी या पानी के कंटेनर में करते हैं।
गणेश चतुर्थी 2024: व्रत नियम (Ganesh Chaturthi 2024: Vrat Rules)
इस व्रत को करने वाले को सुबह सबसे पहले स्नान करना चाहिए। व्रत भोर से लेकर चंद्रोदय तक चलता है। उपवास करते समय प्रतिदिन एक सात्विक भोजन करने की सलाह दी जाती है। दिन में फल, दूध, फलों का रस, खीर, राजगिरा, भांगड़ा और सिंघाड़ा का सेवन किया जा सकता है। खाना पकाने की तकनीक भाप में पकाना, भूनना या हल्का तलना होना चाहिए।
गणेश चतुर्थी 2024: भोग सामग्री (Ganesh Chaturthi 2024: Bhog Items)
मोदक
मोदक भगवान गणेश की पसंदीदा मिठाई मानी जाती है। यह चावल या गेहूं के आटे से बनी एक प्रकार की पकौड़ी है, जिसमें कसा हुआ नारियल, गुड़ और सूखे मेवों का मिश्रण भरा होता है। मोदक को भाप में पकाया या तला जा सकता है।
खीर या पायसम
खीर, चीनी के साथ दूध में पकाई गई और इलायची और केसर के स्वाद वाली चावल की खीर भी भगवान गणेश का लोकप्रिय प्रसाद है।
पूरन पोली
पूरन पोली एक मीठी ब्रेड है जिसे चना दाल और गुड़ से भरकर बनाया जाता है। यह त्योहारों के दौरान पेश किया जाने वाला एक पारंपरिक व्यंजन है।
नारियल के लड्डू
ये कसा हुआ नारियल, चीनी और कभी-कभी गाढ़े दूध से बनी गोल मिठाइयाँ हैं। इन्हें बनाना आसान है और प्रसाद के लिए ये एक लोकप्रिय विकल्प हैं।
बेसन के लड्डू
बेसन के लड्डू भुने हुए बेसन, चीनी, घी और कभी-कभी मेवों से बनाए जाते हैं। इनका स्वाद मीठा, पौष्टिक होता है और यह एक सामान्य प्रसाद वस्तु है।
चावल के व्यंजन
चावल के विभिन्न व्यंजन जैसे पुलाव, नींबू चावल, या इमली चावल भी पेश किए जाते हैं। ये आमतौर पर हल्के स्वाद के साथ तैयार किये जाते हैं।
फल
केले, सेब, अनार और अंगूर जैसे ताजे फल अक्सर प्रकृति की उदारता के प्रतीक के रूप में भोग में शामिल किए जाते हैं।
सूखे मेवे
बादाम, काजू और किशमिश जैसे सूखे मेवों पौष्टिक विकल्प के रूप में पेश किए जाते हैं।
स्वादिष्ट नाश्ता
मिठाइयों के साथ, भोग में कुछ स्वादिष्ट स्नैक्स जैसे चिवड़ा, पोहा, या मुरमुरा शामिल किया जाता है।
पनाकम
यह गुड़, पानी, इलायची और कभी-कभी नींबू के रस से बना एक पारंपरिक मीठा पेय है। यह ताज़ा और प्यास बुझाने के लिए होता है।
गणेश चतुर्थी 2024: पूजा के लिए संस्कृत श्लोक (Ganesh Chaturthi 2024: Sanskrit Shloka for Worship)
- वक्रतुंड गणेश मंत्र, श्री वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ., निर्विघ्नं कुरु मे देवा सर्व-कार्येषु सर्वदा॥
- गणेश शुभ लाभ मंत्र, ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये., वरवरदा सर्वजन्म में वशमान्य नमः॥
- गणेश गायत्री मंत्र, ॐ एकदंताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंति प्रचोदयात्॥
गणेश चतुर्थी अत्यधिक उत्साह और भक्ति का समय है, जिसमें लाखों लोग उत्सव में भाग लेते हैं। यह हिंदुओं के लिए सफलता, समृद्धि और बाधाओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने का एक अवसर है। यह त्यौहार एकता और सामुदायिक बंधन को भी बढ़ावा देता है क्योंकि लोग जश्न मनाने और पूजा करने के लिए एक साथ आते हैं।
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