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Day 3 Sharad Navratri 2023: नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा कैसे करें

Day 3 Sharad Navratri 2023: 17 अक्टूबर 2023 को नवरात्रि का तीसरा दिन है। शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस लेख में आपको मां चंद्रघंटा के बारे में विस्तार से बताया गया है, जिसमें उनकी पूजा विधि, मंत्र, स्तुति, स्त्रोत, भोग, आरती और रंग शामिल हैं।

Day 3 Sharad Navratri 2023:

नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा  को समर्पित है, जो देवी दुर्गा के नौ अवतारों में से एक हैं। उनके माथे पर घंटे के आकार का आधा चंद्रमा है, इसीलिए उन्हें चंद्रघंटा देवी के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि का तीसरा दिन, देवी चंद्रघंटा का रूप बहुत सुंदर, मंत्रमुग्ध करने वाला, आनंददायक और शांतिपूर्ण है। चंद्रघंटा मां सफेद पोशाक पहनती हैं और बाघ या शेर उनका वाहन है। मां चंद्रघंटा की तीन आंखें और दस हाथ हैं। उनके दाहिने हाथ में कमल का फूल, तीर, धनुष और जाप माला है और पांचवां हाथ “अभय मुद्रा” मुद्रा में है। वह अपने बाएं हाथ में त्रिशूल, गदा, तलवार और कमंडल रखती हैं और पांचवां हाथ “वरद मुद्रा” में है।

आइए मां चंद्रघंटा के पूजा विधि, मंत्र, स्तुति, भोग और रंग के बारे में विस्तार से पंडित जितेंद्र व्यास जी की ओर से जानें।

जानें कौन है मां चंद्रघंटा? (Who Is Maa Chandraghata?)

maa chandraghanta

मां चंद्रघंटा का नाम “चंद्र” (चंदनी) और “घट” (कटोरा) से आया है। वह अपने प्रेमी और भक्त वीरबद्र के लिए अपने चंदनी रंग की उपासिका कही जाती हैं। चंद्रघंटा देवी की मूर्ति का अर्थ है “जिसका चेहरा चंद्रमा के समान सुंदर है”। उन्हें एक कटोरे में चंदन की चंदनी वृत्ति से पूजा जाता है। वह शांति, संतुलन और सौभाग्य की देवी मानी जाती हैं।

चंद्रघंटा मां के अन्य नाम “चंद्रखंडा” और “चंडिका” भी हैं। उड़ीसा में भक्त चंद्रघंटा मां को “रामचंडी” कहकर बुलाते हैं। देवी रामचंडी का मंदिर भारत के उड़ीसा के पुरी जिले में स्थित है।

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शरद नवरात्रि का तीसरा दिन 2023 तिथि (Sharad Navratri Third Day 2023 Date):

इस साल 2023 में नवरात्रि पर्व का तीसरा दिन 17 अक्टूबर 2023, (मंगलवार) को पड़ रहा है। इस दिन भी नवरात्रि उत्सव के दूसरे दिन की तरह ही अनुष्ठान किए जाते हैं।

➧ नवरात्रि 2023 का तीसरा दिन तिथि:

17 अक्टूबर 2023 (बुधवार)

➧ नवरात्रि 2023 के तीसरे दिन पहनने का रंग –

मां चंद्रघंटा को रॉयल ब्लू रंग के कपड़े पसंद हैं और इस दिन रॉयल ब्लू रंग के कपड़ा अर्पित करना चाहिए।

➧ नवरात्रि के तीसरे दिन चढ़ाया जाने वाला प्रसाद –

दूध से बनी मिठाई

➧ नवरात्रि के तीसरे दिन करने योग्य दान-

छोटी कन्याओं को मिठाई, खीर, हलवा खिलाएं

➧ नवरात्रि के तीसरे दिन चढ़ाए जाने वाला फूल-

चमेली

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि (Maa Chandraghata Puja Vidhi)

पूजा की सामग्री:

  • मां चंद्रघंटा की मूर्ति या तस्वीर
  • सफेद और चांदी के फूल
  • सफेद मिठाई
  • गाय का घी
  • दूध
  • दही
  • शहद
  • पंचामृत
  • रोली
  • अक्षत
  • कुमकुम
  • हल्दी
  • सिंदूर
  • धूप
  • दीप
  • फल
  • प्रसाद

पूजा विधि:

  1. सबसे पहले, पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल छिड़कें।
  2. फिर, मां चंद्रघंटा की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें।
  3. मां चंद्रघंटा को सफेद और चांदी के फूल अर्पित करें।
  4. मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं।
  5. मां चंद्रघंटा को गाय के घी, दूध, दही और शहद से स्नान कराएं।
  6. मां चंद्रघंटा को पंचामृत अर्पित करें।
  7. मां चंद्रघंटा के माथे पर रोली, अक्षत, कुमकुम, हल्दी और सिंदूर लगाएं।
  8. मां चंद्रघंटा के समक्ष धूप और दीप जलाएं।
  9. मां चंद्रघंटा के मंत्रों का जाप करें।
  10. मां चंद्रघंटा से अपने मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें।
  11. अंत में, मां चंद्रघंटा को प्रसाद अर्पित करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

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मां चंद्रघंटा मंत्र (Maa Chandraghata Mantra)

ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥

Om Devi Chandraghantayai Namah॥

मां चंद्रघंटा प्रार्थना (Maa Chandraghata Prarthana)

पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।

प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता॥

Pindaja Pravararudha Chandakopastrakairyuta।

Prasadam Tanute Mahyam Chandraghanteti Vishruta॥

मां चंद्रघंटा स्तुति (Maa Chandraghata Stuti)

या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

Ya Devi Sarvabhuteshu Maa Chandraghanta Rupena Samsthita।

Namastasyai Namastasyai Namastasyai Namo Namah॥

maa chandraghanta puja vidhi

मां चंद्रघंटा ध्यान (Maa Chandraghata Dhyana)

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

सिंहारूढा चन्द्रघण्टा यशस्विनीम्॥

मणिपुर स्थिताम् तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।

खङ्ग, गदा, त्रिशूल, चापशर, पद्म कमण्डलु माला वराभीतकराम्॥

पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।

मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम॥

प्रफुल्ल वन्दना बिबाधारा कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम्।

कमनीयां लावण्यां क्षीणकटि नितम्बनीम्॥

Vande Vanchhitalabhaya Chandrardhakritashekharam।

Simharudha Chandraghanta Yashasvinim॥

Manipura Sthitam Tritiya Durga Trinetram।

Khanga, Gada, Trishula, Chapashara, Padma Kamandalu Mala Varabhitakaram॥

Patambara Paridhanam Mriduhasya Nanalankara Bhushitam।

Manjira, Hara, Keyura, Kinkini, Ratnakundala Manditam॥

Praphulla Vandana Bibadhara Kanta Kapolam Tugam Kucham।

Kamaniyam Lavanyam Kshinakati Nitambanim॥

मां चंद्रघंटा स्त्रोत (Maa Chandraghata Stotra)

आपदुध्दारिणी त्वंहि आद्या शक्तिः शुभपराम्।

अणिमादि सिद्धिदात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥

चन्द्रमुखी इष्ट दात्री इष्टम् मन्त्र स्वरूपिणीम्।

धनदात्री, आनन्ददात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥

नानारूपधारिणी इच्छामयी ऐश्वर्यदायिनीम्।

सौभाग्यारोग्यदायिनी चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्॥

Apaduddharini Tvamhi Adya Shaktih Shubhparam।

Animadi Siddhidatri Chandraghante Pranamamyaham॥

Chandramukhi Ishta Datri Ishtam Mantra Swarupinim।

Dhanadatri, Anandadatri Chandraghante Pranamamyaham॥

Nanarupadharini Ichchhamayi Aishwaryadayinim।

Saubhagyarogyadayini Chandraghante Pranamamyaham॥

मां चंद्रघंटा कवच (Maa Chandraghata Kavacha)

रहस्यम् शृणु वक्ष्यामि शैवेशी कमलानने।

श्री चन्द्रघण्टास्य कवचम् सर्वसिद्धिदायकम्॥

बिना न्यासम् बिना विनियोगम् बिना शापोध्दा बिना होमम्।

स्नानम् शौचादि नास्ति श्रद्धामात्रेण सिद्धिदाम॥

कुशिष्याम् कुटिलाय वञ्चकाय निन्दकाय च।

न दातव्यम् न दातव्यम् न दातव्यम् कदाचितम्॥

Rahasyam Shrinu Vakshyami Shaiveshi Kamalanane।

Shri Chandraghantasya Kavacham Sarvasiddhidayakam॥

Bina Nyasam Bina Viniyogam Bina Shapoddha Bina Homam।

Snanam Shauchadi Nasti Shraddhamatrena Siddhidam॥

Kushishyam Kutilaya Vanchakaya Nindakaya Cha।

Na Datavyam Na Datavyam Na Datavyam Kadachitam॥

मां चंद्रघंटा आरती (Maa Chandraghata Aarti)

जय माँ चन्द्रघण्टा सुख धाम। पूर्ण कीजो मेरे काम॥

चन्द्र समाज तू शीतल दाती। चन्द्र तेज किरणों में समाती॥

मन की मालक मन भाती हो। चन्द्रघण्टा तुम वर दाती हो॥

सुन्दर भाव को लाने वाली। हर संकट में बचाने वाली॥ सहित तो विनय सुनाए॥

मूर्ति चन्द्र आकार बनाए। शीश झुका कहे मन की बाता॥

पूर्ण आस करो जगत दाता। कांचीपुर स्थान तुम्हारा॥

कर्नाटिका में मान तुम्हारा। नाम तेरा रटू महारानी॥

भक्त की रक्षा करो भवानी।

मां चंद्रघटा की कथा (Maa Chandraghanta Katha)

एक समय की बात है, जब दैत्यों का आतंक बढ़ गया था। उस समय महिषासुर नाम का एक दैत्य था, जो देवताओं को बहुत परेशान कर रहा था। महिषासुर ने देवताओं से युद्ध करके उनसे स्वर्ग पर अधिकार कर लिया था। देवताओं ने देवी दुर्गा से मदद मांगी। देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध करने के लिए मां चंद्रघटा का रूप धारण किया।

मां चंद्रघंटा ने महिषासुर का वध करने के लिए अपनी साधना शुरू की। उन्होंने कई वर्षों तक घोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें शक्ति प्रदान की।

मां चंद्रघंटा ने महिषासुर के साथ युद्ध किया। उन्होंने महिषासुर को पराजित किया और उसे मार डाला। देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध करके देवताओं को मुक्त कराया।

माँ चंद्रघंटा की विशेषताएं (Features of Maa Chandraghanta)

  • मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है। इसलिए उन्हें चंद्रघंटे के नाम से जाना जाता है।
  • वे दस हाथों वाली हैं। उनके आठ हाथों में विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्र हैं। दसवें हाथ में कमल का फूल है।
  • वे सफेद वस्त्र पहने हुए हैं। उनके बाल खुले हुए हैं।
  • वे सिंह की सवारी करती हैं।

Day 3 Sharad Navratri 2023: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्र: मां चंद्रघटा कौन है?

उत्तर: मां चंद्रघटा देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं। इनका नाम उनके मस्तक पर घंटे के आकार के अर्धचंद्र के कारण पड़ा है। इनके दस हाथ हैं, 5जिनमें विभिन्न प्रकार के अस्त्र-शस्त्र हैं। इनका वाहन सिंह है।

प्रश्र: मां चंद्रघटा का भोग क्या है?

उत्तर: मां चंद्रघंटा को दूध से बनी मिठाई, सेब, केला, दूध, दही का भोग लगाना चाहिए।

प्रश्र: मां चंद्रघंटा को क्या प्रसाद चढ़ाया जाता है?

उत्तर: मां चंद्रघंटा को सफेद रंग का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इनके प्रसाद में सफेद मिठाई, दूध, दही, शहद, फल, और चांदी के बर्तन में चढ़ाया गया प्रसाद शामिल है।

प्रश्र: मां चंद्रघटा को कौन सा रंग पसंद है?

उत्तर: मां चंद्रघंटा को रॉयल ब्लू कलर पसंद है।

maa chandraghanta original picture

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