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Navratri Jaware Visarjan Date 2023: कब और कैसे करें जवारे विसर्जन

Navratri Jaware Visarjan Date 2023: नवरात्रि के उत्सव के आखिरी दिन, जवारे का विसर्जन एक महत्वपूर्ण आयोजन है जो देवी दुर्गा की अराधना में किया जाता है। 2023 में, नवमी तिथि 16 अक्टूबर को है, इसलिए इस दिन भगवान की कृपा और आशीर्वाद का अनुभव किया जाएगा।

Navratri Jaware Visarjan Date 2023:

नवरात्रि जवारे विसर्जन, नवरात्रि के महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है, जो नवरात्रि के अंतिम दिन किया जाता है।  यहां पर नवरात्रि विसर्जन का मतलब “जवारे विसर्जन” से है। घटस्थापना पूजा के दौरान लोग अनाज के बीज डालते हैं और उस पर पानी छिड़कते हैं। बड़ा होने पर यह जौ बन जाता है, जिसे धार्मिक भाषा में “जवारे” भी कहा जाता है। जवारे विसर्जन अनुष्ठान दुर्गा विसर्जन अनुष्ठान से अलग है क्योंकि दुर्गा विसर्जन में, मां दुर्गा की मूर्तियों को नदी में विसर्जित किया जाता है। जवारे विसर्जन नवरात्रि के आखिरी दिन किया जाता है जबकि दुर्गा विसर्जन अनुष्ठान नवरात्रि के नौवें दिन के बाद किया जाता है यानी की नवरात्रि के दसवें दिन। नवरात्रि जवारे विसर्जन एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो नवरात्रि पूजा को पूरा करने और मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए किया जाता है।

नवरात्रि में जवारे क्यों बोए जाते हैं? (Why are Barley Sown During Navratri?)

  • जवारे को अन्नपूर्णा देवी का प्रतीक माना जाता है। अन्नपूर्णा देवी को भोजन की देवी माना जाता है। नवरात्रि में जवारे बोने से अन्नपूर्णा देवी की कृपा प्राप्त होती है और घर में अन्न का भंडार भरा रहता है।
  • जवारे को सृष्टि की पहली फसल माना जाता है। नवरात्रि में जवारे बोने से सृष्टि की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
  • जवारे को मां दुर्गा का प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा की जाती है। जवारे बोने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

Navratri Jaware Visarjan

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नवरात्रि जवारे विसर्जन के नियम (Navratri Jaware Visarjan Rules)

नवरात्रि जवारे विसर्जन के कुछ नियम निम्नलिखित हैं:

  • जवारे विसर्जन के लिए सुबह का समय सबसे अच्छा माना जाता है।
  • जवारे को विसर्जन करने से पहले, उन्हें अच्छी तरह से धो लें। ऐसा करने से जवारे को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचेगा।
  • जवारे को नदी या किसी अन्य स्वच्छ जल स्त्रोत में प्रवाहित करें।
  • जवारे को किसी भी तरह से नुकसान न पहुंचाएं।
  • जवारे विसर्जन के बाद मां दुर्गा से प्रार्थना करें।

नवरात्रि जवारे विसर्जन 2023 तिथि (Navratri Jaware Visarjan 2023 Date)

शारदीय नवरात्रि 2023 का समापन 24 अक्टूबर 2023 को होगा। इस दिन दशहरा मनाया जाएगा। जवारे विसर्जन नवरात्रि समापन के दिन किया जाता है। शरद नवरात्रि के लिए नवरात्रि विसर्जन 2023 तिथि (जवारे विसर्जन 2023 तिथि) देखें–

 

शरद नवरात्रि जवारे विसर्जन 2023 तिथि – 24 अक्टूबर, 2023 (मंगलवार)

प्रातःकालीन मुहूर्त: 06:15 से 07:40 तक

दोपहर का मुहूर्त: 12:00 से 12:45 तक

शाम का मुहूर्त: 05:45 से 07:00 तक 

 

इन मुहूर्तों में से किसी भी समय जवारे विसर्जन किया जा सकता है। हालांकि, प्रातःकालीन मुहूर्त को सबसे शुभ माना जाता है।

नवरात्रि जवारे विसर्जन विधि (Navratri Jaware Visarjan Vidhi)

  • नवरात्रि के आखिरी दिन पूजा स्थल पर जाएं और हाथ में कच्चे चावल और फूल लें। चावल और फूल चढ़ाकर देवी और अन्य सभी देवताओं से प्रार्थना करें और उन्हें अपने घर आने के लिए धन्यवाद दें।
  • इसके बाद चौकी पर रखा सारा प्रसाद, प्रसाद के रूप में इकट्ठा कर लें। परिवार के सदस्य या महिलाएं श्रृंगार सामग्री, साड़ी, आभूषण और अन्य सभी चीजों को मां दुर्गा के प्रसाद और आशीर्वाद के रूप में उपयोग कर सकते हैं।
  • प्रसाद के रूप में लोगों को नारियल बांटें और पक्षियों को कच्चे चावल खाने के लिए दें।
  • सबसे पहले घाट का ढक्कन हटा दें और फिर पूरा घाट उतार दें।
  • पवित्र जल को प्रसाद के रूप में पियें और परिवार के सदस्यों में वितरित करें।
  • सभी बुराइयों और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने की मान्यता के साथ घाट के पवित्र जल को अपने पूरे घर में भी छिड़कें।
  • सिक्के लें और उन्हें अपने मनी लॉकर या वॉलेट में सुरक्षित रखें। ऐसा समृद्धि लाने के लिए किया जाता है।
  • अपने पूजा क्षेत्र में भगवान गणेश की मूर्ति को उसके पुराने स्थान पर रखें।
  • चौकी से मां दुर्गा की मूर्ति या चित्र उठाएं और उसे अपने पूजा कक्ष में रखें।
  • इसके अलावा यह भी देख लें कि जौ उग आए हैं। यदि आप देखते हैं कि वे हरे और ताजे हैं, तो इसका मतलब है कि यह आपके घर में समृद्धि लाएगा। सफेद जौ के अंकुर की तलाश करें। यदि आपको कोई मिल गया, तो यह आपके लिए बहुत भाग्यशाली है। इसे हरी मूंग के साथ मां दुर्गा को अर्पित करें।
  • बचे हुए स्प्राउट्स डाल दें। इन्हें किसी नदी, तालाब में प्रवाहित कर दें या किसी पीपल के पेड़ के नीचे रख दें।
  • मंदिर में या किसी ब्राह्मण को दक्षिणा (पैसा), एक नारियल और चौकी का कपड़ा दें।

 

जवारे विसर्जन करते समय मंत्र (Jaware Visarjan Mantra)

जवारे का विसर्जन करते समय आप निम्नलिखित मंत्र का जाप कर सकते हैं:

जवारे विसर्जन मंत्र:

“या देवी सर्वभू‍तेषु माँ जवारे रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

इस मंत्र का जाप करते हुए, जवारे को नदी या समुद्र में विसर्जित करें और देवी की कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना करें। ध्यान रखें कि आप पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ इस कार्य को कर रहे हैं।

 जवारे विसर्जन के समय कुछ बातों का ध्यान रखें:

  • जवारे को नदी या किसी अन्य स्वच्छ जल स्त्रोत में प्रवाहित करें।
  • जवारे को किसी भी तरह से नुकसान न पहुंचाएं।
  • जवारे विसर्जन के बाद मां दुर्गा से प्रार्थना करें।

नवरात्रि जवारे विसर्जन का महत्व (Importance of Navratri Jaware Visarjan)

नवरात्रि जवारे विसर्जन का महत्व निम्नलिखित है:

  • मां दुर्गा की कृपा प्राप्ति:

नवरात्रि जवारे विसर्जन से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। मां दुर्गा को नवदुर्गा के रूप में पूजा जाता है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। जवारे विसर्जन से मां दुर्गा की कृपा से घर में सुख-शांति बनी रहती है।

  • प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा:

जवारे विसर्जन से प्राकृतिक संसाधनों की भी रक्षा होती है। जवारे को नदी या किसी अन्य जल स्त्रोत में प्रवाहित किया जाता है। इससे जल प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है।

  • नववर्ष की शुरुआत:

नवरात्रि के बाद नववर्ष की शुरुआत होती है। जवारे विसर्जन से नववर्ष के लिए शुभ शुरुआत होती है।

निष्कर्ष:–

नवरात्रि जवारे विसर्जन नवरात्रे 2023 एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है। यह एक ऐसा अवसर है जब हम मां दुर्गा से अपनी प्रार्थना करते हैं और उनके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। जवारे विसर्जन को विधिवत और श्रद्धापूर्वक करने से हमें मांपी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और हमारे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

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Navratri Jaware Visarjan Date 2023: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्र: जवारे का विसर्जन कैसे करें?

उत्तर: जवारे का विसर्जन नवरात्रि के आखिरी दिन, जो नवमी के रूप में मनाया जाता है, को करें। पहले पूजा करें, फिर जवारे को साथी भक्तों के साथ नदी, समुद्र या तालाब की ओर ले जाएं। वहाँ उसे पानी में बहा दें और आरती गाएं, माता के आशीर्वाद की प्रार्थना करें।

प्रश्र: जवारा विसर्जन कब होगा?

उत्तर: जवारे का विसर्जन नवरात्रि के आखिरी दिन, जो नवमी के रूप में मनाया जाता है, को किया जाता है।

प्रश्र: माता के जवारे का क्या करें?

उत्तर: माता के जवारे को उगाने के बाद ध्यान से देखभाल करें। उसे पानी से धोकर साफ करें और नियमित रूप से पूजा करें। विसर्जन के दिन उसे उचित रीति से विसर्जित करें।

प्रश्र: जवारे कितने दिन में होते हैं?

उत्तर: जवारे नवरात्रि के नौ दिनों तक होते हैं, जिसमें प्रत्येक दिन को एक स्वरूप में पूजा जाता है।

प्रश्र: जवारे विसर्जन कब है?

उत्तर: जवारे का विसर्जन नवरात्रि के आखिरी दिन, जो नवमी के रूप में मनाया जाता है, को किया जाता है।

प्रश्र: नवरात्रि में उगे हुए जौ का क्या करना चाहिए?

उत्तर: नवरात्रि में उगे हुए जौ को ध्यान से देखभाल करें। उसे पानी से संभाल कर सुरक्षित रखें और पूजा में उपयोग करें, या विसर्जन के बाद उसे प्राकृतिक रूप से बहा दें।

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