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Day 1 Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा कैसे करें

Day 1 Shardiya Navratri 2023: 15 अक्टूबर 2023 को नवरात्रि का पहला दिन है। शारदीय नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस लेख में आपको मां शैलपुत्री के बारे में विस्तार से बताया गया है, जिसमें उनकी पूजा विधि, मंत्र, स्तुति, भोग और रंग शामिल हैं।

Day 1 Shardiya Navratri 2023

शारदीय नवरात्रि का पहला दिन देवी के नौ रूपों में से एक देवी “शैलपुत्री” की पूजा करने का दिन है। यह दिन घटस्थापना (Kalash Sthapna) से शुरू होता है, जिसका अर्थ है कि अनुयायियों को मिट्टी के बर्तन में अनाज के बीज बोने होते हैं, जो घर में देवी दुर्गा की उपस्थिति का प्रतीक है। 

Sharad Navratri 2023

 

Shardiya Navratri 2023

नवरात्रि के पहले दिन, घट स्थापना पूजा/ कलश स्थापना, अखंड ज्योत स्थापना (Akhand Jyoti Sthapna), फूल और अन्य श्रृंगार सामग्री चढ़ाने, नारियल चढ़ाने और देवी का आह्वान करने, भोग और पानी चढ़ाने आदि की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। इसके बाद, भक्त भजन, मंत्र जाप, और मां शैलपुत्री की प्रार्थना करते हैं। वे विशेष वस्त्र धारण करते हैं और अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ देवी की पूजा करते हैं।

आइए मां शैल पुत्री के पूजा विधि, मंत्र, स्तुति, भोग और रंग के बारे में विस्तार से पंडित जितेंद्र व्यास जी  की ओर से जानें।

कौन हैं मां शैलपुत्री? (Who is Maa Shailputri?)

देवी दुर्गा के नौ रूपों में से पहला रूप हैं। शैलपुत्री का नाम ‘शैल’ और ‘पुत्री’ से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है ‘पर्वत की पुत्री’। उन्हें ‘हिमालय की पुत्री’ के रूप में जाना जाता है। मां शैलपुत्री को ज्ञान, शक्ति और सौभाग्य की देवी माना जाता है।

maa-shailputri

शारदीय नवरात्रि प्रथम दिन 2023 तिथि (Shardiya Navratri First Day 2023 Date)

शरद नवरात्रि का पहला दिन 15 अक्टूबर 2023 को है और यह देवी शैलपुत्री को समर्पित है, जो प्रकृति का ही एक रूप हैं।  वह देवी दुर्गा का पहला अवतार (पहला अवतार) हैं।

शरद नवरात्रि पूजा शुभ मुहूर्त (Sharad Navratri Puja Shubh Muhurat)

संवत् 2080 आश्विन  शुक्ल 1 शनिवार दिनांक 15 /10 / 2023 रविवार को 

दिवा 12:01 से 12:46 अभिजित वेला 

में पूजन एवं घटस्थापन करना शुभ रहेगा।

 ➧ शारदीय नवरात्रि 2023 का पहला दिन –

तिथि: 15 अक्टूबर, 2023 (रविवार)

➧ शारदीय नवरात्रि के पहले दिन पहनने का रंग –

मां शैलपुत्री को सफेद रंग पसंद है और इस दिन सफेद रंग का कपड़ा अर्पित करना चाहिए।

➧ शारदीय नवरात्रि के पहले दिन चढ़ाने वाला प्रसाद

घी

➧ शारदीय नवरात्रि के पहले दिन किया जाने वाला दान –

ताजा और सुगंधित फूल और श्रृंगार सामग्री

➧ शारदीय नवरात्रि के पहले दिन किया जाने वाला दान –

मां शैलपुत्री को सफेद रंग के फूल, सफेद मिठाई, गाय का घी, दूध, दही और शहद का भोग लगाया जाता है।

मां शैलपुत्री की पूजा विधि (Maa Shailputri Puja Vidhi)

मां शैलपुत्री की पूजा करने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  • एक चौकी या पीढ़ा
  • एक कलश
  • गंगाजल
  • मिट्टी
  • चावल
  • हल्दी
  • कुमकुम
  • कलावा
  • नारियल
  • फूल
  • धूप
  • दीप
  • फल
  • मिठाई
  • पान
  • सुपारी
  • लौंग
  • इलायची
  • मौली
  • रुद्राक्ष
  • माला
  • अक्षत
  • मंत्र

मां शैलपुत्री की पूजा विधि निम्नलिखित है:

  1. सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करके गंगाजल छिड़कें।
  2. चौकी या पीढ़े पर कलश स्थापित करें।
  3. कलश में गंगाजल, मिट्टी, चावल, हल्दी, कुमकुम, कलावा, नारियल और फूल भरें।
  4. कलश के ऊपर मौली, रुद्राक्ष और माला बांधें।
  5. कलश के सामने मां शैलपुत्री की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।
  6. मां शैलपुत्री को अक्षत, फूल, धूप, दीप और फल अर्पित करें।
  7. मां शैलपुत्री के मंत्र, प्रार्थना, स्तुति, ध्यान, स्त्रोत, कवच का जाप करें।
  8. मां शैलपुत्री की आरती करें।
  9. अंत में प्रसाद वितरित करें।

मांगलिक और आंशिक मांगलिक दोष क्या है

मां शैलपुत्री मंत्र (Maa Shailputri Mantra)

  • ओम देवी शैलपुत्री, नमः
  • ओम हिमालय सुताय नमः
  • ओम ब्रह्मचारिणी नमः
  • Om Devi Shailaputri, Namah
  • Om Himalaya Sutaya Namah
  •  Om Brahmacharini Namah

मां शैलपुत्री प्रार्थना (Maa Shailputri Prayer)

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

Vande Vanchhitalabhaya Chandrardhakritashekharam।

Vrisharudham Shuladharam Shailaputrim Yashasvinim॥

मां शैलपुत्री स्तुति (Maa Shailputri Stuti)

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

Ya Devi Sarvabhuteshu Maa Shailaputri Rupena Samsthita।
Namastasyai Namastasyai Namastasyai Namo Namah॥

मां शैलपुत्री ध्यान (Maa Shailputri Dhyana)

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

वृषारूढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

पूणेन्दु निभाम् गौरी मूलाधार स्थिताम् प्रथम दुर्गा त्रिनेत्राम्।

पटाम्बर परिधानां रत्नाकिरीटा नामालंकार भूषिता॥

प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम्।

कमनीयां लावण्यां स्नेमुखी क्षीणमध्यां नितम्बनीम्॥

Vande Vanchhitalabhaya Chandrardhakritashekharam।

Vrisharudham Shuladharam Shailaputrim Yashasvinim॥

Punendu Nibham Gauri Muladhara Sthitam Prathama Durga Trinetram।

Patambara Paridhanam Ratnakirita Namalankara Bhushita॥

Praphulla Vandana Pallavadharam Kanta Kapolam Tugam Kucham।

Kamaniyam Lavanyam Snemukhi Kshinamadhyam Nitambanim॥

shardiya navratri 2023

मां शैलपुत्री स्त्रोत (Maa Shailputri Strotra)

प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागरः तारणीम्।

धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥

त्रिलोजननी त्वंहि परमानन्द प्रदीयमान्।

सौभाग्यरोग्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥

चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह विनाशिनीं।

मुक्ति भुक्ति दायिनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥

Prathama Durga Tvamhi Bhavasagarah Taranim।

Dhana Aishwarya Dayini Shailaputri Pranamamyaham॥

Trilojanani Tvamhi Paramananda Pradiyaman।

Saubhagyarogya Dayini Shailaputri Pranamamyaham॥

Charachareshwari Tvamhi Mahamoha Vinashinim।

Mukti Bhukti Dayinim Shailaputri Pranamamyaham॥

मां शैलपुत्री का कवच (Maa Shailputri Kavacha)

ॐकारः में शिरः पातु मूलाधार निवासिनी।

हींकारः पातु ललाटे बीजरूपा महेश्वरी॥

श्रींकार पातु वदने लावण्या महेश्वरी।

हुंकार पातु हृदयम् तारिणी शक्ति स्वघृत।

फट्कार पातु सर्वाङ्गे सर्व सिद्धि फलप्रदा॥

Omkarah Mein Shirah Patu Muladhara Nivasini।

Himkarah Patu Lalate Bijarupa Maheshwari॥

Shrimkara Patu Vadane Lavanya Maheshwari।

Humkara Patu Hridayam Tarini Shakti Swaghrita।

Phatkara Patu Sarvange Sarva Siddhi Phalaprada॥

मां शैलपुत्री आरती (Maa Shailputri Aarti)

शैलपुत्री माँ बैल असवार। करें देवता जय जय कार॥

शिव-शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने न जानी॥

पार्वती तू उमा कहलावें। जो तुझे सुमिरे सो सुख पावें॥

रिद्धि सिद्धि परवान करें तू। दया करें धनवान करें तू॥

सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती जिसने तेरी उतारी॥

उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुःख तकलीफ मिटा दो॥

घी का सुन्दर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के॥

श्रद्धा भाव से मन्त्र जपायें। प्रेम सहित फिर शीश झुकायें॥

जय गिरराज किशोरी अम्बे। शिव मुख चन्द्र चकोरी अम्बे॥

मनोकामना पूर्ण कर दो। चमन सदा सुख सम्पत्ति भर दो॥

मां शैलपुत्री की कथा (Maa Shailputri Katha)

एक समय की बात है, हिमालय पर्वतों के राजा हिमालय और उनकी पत्नी मैनावती के यहां एक कन्या हुई। कन्या का जन्म होते ही हिमालय और मैनावती बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने कन्या का नाम शैलपुत्री रखा, क्योंकि वह हिमालय की पुत्री थी।

शैलपुत्री का बचपन बहुत सुख से बीता। उन्होंने अपने पिता से ज्ञान और शक्ति प्राप्त की। शैलपुत्री बहुत ही बुद्धिमान और तेजस्वी थी। वह भगवान शिव की बहुत बड़ी भक्त थी।

एक दिन, शैलपुत्री ने भगवान शिव से विवाह करने का संकल्प लिया। उन्होंने घोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें वरदान दिया।

भगवान शिव ने शैलपुत्री को देवी दुर्गा का रूप प्रदान किया। शैलपुत्री ने भगवान शिव के साथ मिलकर सभी राक्षसों का वध किया और संसार को बचाया।

Day 1 Shardiya Navratri 2023: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल 

प्रश्र: पहली नवरात्रि 2023 की तारीख क्या है?

उत्तर: प्रथम नवरात्रि 2023 की तारीख 15 अक्टूबर 2023 है। इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है।

प्रश्र: 2023 में नवरात्रि के 9 दिन के रंग क्या हैं?

उत्तर: 2023 में नवरात्रि के 9 दिन के रंग निम्नलिखित हैं: दिन 1: शैलपुत्री (सफेद), दिन 2: ब्रह्मचारिणी (सफेद और चांदी), दिन 3: चंद्रघंटा (लाल), दिन 4: कुष्मांडा (गहरा नीला), दिन 5: स्कंदमाता (पीला), दिन 6: कात्यायनी (हरा), दिन 7: कालरात्रि (ग्रे), दिन 8: महागौरी (बैंगनी), दिन 9: सिद्धिदात्री (पीकॉक ग्रीन)

प्रश्र: नवरात्रि 2023 में क्या करें?

उत्तर: नवरात्रि 2023 में, आप मां दुर्गा की पूजा करें, व्रत रखें, भजन और मंत्रों का जाप करें, दान करें

प्रश्र: कौन हैं देवी शैलपुत्री?

उत्तर: देवी शैलपुत्री देवी दुर्गा का पहला रूप हैं। उन्हें हिमालय की पुत्री के रूप में जाना जाता है। देवी शैलपुत्री को ज्ञान, शक्ति और सौभाग्य की देवी माना जाता है।

प्रश्र: देवी शैलपुत्री क्यों महत्वपूर्ण हैं?

उत्तर: देवी शैलपुत्री देवी दुर्गा का पहला रूप हैं। इसलिए, वे सभी नौ रूपों की शुरुआत हैं। देवी शैलपुत्री को ज्ञान, शक्ति और सौभाग्य की देवी माना जाता है। उनकी पूजा करने से इन सभी लाभों की प्राप्ति होती है।

प्रश्र: माँ शैलपुत्री की पूजा का महत्व क्या है?

उत्तर: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा करने से जीवन में ज्ञान, सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

प्रश्र: माँ शैलपुत्री की शक्ति क्या है?

उत्तर: माँ शैलपुत्री को ज्ञान, शक्ति और सौभाग्य की देवी माना जाता है और यही उनकी शक्ति है। 

प्रश्र: शैलपुत्री माता का पसंदीदा रंग कौन सा है?

उत्तर: शैलपुत्री माता का पसंदीदा रंग सफेद है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा में सफेद रंग का उपयोग किया जाता है। मां शैलपुत्री को सफेद रंग बहुत पसंद है।

प्रश्र: माँ शैलपुत्री का पसंदीदा भोजन क्या है?

उत्तर: माँ शैलपुत्री को सफेद मिठाई, गाय का घी, दूध, दही और शहद का भोग लगाया जाता है। इन सभी चीजों को मां शैलपुत्री बहुत पसंद करती हैं।

प्रश्र: शैलपुत्री का पसंदीदा फूल कौन सा है?

उत्तर: शैलपुत्री माता का पसंदीदा फूल श्वेत कमल, गुड़हल का फूल  है। श्वेत कमल को शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। शैलपुत्री माता को भी शुद्धता और पवित्रता बहुत पसंद है।

आगे पढ़िए: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की कैसे करें पूजा

maa durga

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