Dhanteras 2023: जाने धनतेरस के दिन झाड़ू क्यों खरीदी जाती है?
Dhanteras 2023: धनतेरस का त्योहार धन और समृद्धि के आगमन का प्रतीक है। धनतेरस के दिन सोना, चांदी, बर्तन, पीतल, झाड़ू आदि खरीदना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों को खरीदने से घर में धन और समृद्धि आती है।
Dhanteras 2023
धनतेरस, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन सोना, चांदी, पीतल और अन्य वस्तुओं की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। झाड़ू भी धनतेरस के दिन खरीदी जाने वाली एक महत्वपूर्ण वस्तु है। झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
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क्या है धनतेरस? (What Is Dhanteras?)
धनतेरस हिन्दू पंचांग के कार्तिक महीने की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन लोग मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं और धन, समृद्धि, और खुशियों की प्राप्ति की कामना करते हैं। धनतेरस का मतलब होता है ‘धन की 13वीं तिथि’ जो कि कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि होती है। यह पर्व दीपावली के पहले दिन मनाया जाता है।
2023 में धनतेरस कब है? (When is Dhanteras in 2023?)
धनतेरस हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इसे धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। 2023 में धनतेरस 10 नवंबर, दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी।
धनतेरस की तिथि और समय (Dhanteras Date and Time)
तिथि: कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी
दिन: शुक्रवार
तारीख: 10 नवंबर, 2023
पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 5:47 बजे से शाम 7:43 बजे तक
धनतेरस में झाड़ू क्यों खरीदी जाती है? (Why Are Brooms Bought On Dhanteras?)
धनतेरस में झाड़ू खरीदना (Jhadu) किसी भी हिन्दू परिवार के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह पर्व धन, समृद्धि, और स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है और झाड़ू की खरीदी इस धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को प्रकट करती है।
- घर की सफाई का प्रतीक:
झाड़ू घर की सफाई का प्रतीक है। यह साफ, सुरम्य और शुद्ध घर की प्रतिष्ठा को दर्शाता है। धनतेरस पर नई झाड़ू की खरीदी से लोग घर की सफाई को प्राथमिकता देते हैं, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- व्यापारिक महत्व:
धनतेरस पर नई झाड़ू की खरीदी करना व्यापार में भी वृद्धि का प्रतीक माना जाता है। व्यापारिक संकेत में, यह नई उम्मीदों और संदेश का प्रतीक होता है कि नए शुरुआतों की ओर बढ़ावा दिया जा रहा है।
- आर्थिक समृद्धि:
धनतेरस पर झाड़ू की खरीदी से लोग आर्थिक समृद्धि और व्यापार में वृद्धि की प्रतीति करते हैं। यह आर्थिक खुशहाली की ओर संकेत करता है और व्यापारिक सफलता का प्रतीक होता है।
- धार्मिक महत्व:
हिन्दू धर्म में शुद्धता का महत्व बड़ा है। झाड़ू की खरीदी करना धार्मिक दृष्टिकोन से भी महत्वपूर्ण है। यह धार्मिक आदत को बनाए रखने में मदद करता है और घर की शुद्धता को बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है।
इस तरह, धनतेरस पर झाड़ू खरीदने का प्रत्येक पहलू व्यापारिक, सामाजिक, आर्थिक, और धार्मिक दृष्टिकोन से महत्वपूर्ण है और यह लोगों के जीवन में समृद्धि और खुशहाली की ओर प्रेरित करता है।
धनतेरस पर झाड़ू खरीदने के लिए टिप्स (Tips To Buy Broom On Dhanteras)
धनतेरस पर झाड़ू खरीदते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- फूल और सिंक वाली झाड़ू खरीदें। फूल और सिंक वाली झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
- झाड़ू अच्छी क्वालिटी की होनी चाहिए। झाड़ू अच्छी क्वालिटी की होनी चाहिए ताकि वह लंबे समय तक चल सके।
- झाड़ू को किसी शुभ मुहूर्त में खरीदें।
झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक क्यों माना जाता है? (Why Is Broom Considered A Symbol Of Goddess Lakshmi?)
हिंदू धर्म में, माता लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं। झाड़ू को घर की सफाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है, और सफाई को अक्सर धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, यह माना जाता है कि धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से मां लक्ष्मी का वास होता है और घर में धन धान्य की बरकत रहती है।
पुरानी झाड़ू का क्या करें? (What To Do With An Old Broom?)
धनतेरस के दिन नई झाड़ू खरीदने के बाद, पुरानी झाड़ू को किसी शुभ मुहूर्त में नदी या तालाब में बहा देना चाहिए। ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी का आगमन होता है और आर्थिक उन्नति होती है।
पुराने झाड़ू को फेंकते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- पुरानी झाड़ू को किसी शुभ मुहूर्त में फेंकें।
- पुरानी झाड़ू को घर से बाहर निकालते समय पीछे मुड़कर न देखें।
- पुरानी झाड़ू को नदी या तालाब में बहा दें।
पुरानी झाड़ू को फेंकने के कारण (Reasons To Throw Away Old Broom)
पुराने झाड़ू को फेंकने के पीछे कई कारण हैं–
- पुरानी झाड़ू को अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पुरानी झाड़ू में नकारात्मक ऊर्जा होती है जो घर में दरिद्रता ला सकती है।
- दूसरा कारण यह है कि पुरानी झाड़ू को घर से बाहर निकालने से मां लक्ष्मी को घर में प्रवेश करने में आसानी होती है।
यदि आप पुरानी झाड़ू को नदी या तालाब में नहीं फेंक सकते हैं, तो आप उसे किसी दान की दुकान में दे सकते हैं या उसे किसी गरीब व्यक्ति को दे सकते हैं।
निष्कर्ष:
धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना एक शुभ कार्य है। झाड़ू खरीदने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है और घर में धन-धान्य की बरकत रहती है।
Dhanteras 2023: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्र: दीपावली में झाड़ू क्यों खरीदना चाहिए?
उत्तर: दीपावली, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन घरों की सफाई और सजावट का विशेष महत्व है। झाड़ू को घर की सफाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए दीपावली के दिन झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है।
प्रश्र: दीपावली पर झाड़ू कब खरीदना चाहिए?
उत्तर: दीपावली के दिन झाड़ू खरीदना सबसे अच्छा माना जाता है। हालांकि, धनतेरस के दिन भी झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है।
प्रश्र: धनतेरस में झाड़ू खरीदने से क्या लाभ होता है?
उत्तर: धनतेरस में झाड़ू खरीदने से कई लाभ होते हैं। ऐसा माना जाता है कि झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है और घर में धन-धान्य की बरकत रहती है। इसके अलावा, झाड़ू को गरीबी और अभाव का प्रतीक भी माना जाता है। इसलिए, धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने से घर से गरीबी और अभाव दूर होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
प्रश्र: क्या हम धनतेरस पर पुरानी झाड़ू फेंक सकते हैं?
उत्तर: नहीं, धनतेरस पर पुरानी झाड़ू फेंकना अशुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पुरानी झाड़ू में घर का नकारात्मक ऊर्जा रहती है। इसलिए, धनतेरस पर पुरानी झाड़ू को किसी बहते हुए पानी में प्रवाहित करना चाहिए।
प्रश्र: धनतेरस पर पुरानी झाड़ू का क्या करें?
उत्तर: धनतेरस पर पुरानी झाड़ू को किसी बहते हुए पानी में प्रवाहित करना चाहिए। ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
प्रश्र: दिवाली के दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए?
उत्तर: दिवाली के दिन कुछ चीजें खरीदना अशुभ माना जाता है। इनमें शामिल हैं:
- चाकू, कैंची, छुरी, सुई, आदि: इन वस्तुओं को नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है।
- काला कपड़ा, काला जूता, आदि: काले रंग को अशुभ माना जाता है।
प्रश्र: पुरानी झाड़ू को किस दिन फेंकना है?
उत्तर: पुरानी झाड़ू को किसी भी दिन बहते हुए पानी में प्रवाहित किया जा सकता है। हालांकि, धनतेरस और दीपावली के दिन झाड़ू फेंकना सबसे अच्छा माना जाता है।
प्रश्र: झाड़ू को लक्ष्मी क्यों माना जाता है?
उत्तर: झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि झाड़ू घर की सफाई के लिए इस्तेमाल की जाती है। सफाई को अक्सर धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है।
!!धनतेरस की शुभकामनाएं!!
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