हर महिला के लिए प्रेगनेंसी एक ऐसा समय है तो उसकी जिंदगी के लिए बहुत खास होता है। जहां इस अवस्था की हर महिला को खुशी होती है वहीं पर इस अवस्था में बहुत सारी तकलीफ और बहुत सी प्रीकोशन्स का भी काफी ध्यान रखना पड़ता है। प्रेगनेंसी में हर महिला को अलग-अलग चीजें खाने की क्रेविंग होती है जैसे कि किसी को मीठा खाना बहुत पसंद होता है, और कभी तीखा खाना और कुछ महिलाओं को कड़वा खाने की भी क्रेविंग होती है।
ऐसा देखा गया है कि प्रेगनेंसी के दौरान कुछ महिलाओं को करेला खाने का भी मन होता है। इसलिए आज हम आपके लिए प्रेगनेंसी में करेला खाने के फायदे और नुकसान (Benefits of eating Karela in pregnancy) के बारे में लेकर आए हैं। ताकि इस अवस्था में आप अपनी क्रेविंग को किस तरह से हैंडल करें। वैसे तो करेला खाने के बहुत से फायदे हैं और गर्भावस्था में हेलदी खाने पर फोकस करने की सलाह भी दी जाती है ताकि आपको और आपके होने वाले बच्चे को किसी भी तरह का नुकसान ना हो। तो चलिए जानते हैं कि करेला खाना गर्भवती महिलाओं के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है?
गर्भावस्था में करेला खाने के फायदे!! (Advantages of eating bitter gourd in pregnancy!!)
. करेला होता है फाइबर से भरपूर
करेला खाने से गर्भवती महिला के शरीर में फाइबर की कमी नहीं रहती है। करेला एक मौसमी सब्जी है। प्रेग्नेंट महिलाओं को फाइबर की आवश्यकता होती है जिसके लिए वह सप्लीमेंट्स भी लेती हैं। प्रेगनेंसी में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते रहते हैं जिनसे निपटने के लिए उन्हें बहुत सारे ऐसे आहार की आवश्यकता होती है जो उनके शरीर की हर तरह की कमी को दूर कर सके। इसलिए लिमिट में करेले का सेवन प्रेगनेंसी में फाइबर की कमी को दूर करने में सहायक है।
· मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है करेला
जैसे कि हमने आपको बताया कि करेला फाइबर से भरपूर है इसलिए गर्भवती महिलाओं में कब्ज और बवासीर की समस्या को दूर करने के लिए भी काफी लाभदायक है। साथ ही इसमें फाइबर होने की वजह से यह प्रेग्नेंट महिलाओं में जंक फूड खाने की क्रेविंग को भी कम करता है, जोकि उनकी सेहत के लिए फायदेमंद है।
· एंटी डायबिटिक होता है करेला
प्रेगनेंसी के दौरान कई महिलाओं को डायबिटीज की समस्या हो जाती है। करेला खाने से इस समस्या से दूर रहा जा सकता है। क्योंकि करेले में चारैनटीन तथा पॉलिपेप्टाइड पी जैसे तत्व काफी मात्रा में पाए जाते हैं जो की प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज से लड़ने में मदद करता है। इसलिए जिस महिला को इस दौरान करेला खाने की क्रेविंग होती है उसे डायबिटीज की समस्या नहीं हो सकती है।
· करेला है एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
प्रेगनेंसी में करेला खाने के फायदे में एक फायदा यह भी है कि करेले में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो की आपके शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा को बढ़ा देता है। और बॉडी में नुकसान देने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में काफी सहायक होता है। ऐसा कहा जा सकता है कि करेला खाने से प्रेगनेंट वूमेन की इम्युनिटी बढ़ती है और वह अपने अंदर चलने वाले बहुत से बदलाव को सहन करने की शक्ति पैदा कर सकती हैं। इसलिए अगर आप करेले के मौसम में प्रेग्नेंट है तो आपको इसके एंटीऑक्सीडेंट गुणों की वजह से करेले का सेवन अपने आहार में करना चाहिए।
· एक्स्क्रीशन को नियंत्रित करता है प्रेगनेंसी में करेले का सेवन
बहुत सारे सोर्सेस से यह पता चला है कि करेला पेरीस्टाल्सिस को बढ़ाने में मदद करता है। जिससे कि गर्भवती महिला की कब्ज की समस्या दूर रहती है। क्योंकि इस समय में बहुत-सी महिलाओं को मल त्याग में समस्या होनी स्वाभाविक है। तो गर्भवस्था में करेले का सेवन (Bitter gourd in pregnancy) करने से उनके पाचन तंत्र और एक्स्क्रीशन सिस्टम को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। अगर आप प्रेग्नेंट हैं और आपको मल त्याग में समस्या होती है तो करेला उसके लिए एक सहायक दवा सिद्ध हो सकती है।
· करेले में होता है अच्छी मात्रा में फालेट
प्रेगनेंट वूमेन को फालेट की अच्छी खासी मात्रा की जरूरत होती है जो कि वह करेले में पाई जा सकती है। फालेट एक गर्भवती महिला के लिए जरूरी है जोकि उनके गर्भ में पलने वाले शिशु को न्यूरल ट्यूब दोष से दूर रखता है। बहुत सारे एक्सपेरिमेंट्स के अनुसार करेले में दैनिक आवश्यकता का एक चौथाई हिस्सा फालेट मौजूद होता है जो कि इस अवस्था में हर महिला के लिए बेहद जरूरी है।
तो यह थे प्रेगनेंसी के दौरान करेला खाने के कुछ फायदे!! (Benefits of eating bitter gourd in pregnancy) मगर ऐसा नहीं है करेला खाने से प्रेगनेंट वूमेन को कोई नुकसान नहीं होता है। क्योंकि हर चीज अगर आप जरूरत से ज्यादा सेवन करते हैं तो आप को नुकसान पहुंचा सकती है। तो चलिए अब हम आपको बता दें कि प्रेग्नेंट महिलाओं को करेला खाने से क्या नुकसान हो सकते हैं ताकि आप अपने आप को और अपने होने वाले बच्चे को इन नुकसानों से बचा सकें।
· फैविज्म की समस्या
करेला खाने से कुछ महिलाओं को फेविज्म की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। जो की रेड ब्लड सेल्स को खत्म करने लगती है जिसकी वजह से एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए करेले का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह लें। और अगर आपको ऐसी कोई खतरे की आशंका नजर नहीं आती है तो आप अपनी प्रेगनेंसी में करेला खा सकती है।
· ज्यादा करेला खाने से हो सकता है मिसकैरेज
वैसे तो प्रेगनेंसी में करेला खाने के फायदे बहुत हैं। मगर कोई भी चीज अगर हम जरूरत से ज्यादा खाते हैं तो उसका नुकसान भी हमारे शरीर को झेलना पड़ता है। ऐसी ही बहुत सारी रिपोर्ट से पता चला है कि अगर प्रेग्नेंट महिला जरूरत से ज्यादा करेला खाती है जो उनके मिसकैरेज का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा भी पाया गया है प्रेगनेंसी में करेले का जूस पीने से गर्भाशय में वाइब्रेशन भी होने लगती है जिसकी वजह से महिला को ब्लीडिंग की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
· पाचन संबंधी समस्या
जिन महिलाओं को कब्ज की समस्या प्रेगनेंसी में नहीं होती है उनके लिए ज्यादा करेला खाने से कब्ज की समस्या पैदा हो सकती है। इसके अलावा ज्यादा मात्रा में करेले का सेवन दस्त, गैस, पेट में ऐंठन और पेट फूलने की समस्या को जागरूक कर सकता है।
· सेंसटिविटी की समस्या
कई महिलाओं को करेले से एलर्जी होती है मगर यह बात उन्हें नॉरमल डेज में पता नहीं चलती। मगर प्रेगनेंसी के दिन कुछ खास होते हैं इन दिनों में कुछ ऐसी बीमारियां और प्रॉब्लम्स हो जाती हैं जो प्रेगनेंसी ओवर होने के बाद ठीक भी हो जाती हैं। तो हो सकता है प्रेगनेंसी के दौरान आपको करेले से सेंसटिविटी हो। इसलिए पहले करेले का सेवन करके अपने शरीर को उसके लिए इम्यून करें। या फिर अपने डॉक्टर से सलाह लेकर ही प्रेगनेंसी में करेले का सेवन (Eating bitter gourd in pregnancy) करें।
· टॉक्सिक की समस्या
गर्भावस्था के दौरान कोई भी चीज खाने से पहले उसके बारे में जान लेना अति आवश्यक होता है। ऐसा देखा गया है कि गर्भवती महिला का करेले का सेवन करने से टाक्सीसिटी समस्या बढ़ सकती है। इस सब्जी की पत्तियों के मुकाबले इसके बीच में ज्यादा टॉक्सिक पाए जाते हैं। इसलिए अगर आप करेले का सेवन करती हैं तो बेहतर है कि आप इसके बीज को ना खाएं।
क्या प्रेगनेंसी में करेले का जूस पिया जा सकता है?
वैसे तो करेले का जूस फायदेमंद होता है मगर कुछ रिसर्च से इस बात का पता चला है कि प्रेगनेंसी में करेले का जूस (Karela Joos in pregnancy) पीने से पेट में संकुचन हो सकता है। जिसकी वजह से ब्लीडिंग होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए आप अपने खाने में करेले का सेवन करें। मगर प्रेगनेंसी के दौरान करेले के जूस से जितना हो सके दूर रहे।
प्रेगनेंसी में कितनी मात्रा में करेला खाना चाहिए?
करेला अगर गर्भावस्था में आपका करेला खाने का मन होता है या फिर आप डायबिटीज की समस्या को दूर करने के लिए करेले का सेवन करती हैं तो इसे बहुत कम मात्रा में ही खाएं। बेहतर है कि आप करेले की मात्रा गर्भावस्था में अपने डॉक्टर की सलाह से ही लें। वैसे सप्ताह में दो से तीन बार एक करेले का ही सेवन करें। यह मात्रा आपके और आपके बच्चे के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
अगर आप को करेला खाना पसंद नहीं है और आपने आज तक करेले को स्वाद से नहीं खाया है तो बेहतर है कि आप अपने इन खास दिनों में करेले को ना खाएं। फिर भी अगर इस दौरान आपको क्रेविंग होती है तो आप दो से तिन दिन में एक करेले का सेवन कर सकती हैं वह आपके लिए नुकसानदायक नहीं होगा।
तो यह था आपके बहुत ही महत्वपूर्ण सवाल का जवाब कि गर्भवस्था में करेला खाना चाहिए या नहीं? (Should a pregnant woman eat Bitter Gourd or not?) हमने आपको प्रेगनेंसी में करेला खाने के फायदे और नुकसान (Benefits and limitations of eating Karela in pregnancy) के बारे में डिटेल में बताया है।
उम्मीद है कि आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा। वैसे तो हम अपने पोस्ट में हर तरह की जानकारी इंक्लूड करते हैं फिर भी अगर आपके मन में कुछ ऐसी जानकारी के बारे में प्रश्न उठता है जिसके बारे में आप हमसे जानना चाहते हैं तो आप हमारे कमेंट सेक्शन में हमें बेझिझक होकर लिख सकती हैं। आपके हर सवाल का जवाब बहुत जल्द ही दिया जाएगा।
प्रेगनेंसी में करेला खाने से रिलेटेड पूछे जाने वाले कुछ प्रश्न!! (FAQs related to Eating Karela in Pregnancy!!)
1. क्या गर्भावस्था में करेले के बीजों का सेवन करना महिला के लिए सुरक्षित है? (Can a pregnant woman eat Karela seeds?)
जी नहीं, जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि करेले के बीज में टेराकोजेनिक का प्रभाव होता है जो कि आपके होने वाले बच्चों के विकास में बाधा पैदा कर सकता है। और ऐसा भी हो सकता है कि आपके बच्चे में कुछ डिफेक्ट की समस्या हो जाए। इसलिए अगर प्रेगनेंसी में आपको करेला खाने की क्रेविंग होती है तो आप करेले के बीज का सेवन न करें।
2. क्या प्रेगनेंसी में करेले का जूस पीना लाभदायक है? (Is Karela Joos is beneficial for a pregnant woman?)
प्रेगनेंसी में करेले का सेवन एक लिमिट में करना आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है। अगर आपको करेला खाने से कोई एलर्जी नहीं है फिर भी करेले का जूस आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए अपने करेले खाने की क्रेविंग को करेला खा कर ही पूरा करें।
3. प्रेगनेंसी में करेला खाने से फेविज्म होने का क्या मतलब है? (What is Favijm in pregnancy?)
फेविज्म होने का मतलब है कि आपकी बॉडी में रेड ब्लड सेल्स को नुकसान हो रहा है। जिसकी वजह से आपका इम्यून सिस्टम भी खराब हो सकता है और एनीमिया का खतरा भी बढ़ सकता है। कुछ महिलाओं को प्रेगनेंसी में करेला खाने से फेविज्म का खतरा हो सकता है। इसलिए प्रेगनेंसी में करेले को अपने डॉक्टर की सलाह से ही खाएं।
4. करेले की तासीर क्या होती है? (What is taseer of Karela?)
वैसे तो करेले की तासीर ठंडी होती है इसीलिए यह पचाने में काफी हल्का होता है। करेला आपके शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है जो कि शरीर में वायु के स्तर को बढ़ाकर पाचन क्रिया को हेल्थी कर देता है। इसके साथ ही आपके पेट साफ होने की समस्या को भी दूर कर देता है।
5. क्या प्रेगनेंसी के तीसरे तिमाही के दौरान करेला खाना सुरक्षित है? (Is eating Karela is beneficial in Third Semester of Pregnancy?)
अगर हो सके तो आप अपने प्रेगनेंसी के थर्ड सेमेस्टर में करेले का सेवन ना करें। वैसे तो ऐसा करने से आपके शरीर और आपके होने वाले बच्चे को कोई नुकसान नहीं होगा। मगर इस समय में आपका बच्चा पूरा विकसित हो जाता है और उसके शरीर में कोई कमी कोई एलर्जी ना हो इसलिए आपको करेले का सेवन नहीं करना है।
6. क्या करेला और दही एक साथ खाया जा सकता है? (Can we eat Karela with Curd?)
नहीं, ऐसा करने से आपके शरीर में खुजली की वजह पैदा हो सकती है। क्योंकि दही में लैक्टिक एसिड पाया जाता है जो करेले के पोषक तत्वों से मिलकर खुजली की समस्या में कन्वर्ट हो सकता है। इसलिए करेले को कभी दही के साथ नहीं खाना चाहिए।