Lohri Essay in Hindi: लोहड़ी पर निबंध कैसे लिखें?
Lohri Essay in Hindi: लोहड़ी पर निबंध कैसे लिखें? यह लेख आपको लोहड़ी पर निबंध लिखने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करेगा। इसमें लोहड़ी का इतिहास, महत्व, प्रथाओं, और विशेषताओं के बारे में जानकारी दी गई है।
Lohri Essay in Hindi:
दोस्तों, आपका हमारी वेबसाइट पर स्वागत है। इस लेख Lohri Essay in Hindi में, हम आपको Lohri 2024 के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। इस लोहड़ी पर निबंध को पढ़कर आपको Lohri के विषय में विस्तृत ज्ञान होगा। लोहड़ी एक लोकप्रिय सर्दियों का पंजाबी लोक त्योहार है, जो मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में पंजाब क्षेत्र के सिखों और हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है। यह मकर संक्रांति से एक रात पहले मनाया जाता है, जिसे माघी के नाम से भी जाना जाता है।
लोहड़ी का त्योहार सर्दियों के मौसम के अंत और वसंत के आगमन का प्रतीक है। यह एक खुशी का त्योहार है जो आग, मिठाई, और भंगड़ा नृत्य के साथ मनाया जाता है।
लोहड़ी की पूजा में, लोग एक छोटी लकड़ी की ढेर, जिसे “लोहड़ी” कहा जाता है, को आग लगाते हैं। इस आग को सर्दी के मौसम के अंत और नई शुरुआत के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
लोहड़ी की पूजा में, लोग मिठाई, जैसे कि रेवड़ी, गुलाब जामुन, और मालपुआ, भी प्रसाद के रूप में चढ़ाते हैं। ये मिठाइयां खुशी और समृद्धि का प्रतीक हैं।
लोहड़ी का त्योहार भंगड़ा नृत्य के लिए भी प्रसिद्ध है। भंगड़ा एक पारंपरिक पंजाबी नृत्य है जो खुशी और उत्साह का प्रतीक है।
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लोहड़ी पर निबंध in Hindi 10 Lines (Lohri Essay in Hindi 10 Lines)
- लोहड़ी हिन्दी पंजाब राज्य का एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
- यह पर्व मुख्यत: बैसाखी के पहले दिन मनाया जाता है।
- लोहड़ी का मुख्य आयोजन सुबह और शाम को बैल गाड़ियों के चारों ओर होता है।
- लोग बैलों को सजाकर उन्हें चक्की चलाते हैं, जिससे उनका धन सुखद रहे।
- लोहड़ी में लोग आपस में मिठाईयां बांटते हैं और मिलकर धूप बनाते हैं।
- त्योहार के दिन लोग ब्राह्मणों को दान देते हैं और ब्राह्मण बच्चों को खिलौने भी देते हैं।
- लोहड़ी की रात को लोग बोनफायर जलाते हैं और नाच-गाने का आनंद लेते हैं।
- यह त्योहार फसलों की खेती की सफलता की ओर संकेत करता है।
- लोहड़ी में मकर संक्रांति का आगमन होता है जिसे हरियाली त्योहार के रूप में मनाया जाता है।
- इस खास मौके पर परिवार और दोस्त मिलकर खुशियां मनाते हैं।
Lohri Essay in Hindi 150 Words
शीत की विदाई, फसल के आगमन का उमंग: लोहड़ी
लोहड़ी पंजाब का ही नहीं, बल्कि पूरे भारतवर्ष का एक अनूठा त्योहार है, जो हर साल 13 जनवरी को मनाया जाता है। यह पर्व शीत ऋतु की विदाई और आगामी बसंत ऋतु के स्वागत का प्रतीक है। साथ ही, फसल के पकने और कटाई की खुशियों को भी लोहड़ी के माध्यम से व्यक्त किया जाता है।
इस पर्व पर लोग चौक या खेत में लकड़ी, उपले और गोबर के ढेर लगाकर अलाव जलाते हैं। अलाव के चारों ओर लोग ढोल की थाप पर नाचते-गाते हैं। रेवड़ी, मूंगफली, मक्का जैसे खाद्य पदार्थ आग में डालकर प्रसाद के रूप में ग्रहण किए जाते हैं। लोहड़ी के उत्सव में दुल्ला भट्टी की लोककथा का भी बड़ा महत्व है। कहा जाता है कि दुल्ला भट्टी गरीबों की मदद करता था और उनकी बेटियों की शादियाँ करवाता था। लोहड़ी के अवसर पर दुल्ला भट्टी को याद किया जाता है।
लोहड़ी का त्योहार आपसी प्रेम और सौहार्द्र का प्रतीक है। इस दिन लोग मिल-जुलकर खुशियाँ मनाते हैं और गीलों की फसल के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं। लोहड़ी की धधकती लपटें नकारात्मकता को दूर भगाती हैं और उम्मीद का संदेश फैलाती हैं।
लोहड़ी पर निबंध क्लास 5 (Lohri Essay In Hindi For Class 5)
लोहड़ी का त्योहार
सर्दियों का सितम धीरे-धीरे कम होने लगता है और तभी आता है खुशियों और आग की चटचट से जगमगाता हुआ, लोहड़ी का त्योहार! हर साल 13 जनवरी को मनाया जाने वाला यह त्योहार उत्तर भारत में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। लोहड़ी सिर्फ एक त्योहार ही नहीं, बल्कि फसल कटाई की खुशी, सर्दियों को विदाई और नए साल के स्वागत का भी प्रतीक है।
सुबह होते ही घरों की सफाई होती है, रंग-बिरंगे फूल सजाए जाते हैं और शाम को खुले मैदान में अलाव जलता है। बच्चे लकड़ियाँ और सूखी पत्तियों का ढेर इकट्ठा करते हैं, जिसमें बूढ़े-बुढ़ियाँ गुड़ की रेवड़ियाँ, मक्का, गन्ना और मूंगफली डालते हैं। फिर सब मिलकर “लोहड़ी, लोहड़ी, आग पड़ी लख लख! दे दही दे मक्खन, लोहड़ी मई बरके!” ये गाते हुए अलाव जलाते हैं। आग की लपटें आसमान को छूती हैं और चारों तरफ रोशनी फैलाती हैं। बच्चे अलाव के चारों ओर नाचते-गाते हैं, कभी धुन खटकाते हैं तो कभी ढोल बजाते हैं। बड़े लोग भी मस्ती में झूमते हैं और एक-दूसरे को ‘लोहड़ी मुबारक!’ कहते हैं।
लोहड़ी में पॉपुलर गीत “सुंदर मुंदरिये हो!” बच्चों को खास पसंद आता है। वे घर-घर जाकर ये गाना गाते हैं और गृहस्वामि उन्हें रेवड़ी, मूंगफली देते हैं। लोहड़ी की रात खीर और पंजाबी पराठों की खुशबू हवा में घुल जाती है। परिवार एक साथ बैठकर हंसी-खुशी से भोजन करते हैं और लोहड़ी का आनंद लेते हैं।
लोहड़ी सिर्फ मस्ती ही नहीं, बल्कि हमें प्रकृति के साथ जुड़ने का भी संदेश देती है। अलाव की गरमी सर्दियों की ठंड को मिटाती है और फसल के साथ जली हुई पत्तियाँ उर्वरता बढ़ाती हैं। यह त्योहार हमें बताता है कि पुरानी चीजों को छोड़कर नए की ओर बढ़ना चाहिए, जैसे सर्दियों के बाद वसंत आता है और फसल के बाद नई शुरुआत होती है।
तो चलो इस लोहड़ी में हम अलाव के पास खड़े होकर, पुरानी बुराइयों को जला दें और खुशियों के साथ नए साल का स्वागत करें!
लोहड़ी पर निबंध हिंदी में 200-300 शब्दों में (Essay on Lohri in Hindi in 200-300 Words)
लोहड़ी हिन्दी कैलेंडर के माघ महीने में मनाया जाने वाला एक प्रमुख पंजाबी त्योहार है। यह त्योहार खासकर उत्तर भारत में मनाया जाता है, जहां लोग सर्दी की समाप्ति और फसलों की खेती की शुरुआत को खुशी से मनाते हैं। लोहड़ी का अर्थ होता है ‘लोहा’ या ‘लोहड़ा’, जिससे यह ज्ञात होता है कि यह त्योहार खेतों में फसलों की उत्तमता की प्राप्ति का प्रतीक है।
लोहड़ी के दिन लोग अपने घरों के आस-पास एकत्र होकर बोनफायर जलाते हैं। इस बोनफायर के चारों ओर लोग बैठकर मिलकर गाने गाते हैं और मिठाईयों का साझा करते हैं। इससे एक गर्म और खुशीभरा माहौल बनता है जो सभी को एकसाथ जोड़ता है।
लोहड़ी के दिन लोग धरती माता का आभास करते हैं और उन्हें धन्यवाद अर्पित करते हैं। यह त्योहार सोशल बॉन्डिंग को मजबूती से बढ़ाता है और लोगों को आपसी संबंधों को महत्वपूर्णता देने का संदेश देता है। इसके रूप में लोहड़ी एक रंगीन और उत्साहभरा त्योहार है, जो भारतीय सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है।
लोहड़ी सिर्फ त्यौहार नहीं, बल्कि नई शुरुआत का प्रतीक है। ये हमें अतीत को भुलाकर भविष्य की ओर आशा भरी निगाहों से देखने की सीख देता है। इस लोहड़ी के पावन अवसर पर आइए हम अग्नि की तरह अपने अंदर की नकारात्मकता को जलाएं, खुशियों का गीत गाएं, मिठास बांटें और एक उज्जवल भविष्य की कामना करें।
लोहड़ी मुबारक!
लोहड़ी पर निबंध हिंदी में 400-600 शब्दों में (Essay on Lohri in Hindi in 400-600 Words)
ज़रा आंखें बंद कीजिए और कल्पना कीजिए, सर्दी की कड़ाकेदार रात, आसमान में चमकते सितारे और दूर-दूर तक फैली खुशियों की रोशनी। हवा में धधकती आग के चारों ओर नाचते-गाते लोग और ढोल की थाप पर थिरकते पैर। यही है लोहड़ी, पंजाब की धरती का वो अनोखा त्योहार जो साल के सबसे छोटे दिन और सबसे लंबी रात को खुशियों से जगमगा देता है।
लोहड़ी का इतिहास और महत्व:
लोहड़ी का त्योहार मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है, यानी उसके उत्तरी गोल में प्रवेश का सफर शुरू होता है। दिन छोटे से बड़े होने लगते हैं और सर्दी का सितम धीरे-धीरे कम होने लगता है। लोहड़ी फसल पकने की खुशी का भी प्रतीक है, किसान खेतों से बहुमूल्य उपज घर लाते हैं और आग में नई फसल का भोग देकर कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, लोहड़ी का संबंध दैत्य लोहि से भी जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि प्रह्लाद को आग में जलाने की कोशिश की गई थी, लेकिन भक्त हनुमान ने उन्हें बचा लिया था। तभी से लोहड़ी के पवित्र अग्नि में बुराई का नाश करने की परंपरा चली आ रही है।
लोहड़ी के रंग:
लोहड़ी का रंग ही निराला होता है। ढोल की थाप पर नाचते लोग, हवा में उड़ते बीज, आग की लपटों में जलते रेवड़ियां, ये सब मिलकर एक ऐसा नज़ारा बनाते हैं जिसे आंखें कभी भूल नहीं पातीं। लोहड़ी के मौके पर घरों की साफ-सफाई होती है, नए कपड़े पहने जाते हैं और घर आंगन को फूलों से सजाया जाता है। शाम होते ही गांव के चौक में अलाव जलाया जाता है, जिसे ‘लोहड़ी’ कहा जाता है। लोग इस आग के चारों ओर इकट्ठा होते हैं, ढोल ताशे बजते हैं और खुशी का माहौल बन जाता है।
लोहड़ी की परंपराएं:
लोहड़ी की रात कई तरह की परंपराएं निभाई जाती हैं। बच्चे दरवाजे-दरवाजे जाकर ‘लोहड़ी मांगते’ हैं। लोग उन्हें गुड़, रेवड़ी, मक्का, गन्ना आदि देते हैं। इसी तरह लड़कियां ‘धींगरा मांगने’ की परंपरा निभाती हैं। लोहड़ी की आग में रेवड़ियां, मक्का और पॉप-कॉर्न फेंकने का रिवाज होता है। माना जाता है कि इससे आग बुरी शक्तियों का नाश करती है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। लोहड़ी के मौके पर लोक नृत्य भंगड़ा और गिद्दा का भी खास महत्व होता है। ये नृत्य खुशी और उल्लास का प्रतीक हैं और इस त्योहार के उत्साह को दोगुना कर देते हैं।
लोहड़ी का संदेश:
लोहड़ी सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि ये हमें मिलकर खुशियां मनाने, परंपराओं का सम्मान करने और बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। ये त्योहार हमें याद दिलाता है कि सर्दी का कितना भी सितम हो, वसंत ज़रूर आएगा और खुशियों की लौ हमेशा जलती रहेगी।
तो इस लोहड़ी के मौके पर आइए मिलकर आग तापें, ढोल की थाप पर थिरकें, परंपराओं का निभाएं और एक-दूसरे को शुभकामनाएं दें।
लोहड़ी मुबारक!
लोहड़ी पर हिंदी में लंबा निबंध (Long Essay on Lohri in Hindi)
लोहड़ी: एक प्राचीन भारतीय त्योहार
लोहड़ी एक प्राचीन भारतीय त्योहार है जो मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल 13 जनवरी को मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है।
लोहड़ी का त्योहार किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है क्योंकि यह फसलों के पकने और सर्दियों के मौसम के अंत का प्रतीक है। इस दिन, किसान अपनी फसलों की कटाई करते हैं और उन्हें आग में चढ़ाते हैं। वे इस अवसर पर भगवान सूर्य और अग्नि देवता की पूजा करते हैं।
लोहड़ी के दिन, लोग एकत्र होकर एक छोटी सी आग जलाते हैं। इस आग में रेवड़ी, मूंगफली, तिल, और अन्य मीठे और नमकीन व्यंजनों की आहुति दी जाती है। लोग आग के चारों ओर नाचते और गाते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं। लोहड़ी के दिन, लोग नए कपड़े पहनते हैं और एक-दूसरे को उपहार देते हैं।
लोहड़ी के त्योहार का धार्मिक महत्व भी है। इस दिन, लोग भगवान सूर्य की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। लोहड़ी के दिन, लोग अग्नि देवता की भी पूजा करते हैं। अग्नि देवता को प्रकाश, ऊर्जा, और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।
लोहड़ी एक खुशहाल और उत्सव वाला त्योहार है। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और खुशी और उत्साह का माहौल बनाता है। यह त्योहार हमें सर्दियों के मौसम के अंत और नई फसलों के आने की खुशी मनाने का अवसर प्रदान करता है।
लोहड़ी के त्योहार का हमारे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह त्योहार हमें खुशी, उत्साह, और एकता का संदेश देता है। यह त्योहार हमें अपने अतीत और संस्कृति को याद दिलाता है।
कॉलेज के छात्रों के लिए हिंदी में लोहड़ी पर निबंध (Essay on Lohri in Hindi for Collage Student)
लोहड़ी: सर्दियों के अंत और नई फसलों के आने का उत्सव
लोहड़ी एक प्राचीन भारतीय त्योहार है जो मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल 13 जनवरी को मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है।
लोहड़ी का त्योहार किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है क्योंकि यह फसलों के पकने और सर्दियों के मौसम के अंत का प्रतीक है। इस दिन, किसान अपनी फसलों की कटाई करते हैं और उन्हें आग में चढ़ाते हैं। वे इस अवसर पर भगवान सूर्य और अग्नि देवता की पूजा करते हैं।
लोहड़ी के दिन, लोग एकत्र होकर एक छोटी सी आग जलाते हैं। इस आग में रेवड़ी, मूंगफली, तिल, और अन्य मीठे और नमकीन व्यंजनों की आहुति दी जाती है। लोग आग के चारों ओर नाचते और गाते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं। लोहड़ी के दिन, लोग नए कपड़े पहनते हैं और एक-दूसरे को उपहार देते हैं।
लोहड़ी के त्योहार का धार्मिक महत्व भी है। इस दिन, लोग भगवान सूर्य की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। लोहड़ी के दिन, लोग अग्नि देवता की भी पूजा करते हैं। अग्नि देवता को प्रकाश, ऊर्जा, और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।
लोहड़ी का महत्व
लोहड़ी एक खुशहाल और उत्सव वाला त्योहार है। यह त्योहार लोगों को एक साथ लाता है और खुशी और उत्साह का माहौल बनाता है। यह त्योहार हमें सर्दियों के मौसम के अंत और नई फसलों के आने की खुशी मनाने का अवसर प्रदान करता है।
लोहड़ी के त्योहार का हमारे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह त्योहार हमें खुशी, उत्साह, और एकता का संदेश देता है। यह त्योहार हमें अपने अतीत और संस्कृति को याद दिलाता है।
लोहड़ी के प्रथाओं
लोहड़ी के दिन, लोग निम्नलिखित प्रथाओं का पालन करते हैं:
- लोहड़ी की आग जलाना – लोहड़ी की आग को अग्नि देवता का प्रतीक माना जाता है। लोग इस आग में रेवड़ी, मूंगफली, तिल, और अन्य मीठे और नमकीन व्यंजनों की आहुति देते हैं।
- लोहड़ी की कथा सुनना – लोहड़ी की कथा में भगवान सूर्य और अग्नि देवता की पूजा का वर्णन किया गया है। यह कथा लोगों को धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की याद दिलाती है।
- लोहड़ी के गीत गाना और नृत्य करना – लोहड़ी के दिन, लोग लोहड़ी के गीत गाते और नृत्य करते हैं। ये गीत खुशी और उत्साह का माहौल बनाते हैं।
- एक-दूसरे को बधाई देना – लोहड़ी के दिन, लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं और उन्हें उपहार देते हैं। यह त्योहार लोगों के बीच प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देता है।
लोहड़ी की विशेषताएं
लोहड़ी एक विशेष त्योहार है जिसमें कई विशेषताएं शामिल हैं:
- लोहड़ी की आग – लोहड़ी की आग इस त्योहार का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह आग अग्नि देवता का प्रतीक है और लोगों को गर्मी और प्रकाश प्रदान करती है।
- लोहड़ी के व्यंजन – लोहड़ी के दिन, लोग विशेष व्यंजन बनाते हैं, जिनमें रेवड़ी, मूंगफली, तिल, और अन्य मीठे और नमकीन व्यंजन शामिल हैं। ये व्यंजन स्वादिष्ट और पौष्टिक होते हैं।
- लोहड़ी की कथा – लोहड़ी की कथा इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह कथा लोगों को धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की याद दिलाती है।
- लोहड़ी के गीत और नृत्य – लोहड़ी के दिन, लोग लोहड़ी के गीत गाते और नृत्य करते हैं। ये गीत और नृत्य खुशी और उत्साह का माहौल बनाते हैं।
निष्कर्ष
लोहड़ी एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक त्योहार है। यह त्योहार किसानों के लिए खुशी का अवसर है और यह लोगों को एक साथ लाने का एक अच्छा तरीका है।
लोहड़ी के बारे में रोचक तथ्य (Interesting Fact about Lohri in Hindi)
लोहड़ी, भारतीय पंजाबी समुदाय का एक प्रमुख त्योहार है जो मुख्यत: पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मनाया जाता है। यह मकर संक्रांति के पहले दिन मनाया जाता है, जो हर साल 13 जनवरी को आता है। यह त्योहार समृद्धि, समृद्धि, और खुशी का प्रतीक माना जाता है जो शीतकालीन सीजन के अंत को सूचित करता है।
लोहड़ी के बारे में कुछ रोचक तथ्य इस प्रकार हैं:
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धूप बताशे और रेवड़ी:
लोहड़ी के दिन, लोग बग्घे और धूप से धुएं हुए होते हैं और बताशे, रेवड़ी, गजक, मूंगफली, और तिल के लड़ूओं को भोगते हैं। इन मिठाईयों को आग के चर्च में गरम करने का एक परंपरागत तरीका है।
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बोनफायर और गीत-नृत्य:
लोग बड़े जुलूसों के साथ बोनफायर बनाते हैं और इसके चारों तरफ एकजुट होकर गाने गाते हैं, नृत्य करते हैं। इससे ताजगी और उत्साह का माहौल बनता है।
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लोहड़ी दा हलवा:
लोहड़ी के दिन लोग अच्छे खाने के लिए विशेष तरह से बनाए जाने वाले हलवे का आनंद लेते हैं। इसमें मक्की का आटा, गुड़, घी, और द्राक्ष का रस शामिल होता है।
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सर्कस और लुड़ी:
लोहड़ी के मौके पर, लोगों के बीच विभिन्न प्रकार के पर्फॉर्मिंग आर्ट्स, जैसे कि सर्कस और लुड़ी (लुड़ी खेलना), का आयोजन किया जा सकता है।
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विशेष सामूहिक बंधन:
लोहड़ी एक समृद्धि और खुशी का त्योहार होने के साथ-साथ समूह बंधन का भी प्रतीक है। लोग एक दूसरे के साथ मिलकर इस खास दिन को मनाते हैं और एक दूसरे को बधाई देते हैं।
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किसानों का महत्व:
लोहड़ी का त्योहार खासकर किसानों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पहले का समय हरित क्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण होता है और इसके बाद समय बढ़ता है।
इस प्रकार, लोहड़ी भारतीय सांस्कृतिक विरासत में एक महत्वपूर्ण और रोचक त्योहार है जो सामूहिक समृद्धि और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देता है।
निष्कर्ष:
इस लेख Lohri Essay In Hindi में आप जान गए होंगे की आप किस तरह से एक अच्छा लोहड़ी पर निबंध लिख सकते हैं।
Lohri Essay In Hindi: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्र: लोहड़ी का त्यौहार क्यों मनाते हैं?
उत्तर: लोहड़ी का त्यौहार फसल पकने, सर्दियों के अंत, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक और बसंत के आगमन का प्रतीक है। यह त्योहार प्राचीन काल से मनाया जा रहा है। इस त्योहार का उल्लेख ऋग्वेद और पुराणों में भी मिलता है।
प्रश्र: लोहड़ी की विशेषता क्या है?
उत्तर: लोहड़ी का त्यौहार एक बहुत ही रंगीन और उल्लासपूर्ण त्यौहार है। इस दिन, लोग नए कपड़े पहनते हैं, घरों को सजाते हैं और आग के चारों ओर नाचते-गाते हैं। लोहड़ी की सबसे प्रमुख विशेषता है अलाव जलाना। इस अलाव को लोहड़ी कहा जाता है। लोहड़ी की आग के चारों ओर नाचने-गाने की परंपरा है।
प्रश्र: लोहड़ी का त्यौहार कब और क्यों मनाया जाता है?
उत्तर: लोहड़ी का त्यौहार हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले, यानी 13 जनवरी को मनाया जाता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य उत्तरायण होता है, यानी उसके उत्तरी गोल में प्रवेश का सफर शुरू होता है। दिन छोटे से बड़े होने लगते हैं और सर्दी का सितम धीरे-धीरे कम होने लगता है।
प्रश्र: लोहड़ी का मतलब क्या होता है?
उत्तर: लोहड़ी शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के शब्द “लोह” से हुई है। “लोह” का अर्थ है “लौह” या “लोहे का”। लोहड़ी का अर्थ है “लोहे की आग”। लोहड़ी के दिन, लोग आग में लोहे के टुकड़े डालते हैं। माना जाता है कि इससे लोहे की कठोरता कम होती है और वह अधिक भंगुर हो जाता है।
प्रश्र: लोहड़ी पहली बार कब मनाई गई थी?
उत्तर: लोहड़ी का त्यौहार प्राचीन काल से मनाया जा रहा है। इस त्योहार का उल्लेख ऋग्वेद और पुराणों में भी मिलता है। माना जाता है कि लोहड़ी का त्यौहार सिंधु घाटी सभ्यता के समय से मनाया जा रहा था।
प्रश्र: लोहड़ी पर्व का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर: लोहड़ी पर्व का दूसरा नाम “मकर संक्रांति” भी है। मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस दिन, लोग सूर्य देव की पूजा करते हैं और नए साल का स्वागत करते हैं।
प्रश्र: लोहड़ी की खोज किसने की थी?
उत्तर: लोहड़ी की खोज किसी एक व्यक्ति ने नहीं की थी। यह त्यौहार प्राचीन काल से मनाया जा रहा है। माना जाता है कि लोहड़ी का त्यौहार सिंधु घाटी सभ्यता के समय से मनाया जा रहा था।
प्रश्र: लोहड़ी कितने बजे है?
प्रश्र: लोहड़ी 2024 14 जनवरी, रविवार को मनाई जाएगी। लोहड़ी का मुहूर्त शाम 5:34 मिनट से रात 8:12 मिनट तक है।
प्रश्र: लोहड़ी के दिन क्या खाया जाता है?
उत्तर: लोहड़ी के दिन, लोग पारंपरिक व्यंजन खाते हैं। इन व्यंजनों में रेवड़ी, मूंगफली, मक्का, गजक, गुड़, चना, मक्के की रोटी, गरमा गरम मिस्सी रोटी, आदि शामिल हैं।
भारत में एनआरआई लड़का-लड़की की शादी के क्या नियम है?