Navratri Kalash Sthapna 2023: कैसे करें कलश स्थापना और जानें शुभ मुहूर्त
Navratri Kalash Sthapna 2023: कलश स्थापना नवरात्रि के त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह एक शुभ अनुष्ठान है जो घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
Navratri Kalash Sthapna 2023
शारदीय नवरात्रि 2023 का पावन अवसर आगया है और इस धार्मिक उत्सव में कलश स्थापना एक महत्वपूर्ण धार्मिक आचरण है। कलश स्थापना/ घटस्थापना का मतलब होता है देवी-देवताओं का आमंत्रण करना और उनका स्वागत करना। यह एक प्रमुख पूजा पद्धति है, जिसमें एक स्थान पर पवित्र कलश स्थापित किया जाता है, जिसे माँ दुर्गा का आवाहन किया जाता है। इस पूजा को सही विधि से करने के लिए शुभ मुहूर्त का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
शारदीय नवरात्रि 2023 कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त (Shardiya Navratri 2023 Kalash Sthapna Shubh Muhurat)
पंडित जितेंद्र व्यास जी के अनुसार शरद नवरात्रि का शुभ मुहूर्त एवं पूजन का समय इस प्रकार है:–
संवत् 2080 आश्विन शुक्ल 1 शनिवार दिनांक 15 /10 / 2023 रविवार को
दिवा 12:01 से 12:46 अभिजित वेला
में पूजन एवं घटस्थापन करना शुभ रहेगा।
शारदीय नवरात्रि 2023 कलश स्थापना की सामग्री (Shardiya Navratri 2023 Kalash Sthapna Samagri)
कलश स्थापना के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- एक कलश
- मिट्टी
- जौ
- सुपारी
- सिक्का
- अक्षत
- दूर्वा
- नारियल
- कलावा
- गंगाजल
- लाल रंग का कपड़ा
- दीपक
- मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर
शारदीय नवरात्रि 2023 कलश स्थापना विधि (Shardiya Navratri 2023 Kalash Sthapana Vidhi)
कलश स्थापना की विधि निम्नलिखित है:
- सबसे पहले, एक साफ-सुथरे स्थान पर एक चौकी रखें।
- चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।
- कपड़े के बीच में एक कलश रखें।
- कलश में मिट्टी डालें।
- कलश में जौ के दाने डालें।
- कलश में सुपारी, सिक्का, अक्षत, और दूर्वा डालें।
- कलश के मुख पर एक नारियल रखें और उसमें कलावा बांध दें।
- कलश के ऊपर एक गंगाजल से भरा हुआ लोटा रखें।
- कलश के सामने एक दीपक जलाएं।
- कलश के सामने मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर रखें।
- देवी दुर्गा के मंत्रों का जाप करें
शारदीय नवरात्रि 2023 कलश स्थापना के मंत्र (Shardiya Navratri 2023 Kalash Sthapana Mantra)
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
ऊं दुं दुर्गायै नम:
ऊं ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
ऊं श्रीं ऊं
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शारदीय नवरात्रि 2023 कलश स्थापना के नियम (Shardiya Navratri 2023 Kalash Sthapana Rules)
- शुभ मुहूर्त का चयन: सही मुहूर्त में कलश स्थापना करना चाहिए, जो पंडितों या प्राध्यापकों से पूछकर चुना जा सकता है।
- सही स्थान का चयन: कलश को घर के पूजा कक्ष में या मंदिर में स्थापित करना चाहिए।
- कलश की तैयारी: कलश में सबसे पहले पानी भरना चाहिए, और फिर उसमें सुपारी, कोको, सिन्दूर, मोली, गंगा जल, नौदरा, रुई, चावल, और सिन्दूर डालनी चाहिए।
- मंत्रों का पाठ: कलश स्थापना के दौरान वेद मंत्रों, दुर्गा सप्तशती, या अन्य उपयुक्त मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- आरती और पुष्पांजलि: मंत्रों के पठन के बाद, आरती उतारनी चाहिए, और पुष्पांजलि अर्चना करनी चाहिए।
- पूजा सामग्री का उपयोग: कलश स्थापना के लिए सामग्री का चयन ध्यानपूर्वक करना चाहिए, जैसे कि सोने या तांबे का कलश, शुभ चिन्ह, फूल, दीप, धूप, नैवेद्य, आदि।
- सम्पूर्ण ध्यान: कलश स्थापना के दौरान पूरी ध्यान और श्रद्धा से करना चाहिए।
शारदीय नवरात्रि 2023 कलश स्थापना का महत्व (Shardiya Navratri 2023 Kalash Sthapana Importance):
- आध्यात्मिक महत्व: कलश स्थापना से घर में दिव्य ऊर्जा का संचार होता है, जो आत्मा को आध्यात्मिक विकास की ओर प्रेरित करता है।
- पूजा और आराधना का माध्यम: कलश स्थापना पूजा और आराधना का महत्वपूर्ण माध्यम है, जो दिव्य शक्तियों को प्रसन्न करता है।
- समृद्धि और सुख-शांति: सही रीति से कलश स्थापना करने से परिवार में समृद्धि, शांति, और सुख की वृद्धि होती है।
- सामाजिक एकता: कलश स्थापना समाज में एकता की भावना को बढ़ावा देती है और समुदाय को एक साथ लाती है।
- आत्मनिर्भरता और संयम: इस आदत की शुरुआत से ही संयमित और आत्मनिर्भर जीवन की प्रेरणा मिलती है, जो व्यक्ति को समर्पित और प्रेरित बनाता है।
- शुभ आरंभ: नए कार्यों और परियोजनाओं की शुरुआत में कलश स्थापना करना शुभ माना जाता है, जिससे कार्य में सफलता की ऊर्जा मिलती है।
Navratri Kalash Sthapna 2023: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्र: नवरात्री कलश में क्या डालें?
उत्तर: नवरात्री के कलश में पानी, नौदरा, सिन्दूर, रुई, चावल, कोको, सुपारी, इलायची, गंगा जल, श्रीफल (नारियल), गुड़, फल, धान्य, एक मनी, और मोली आदि डाले जाते हैं।
प्रश्र: कलश स्थापना का समय क्या है?
उत्तर: नवरात्री के कलश स्थापना का समय नवरात्री के प्रारंभ में उपयुक्त मुहूर्त में की जाता है, जो पंडित या पूजा विशेषज्ञ से जाना जा सकता है।
प्रश्र: कलश स्थापना में नारियल कैसे डालते हैं?
उत्तर: नारियल को कलश में ऊपर की ओर रखा जाता है। कलश की शीर्षक खोलकर उसमें गंगा जल और सुधा जल डालकर नारियल रखा जाता है।
प्रश्र: नवरात्री में कलश में किन पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है?
उत्तर: नवरात्री में कलश में आम, अशोक, नारियल की पत्तियाँ डाली जाती हैं
प्रश्र: कलश गिर जाए तो क्या होगा?
उत्तर: कलश गिरने से दुर्भाग्य माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि कलश में देवी दुर्गा का वास होता है और कलश गिरने से देवी दुर्गा का अपमान होता है। कलश गिरने पर तुरंत उसे उठाकर फिर से स्थापित करना चाहिए।
प्रश्र: नवरात्री के बाद कलश का क्या करें?
उत्तर: नवरात्री के बाद कलश को विशेष पूजा और अर्चना के साथ विसर्जन किया जाता है, जिसमें गंगा जल का अभिषेक किया जाता है और फिर कलश की धरती में अग्नि को समर्पित किया जाता है।
प्रश्र: कलश किस तरफ रखना चाहिए?
उत्तर: कलश को पूजा स्थल में ईशान की ओर (पूरब या उत्तर) रखना चाहिए।
प्रश्र: क्या हम कलश बिना नारियल के रख सकते हैं?
उत्तर: हाँ, कलश को बिना नारियल के रखा जा सकता है, लेकिन नारियल को कलश में रखना प्रधान रूप से प्रचलित है और परंपरागत मान्यता रखा जाता है।
निष्कर्ष
कलश स्थापना 2023 एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जो नवरात्रि के त्योहार की शुरुआत का प्रतीक है। कलश स्थापना से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। यदि आप नवरात्रि में कलश स्थापना करना चाहते हैं, तो ऊपर दी गई विधि का पालन करें।
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