Sawan Pradosh Vrat 2023: सावन का आखिरी प्रदोष व्रत होगा कब? जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
सावन प्रदोष व्रत में जो शिव जी की आराधना करता है उस पर महादेव की विशेष कृपा बरसती है। आइए जानते हैं सावन का आखिरी प्रदोष व्रत कब होगा और जाने इसकी विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में।
सावन का आखिरी प्रदोष व्रत 2023:
हिंदू धर्म की मान्यता अनुसार एकादशी की ही तरह एक साल में 24 प्रदोष व्रत होते हैं लेकिन इस साल अधिकमास होने की वजह से 26 प्रदोष व्रत का संयोग बना है। सावन का आखिरी प्रदोष व्रत के बारे में जानने के लिए नीचे पढ़े।
सावन माह में भगवान शिव के भक्तों के लिए सोमवार का व्रत और प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रदोष व्रत अधिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
इस साल सावन का तीसरा प्रदोष व्रत 13 अगस्त को रखा जाएगा। प्रदोष व्रत में भक्त शाम के समय भगवान शिव की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और शाम के समय भोलेनाथ की पूजा करने से भक्तों के जीवन से सभी दुख और परेशानियां दूर हो जाती हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आइए जानें प्रदोष व्रत की तिथि,पूजा विधि और शुभ मुहूर्त-
सावन प्रदोष व्रत: तिथि एवं मुहूर्त (Sawan Pradosh Vrat: Date and Muhurat)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सावन माह में त्रयोदशी तिथि 13 अगस्त को पड़ रही है। त्रयोदशी सुबह 8:18 बजे शुरू होगी और 14 अगस्त को सुबह 10:26 बजे समाप्त होगी। प्रदोष व्रत में शाम की पूजा का महत्व अधिक महत्व होता है इसलिए यह व्रत 13 अगस्त को ही रखा जाएगा।
सावन प्रदोष व्रत का महत्व (Importance of Sawan Pradosh Vrat 2023)
ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा करता है और प्रदोष व्रत करता है, उस पर भगवान की विशेष कृपा बरसती है। साथ ही उनके वैवाहिक जीवन में सुख और शांति आती है और जीवन में चल रहा तनाव भी खत्म हो जाता है। इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को कष्टों से मुक्ति मिलती है। बता दें कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा केवल शाम के समय करने का प्रावधान है।
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प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat Pooja Method)
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और फिर अपने घर के पास किसी शिव मंदिर में जाना चाहिए। इसके बाद शिवलिंग को गंगाजल और पंचामृत से स्नान कराएं और माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और नंदी महाराज को प्रसाद और माला चढ़ाएं। इसके बाद भगवान गणेश, भगवान शिव जी की आरती करें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।
प्रदोष व्रत पूजा उपाय (Pradosh Vrat Pooja Upay)
• इस दिन व्रत करके शाम के समय शिवलिंग पर 108 बेलपत्र चढ़ाने चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इससे आपके जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और सुख-समृद्धि आती है।
• इस दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है। साथ ही अन्य ग्रह बाधाओं से भी मुक्ति मिलेगी।
• इस दिन पूजा करते समय थोड़ा सा दूध लेकर उसमें मिला लेना चाहिए।
• इसमें थोड़ा सा केसर मिलाएं और इसे शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे आपकी कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मजबूत होगी और आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
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