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प्रेगनेसी में दही खाने के फ़ायदे और नुकसान

प्रेग्नेंसी जिज्ञासा से भरी होती हैं जिसमें उत्साह और उम्मीद दोनों ही होती है। मां और गर्भ में पल रहे भ्रूण के स्वास्थ की रक्षा करना बहुत बड़ा कर्तव्य होता है इसलिए आज हम बात करेंगे प्रेग्नेंसी में दही खाने के फायदे और नुकसान के बारे में।

प्रेग्नेंसी में दही खाने के लिए एक स्वस्थ नाश्ता है। लेकिन प्रेगनेंसी में दही खाने के फायदे और नुकसान के बारे में पता होना बहुत जरूरी है। दही कैल्शियम और प्रोटीन जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर है। दही तब तक स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है, जब तक यह पाश्चुराइज्ड दूध से बना हो और एक्सपायरी डेट के भीतर खा लिया जाए। लेकिन प्रेग्नेंसी में दही से संबंधित और जानने के लिए आगे पढ़ें।

क्या प्रेगनेंसी में दही खाना चाहिए या नहीं?(Should Curd Be Eaten During Pregnancy Or Not?)

प्रेग्नेंसी में दही खाना सुरक्षित होता है। दही एक स्वस्थ डेयरी भोजन है जिसके प्रेग्नेंट माताओं के लिए कई फायदे हैं। यह कैल्शियम, प्रोटीन, प्रोबायोटिक्स, विटामिन बी 12 और फोलिक एसिड जैसे महत्वपूर्ण तत्व प्रदान करता है, जो गर्भवती महिला और उसके भ्रूण को बढ़ने में मदद करता है। दही में प्रोबायोटिक, डाइजेशन, आंतों के स्वास्थ्य और इम्यून सिस्टम को अच्छा बनाती है।

हालांकि, जो गर्भवती महिलाएं लैक्टोज इनटोलरेंस हैं या जिन्हें डेयरी एलर्जी है, उन्हें प्रेग्नेंसी में सावधानी बरतनी चाहिए और दही का सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए।

प्रेग्नेंसी में दही खाने के फायदे (Benefits Of Curd During Pregnancy)

प्रेग्नेंसी में दही खाने के कई फ़ायदे हैं जैसे कि-

1. प्रोटीन से भरपूर (Rich In Protein)

दही स्वस्थ आहार के लिए एक बेहतरीन पूरक है क्योंकि इसमें बहुत सारा प्रोटीन होता है। प्रेग्नेंसी में प्रोटीन बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह कोशिका की मरम्मत, मांसपेशियों के विकास और शरीर के सामान्य विकास में सहायता करता है। इसलिए प्रेगनेंसी में प्रोटीन की मात्रा अच्छा रखने के लिए दही का सेवन बहुत जरूरी है।

2. हड्डी और मांशपेशियों के लिए (Fo Bone And Muscle)

प्रेग्नेंसी में हड्डी और मांशपेशियों को मज़बूत रखने के लिए दही फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद प्रोटीन और कैल्शियम हड्डियों को कमज़ोर होने से बचाने में मदद करता है। पर्याप्त कैल्शियम के सेवन से हड्डियों के घनत्व को अधिकतम किया जा सकता है और ऑस्टियोपोरोसिस के खतरे को कम किया जा सकता है।

3. प्रेग्नेंसी में डाइजेशन में सुधार होना (Improve Digestion in pregnancy)

दही अच्छे बैक्टीरिया से भरपूर होता है जिनकी आंतों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यकता होती है। यह भोजन के समग्र पाचन और पाचन तंत्र द्वारा पोषण के अवशोषण में भी सुधार करता है। इसमें प्रोबायोटिक बैक्टीरिया भी होते हैं जिसकी वजह से दही, प्रेगनेंसी में डाइजेशन में सुधार करने में मदद करता है।

4. शरीर को ठंडक के लिए (Keeps The Body Cool During Pregnancy)

जब भी आप कुछ मसालेदार खाएं तो अपने खाने के साथ थोड़ा सा दही भी मिला लें। यह मसालेदार भोजन के प्रभाव को कम करता है और प्रेगनेंसी में एसिडिटी और सीने में जलन से बचाता है। प्रेग्नेंसी में मसालेदार भोजन खाने की इच्छा होना आम बात है, इसलिए हमेशा साथ में दही खाना एक अच्छा विचार है क्योंकि दही की तासीर ठंडी होती है।

5. प्रेग्नेंसी में इम्यूनिटी में सुधार करना (Improves Immunity In Pregnancy)

अच्छे बैक्टीरिया की मौजूदगी के कारण यह पेट की खराबी और संक्रमण से लड़ता है। दही प्रोबायोटिक्स की संख्या को बढ़ाता है जो आंत के बैक्टीरिया को रिस्टोर करता है और पाचन में सुधार करते हुए इम्यूनिटी में सुधार करता है।

6. हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मददगार (Reducing High Blood Pressure)

प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर एक आम समस्या है, लेकिन इसका मां और बच्चे दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। दही का सेवन शरीर को ठंडक पहुंचाने में मदद करता है इसलिए प्रेगनेंसी में दही खाने से हाई ब्लड प्रेशर कम करने के लिए जाना जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है और हृदय के लिए अच्छा है।

7. स्ट्रेस और एंक्साइटी को कम करना (Reducing Stress And Anxiety)

प्रेग्नेंसी में स्ट्रेस और एंक्साइटी होना आम बात है। दही एक शांत और ठंडा भोजन है जो स्वास्थ्यवर्धक है जो स्ट्रेस और एंक्साइटी को कम करने का बढ़िया विकल्प है।

8. स्किन केयर के लिए (For Skin Care)

प्रेग्नेंसी में स्किन केयर करना बहुत जरूरी होता है। प्रेग्नेंसी में हार्मोनल परिवर्तन और असंतुलन के कारण कई महिलाओं की त्वचा का रंग असमान, रूखापन और फीका पड़ सकता है। दही, जो विटामिन ई से भरपूर है, त्वचा को स्वस्थ रख सकता है और पिग्मेंटेशन को रोकता है।

गर्भावस्था में प्रोबायोटिक दही (Probiotic Yogurt in Pregnancy)

हमारी आंतों में सैकड़ों विभिन्न प्रकार के प्रोबायोटिक बैक्टीरिया होते हैं जो हमारे पाचन तंत्र के कार्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रेग्नेंसी में डाइजेशन कमज़ोर हो जाता है, जिससे प्रेगनेंसी में कब्ज का खतरा भी बढ़ जाता है। चूंकि दही प्रोबायोटिक्स से भरपूर है, इसलिए यह पाचन तंत्र के स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक उपयोगी है।

प्रेग्नेंसी में कैसा दही खाना अच्छा होता है?

प्रेग्नेंसी में पाश्चुराइज्ड दूध से बना कोई भी दही खाने के लिए अच्छा और सुरक्षित होता है। पाश्चुराइज्ड कम फैट वाले दूध से बने होते हैं इसलिए यह खाने के लिए अच्छे होते हैं।

प्रेग्नेंसी में एक दिन में कितना दही खाना चाहिए?

दही से सभी आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए, एक दिन में लगभग 600 ग्राम दही खाना अच्छा है।

प्रेग्नेंसी में कौन सा दही खाना सेफ है? 

प्रेग्नेंसी में दो प्रकार के दही से परहेज करना चाहिए। पहला, कच्चे और बिना पाश्चुराइज्ड दूध से बना दही। चूंकि इससे लिस्टेरिया जैसी बीमारी का खतरा होता है, इसलिए इससे बचना चाहिए। दूसरा, वसायुक्त दूध से बना दही, क्योंकि इससे वजन बढ़ सकता है और डाइजेशन कमज़ोर हो सकता है।

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क्या प्रेगनेंसी में फ्लेवर्ड दही खाना सुरक्षित है?

आमतौर पर फ्लेवर्ड दही खाने से कोई नुकसान नहीं होता है। यदि यह कम चीनी, कम वसा वाला है और इसमें प्राकृतिक तत्व शामिल हैं, तो फ्लेवर्ड दही खा सकते हैं। लेकिन अगर आप वजन बढ़ने या रसायनों के मिश्रण को लेकर सोचते हैं, तो आप दही में अपना खुद का स्वाद जोड़ सकते हैं। अपने घर पर बने दही में जामुन, ताजे फल, शहद या प्राकृतिक स्वीटनर मिला कर खा सकते है।

प्रेग्नेंसी में दही खाने के नुकसान (Disadvantages Of Eating Curd During Pregnancy)

प्रेग्नेंसी के दौरान दही खाने के कोई बड़े दुष्प्रभाव नहीं हैं लेकिन कुछ जोखिम हैं जिनसे आपको अवगत होना चाहिए:

1. रात में दही खाने से कफ बढ़ सकता है, जिससे सांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए प्रेग्नेंसी में रात में दही से परहेज करना बेहतर है, खासकर यदि आपको खांसी और सर्दी होने का खतरा हो।

2. बिना पाश्चुराइज्ड से बने दही का सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे लिस्टेरिया जैसी बीमारियों का खतरा रहता है।

3. प्रेग्नेंसी में ज्यादा वसा वाले दही से भी बचना चाहिए क्योंकि इससे वजन बढ़ सकता है।

4. गर्भावस्था के दौरान मीठे दही या दही का सेवन करने से भी शुगर लेवल बढ़ सकता है और प्रेगनेंसी में डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, दही में चीनी मिलाने से बचना ही सबसे अच्छा है।

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