Diwali Calendar 2023: धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन, भाई दूज कब है?
Diwali Calendar 2023: जानिए Diwali Calendar 2023 में धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज के तिथियाँ। हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण त्योहारों की शुभ तिथियों का अनुसरण करें और इन खास दिनों को धार्मिक रूप से मनाएं।
Diwali Calendar 2023:
दीपावली हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार पांच दिनों तक मनाया जाता है। इन पांच दिनों को दीपावली पंचक कहा जाता है।दिवाली आमतौर पर मध्य अक्टूबर और मध्य नवंबर के बीच आता है। प्राचीन हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या (अमावस्या) को मनाई जाती है। 2023 में रोशनी का त्योहार दिवाली या दीपावली 12 नवंबर 2023, रविवार को मनाई जाएगी।
दिवाली 2023 तारीख (Diwali 2023 Date)
दिवाली, जिसे दीवाली, दिवाली या दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। यह भारत का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक त्योहार है। यह नाम संस्कृत के शब्द “दीप” से आया है, जिसका अर्थ है “प्रकाश या ज्ञान, और “आवली”, जिसका अर्थ है “एक पंक्ति या श्रृंखला”। इस उत्सव का विभिन्न धार्मिक कहानियों और हस्तियों से संबंध है, लेकिन यह 14 साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या में घर वापसी के रूप में सबसे प्रसिद्ध है। दिवाली का संबंध धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि तथा बाधा निवारण के देवता गणेश से भी है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार दिवाली 2023 12 नवंबर को मनाई जाएगी।
यह पांच दिवसीय त्योहार विभिन्न देशों और विभिन्न धर्मों में जैन दिवाली, बंदी छोड़ दिवस, तिहार, सोवंती, सोहराई और बंदना जैसे विभिन्न नामों से मनाया जाता है। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि इसे क्या कहा जाता है, मूल संदेश एक ही है: दिवाली अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है। यह एक ऐसा उत्सव है जो लोगों को आशा और सकारात्मकता के इस सार्वभौमिक विषय में एकजुट करता है।
दीपावली पंचक की तिथियां (Diwali Panchak Dates)
धनतेरस:-१० नवंबर २०२३ शुक्रवार
नरकचतुर्थी:-१२ नवंबर २०२३ रविवार
दीपावली:- १२नवंबर २०२३ रविवार
गोवर्धन पूजा:- १४ नवंबर२०२३ मंगलवार भाईदूज:- १६ नवंबर २०२३ बुधवार
दीपावली पंचक का शुभ मुहूर्त (Auspicious Time Of Diwali Panchak)
॥ सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि,
भुक्ति मुक्ति प्रदायिनी ।
मंत्रपूते सदा देवि
महालक्ष्मी नमोस्तुते ते।।
नमस्ते तु महामाये
श्रीपीठे सुरपूजिते।
श॔ख चक्र गदा हस्ते
महालक्ष्मी नमोस्तु ते।।
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卐श्रीमहालक्ष्मी पूजा-अर्चना मुहूर्त 卐
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-: धनत्रयोदशी श्री कुबेर पूजा (Dhantrayodashi Shri Kuber Puja):-
शुभ स॔वत २०८० कार्तिक कृष्ण पक्ष १२ शुक्रवार
दिनांक १०:११:२०२३ सायं प्रदोष वेला यम दीपदानम्
एवं श्रीपूजन सायं ०५:४६ से ०८२५ पर्यंत।
प्रालेपन गादी स्थापना स्याही भरना कलम दवात
कार्तिक कृष्ण पक्ष १४ रविवार १२:११:२०२३ ई
संवारने का मुहूर्त प्रात: चंचल वेला०८:१९ से ०९:४० लाभ अमृत वेला ०९:४० से १२:२२ तक अभिजित वेला १२:०० से १२:४४ तक।
-: श्री महालक्ष्मी पूजन (Shri Mahalakshmi Pujan) :-
कार्तिक कृष्ण पक्ष १४ रविवार १२:११:२०२३ ई
प्रदोष वेला शुभ अमृत ०५:४६ से०९:०४ तक।
वृषभ लग्न सायं ०६:००से ०७:५७ तक।
चंचल वेला ०९:०४ से १०:४३ तक।
सिंह लग्न रात्रि १२:२८ से ०२:४३ तक।
सिंह लग्न में कनकधारा स्त्रोत का पाठ करना श्रीकारक कहा गया है।
-: श्री गोवर्धन पूजा (Shri Govardhan Puja) :-
कार्तिक शुक्ल पक्ष १ मंगलवार दिनांक १४:११:२०२३ को मनाया जायेगा।
-: भाईदूज (Bhai Dooj):-
कार्तिक शुक्ल पक्ष २ बुधवार दिनांक १५:११:२०२३ को मनाया जायेगा।
धनतेरस: 10 नवंबर 2023 (Dhanteras: 10 November 2023)
धनतेरस का दिन हिंदू धर्म में धन और समृद्धि का पर्व माना जाता है। इस दिन लोग नए बर्तन, सोना-चांदी, वाहन आदि की खरीदारी करते हैं। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद के देवता माना जाता है।
धनतेरस के दिन लोग नए बर्तन खरीदते हैं क्योंकि नए बर्तन को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। नए बर्तन खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से आयु और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। धनतेरस के दिन नए कार्यों की शुरुआत के लिए भी शुभ माना जाता है।
धनतेरस की पूजा विधि (Dhanteras Puja Vidhi)
- धनतेरस की पूजा शाम को की जाती है।
- पूजा के लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या तस्वीर रखी जाती है।
- मूर्ति या तस्वीर के सामने एक थाली में चावल, मिठाई, फल, फूल, धूप, दीप, और आरती की थाली रखी जाती है।
- पूजा करते समय भगवान धन्वंतरि की आरती की जाती है और उन्हें फूल, मिठाई, और फल अर्पित किए जाते हैं।
- पूजा के बाद आरती की थाली में से प्रसाद बांटा जाता है।
धनतेरस के दिन की जाने वाली खरीदारी ( Dhanteras Shopping Items)
धनतेरस के दिन लोग नए बर्तन, सोना-चांदी, वाहन आदि की खरीदारी करते हैं। नए बर्तन खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए कि बर्तन नए हों और उनमें कोई खरोंच या दाग न हो। सोना-चांदी की खरीदारी करते समय ध्यान रखना चाहिए कि सोना या चांदी शुद्ध हो। वाहन खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए कि वाहन अच्छी स्थिति में हो।
धनतेरस के दिन के कुछ अन्य उपाय
- धनतेरस के दिन घर में लक्ष्मी-गणेश की पूजा करें।
- धनतेरस के दिन घर में साफ-सफाई करें और दीवारों पर रंग-बिरंगे रंगोली बनाएं।
- धनतेरस के दिन नए कपड़े पहनें।
- धनतेरस के दिन मिठाई और अन्य पकवान बनाएं और अपने परिवार और दोस्तों के साथ बांटें।
नरक चतुर्दशी/ छोटी दीवाली: 11 नवंबर 2023 (Narak Chaturdashi/Chhoti Diwali: 11 November 2023)
नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहा जाता है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। इस दिन घरों में लक्ष्मी-गणेश की पूजा की जाती है। नरक चतुर्दशी को अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक माना जाता है।
नरक चतुर्दशी के दिन लोग घरों को दीयों और रंग-बिरंगी रोशनी से सजाते हैं। इस दिन लोग नए कपड़े पहनते हैं, मिठाई खाते हैं और एक-दूसरे को उपहार देते हैं। नरक चतुर्दशी के दिन लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी पूजा करते हैं।
नरक चतुर्दशी की पूजा विधि (Narak Chaturdashi Puja Vidhi)
- नरक चतुर्दशी की पूजा शाम को की जाती है।
- पूजा के लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान राम और लक्ष्मण की मूर्ति या तस्वीर रखी जाती है।
- मूर्ति या तस्वीर के सामने एक थाली में चावल, मिठाई, फल, फूल, धूप, दीप, और आरती की थाली रखी जाती है।
- पूजा करते समय भगवान राम और लक्ष्मण की आरती की जाती है और उन्हें फूल, मिठाई, और फल अर्पित किए जाते हैं।
- पूजा के बाद आरती की थाली में से प्रसाद बांटा जाता है।
नरक चतुर्दशी के दिन की जाने वाली खरीदारी (Shopping to be done on the day of Narak Chaturdashi)
नरक चतुर्दशी के दिन लोग नए कपड़े, मिठाई, और अन्य सामान खरीदते हैं। नए कपड़े खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए कि कपड़े नए हों और उनमें कोई खरोंच या दाग न हो। मिठाई खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए कि मिठाई ताजी और अच्छी हो।
नरक चतुर्दशी के दिन के कुछ अन्य उपाय
- नरक चतुर्दशी के दिन घर में लक्ष्मी-गणेश की पूजा करें।
- नरक चतुर्दशी के दिन घर में साफ-सफाई करें और दीवारों पर रंग-बिरंगे रंगोली बनाएं।
- नरक चतुर्दशी के दिन नए कपड़े पहनें।
दिवाली/ दीपावली : 12 नवंबर 2023(Diwali/ Deepavali: 12 November 2023)
दिवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में भारतीयों द्वारा सबसे महत्वपूर्ण और व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। इसे अक्सर “रोशनी का त्योहार” कहा जाता है। दिवाली आम तौर पर पांच दिनों तक चलती है और हिंदू महीने कार्तिक में आती है, जो आमतौर पर चंद्र कैलेंडर के आधार पर मध्य अक्टूबर से मध्य नवंबर तक चलती है।
दीपावाली त्यौहार क्यों मनाते है? (Why Celebrate Diwali Festival?)
- अयोध्या में आये श्रीराम
इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ १४ वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद अयोध्या वापिस लौटे थे। अयोध्या की प्रजा ने राम जी, मां सीता और लक्ष्मण जी का स्वागत करने के लिए पूरे राज्य की दीपों से सजाबट की और उस दिन से ही दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है।
- श्रीकृष्ण ने किया नरकासुर का वध
नरकासुर भूदेवी और वराह (भगवान विष्णु के अवतारों में से एक) का पुत्र था। जगत के पालनहार भगवान श्री विष्णु से नरकासुर की माता ने अपने बेटे को शक्तिशाली बनाने और लंबी आयु का वरदान मांगा था। सभी देवी-देवता नरकासुर से परेशान थे और उससे मुक्ति पाना चाहते थे।सभ देवता विष्णु जी के पास सहायता के लिए गए, तब श्रीहरि ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह ऐसा ही करेंगे। विष्णु जी ने द्वापर युग में कृष्ण अवतार लेने पर असुरराज नरकासुर का वध किया और 16000 महिलाओं को उसकी कैद से मुक्त कराया था। नरकासुर को वरदान प्राप्त था कि जिस दिन उसकी मृत्यु होगी उस दिन को त्योहार के रूप में मनाया जाएगा। इस क्रम में, नरकासुर की मृत्यु का दिन दीपावली के रूप में मनाया जाने लगा।
- समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी का प्रादुर्भाव
सभी दीपावली के दिन धन-धान्य की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं, समुद्र मंथन के समय देवता और असुर क्षीर सागर में मंथन कर रहे थे उस समय दीपावली के दिन माता लक्ष्मी कमल के फूल पर विराजमान होकर सागर से प्रकट हुईं थी। भगवान विष्णु को लक्ष्मी जी ने अपने वर के रूप में चुना और संसार को धन, समृद्धि, और ऐश्वर्य का आशीर्वाद दिया।
दीपावली के दिन यह उपाय अवश्य करें (Be Sure To Do This Remedy On The Day Of Diwali)
दीपावली की रात्रि माता लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने-के साथ साथ यह उपाय करने से माता लक्ष्मी जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं:–
- दीपावली के दिन प्रातःकाल माता लक्ष्मी के मंदिर जाकर वस्त्र अर्पित कर सुगंधित गुलाब की अगरबत्ती प्रज्वलित करने से धन की आवक मे बृद्धि होगी।
- दीपावली पर लक्ष्मी पूजा मे गन्ने की भी पूजा करें। इसको करने से आपके धन-धान्य में वृद्धि होगी।
- दीपावली की रात नौ गोमती चक्र की पूजा करने के बाद अपनी तिजोरी में रखने से वर्षभर घर-परिवार में सुख-समृद्धि और खुशियां रहेंगी।
- नरक चतुर्दशी के दिन लाल चंदन, गुलाब के फूल और रोली को लाल कपड़े में बांधकर श्रद्धाभाव से पूजा करें। पोटली को अपनी तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से आपको पैसों की कमी नहीं होगी और घर में धन हमेशा बना रहेगा।
- दीपावली की अमावस्या से प्रत्येक अमावस्या की शाम किसी गरीब या दिव्यांग व्यक्ति को भोजन कराएं। इस उपाय के करने से धन-धान्य और वैभव में वृद्धि होगी।
- दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा मे चने की दाल माता लक्ष्मी जी पर अर्पित करें पूजा के बाद वह दाल इकट्ठी करके पीपल के पेड़ पर अर्पित करेने से नौकरी में सफलता प्राप्त होगी।
- दीपावली की रात्रि साबुत फिटकरी का टुकड़ा लेकर उसे दुकान के चारों तरफ घुमाकर टुकड़े को किसी चौराहे की उत्तर दिशा में फेंक दें। ऐसा करने से ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी और धन लाभ में भी बढ़ोतरी होगी।
- दीपावली की रात को पांच साबुत सुपारी, काली हल्दी और पांच कौड़ियां लें और इन्हें गंगाजल से धोकर लाल रंग के कपड़े में बांध दें। अब दिवाली की पूजा करते समय इस पोटली को चांदी की कटोरी या थाली में रखकर पूजा करें और अगली सुबह इसे अपनी तिजोरी में रख दें। इस उपाय को करने से आप पर माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।
दिवाली की पूजा विधि (Diwali Puja Vidhi)
- दिवाली की पूजा शाम को की जाती है।
- पूजा के लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान राम, लक्ष्मण, सीता, और लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति या तस्वीर रखी जाती है।
- मूर्ति या तस्वीर के सामने एक थाली में चावल, मिठाई, फल, फूल, धूप, दीप, और आरती की थाली रखी जाती है।
- पूजा करते समय भगवान राम, लक्ष्मण, सीता, और लक्ष्मी-गणेश की आरती की जाती है और उन्हें फूल, मिठाई, और फल अर्पित किए जाते हैं।
- पूजा के बाद आरती की थाली में से प्रसाद बांटा जाता है।
दिवाली के दिन की जाने वाली खरीदारी (Diwali shopping)
दिवाली के दिन लोग नए कपड़े, मिठाई, और अन्य सामान खरीदते हैं। नए कपड़े खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए कि कपड़े नए हों और उनमें कोई खरोंच या दाग न हो। मिठाई खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए कि मिठाई ताजी और अच्छी हो।
गोवर्धन पूजा: 13 नवंबर 2023 (Govardhan Puja: 13 November 2023)
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र देव को युद्ध में हराया था। इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है। गोवर्धन पर्वत को कृष्ण ने इंद्र देव के अत्याचारों से गोकुलवासियों की रक्षा की थी। इस दिन लोग गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं।
गोवर्धन पूजा की पूजा विधि (Govardhan Puja Vidhi)
- गोवर्धन पूजा सुबह या शाम को की जा सकती है।
- पूजा के लिए एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर रखी जाती है।
- मूर्ति या तस्वीर के सामने एक थाली में चावल, मिठाई, फल, फूल, धूप, दीप, और आरती की थाली रखी जाती है।
- पूजा करते समय भगवान कृष्ण की आरती की जाती है और उन्हें फूल, मिठाई, और फल अर्पित किए जाते हैं।
- पूजा के बाद आरती की थाली में से प्रसाद बांटा जाता है।
गोवर्धन पूजा के दिन की जाने वाली खरीदारी (Shopping done on the day of Govardhan Puja)
गोवर्धन पूजा के दिन लोग गोकुल की मिठाइयाँ खरीदते हैं।
गोवर्धन पूजा के दिन के कुछ अन्य उपाय
- गोवर्धन पूजा के दिन घर में साफ-सफाई करें और दीवारों पर रंग-बिरंगे रंगोली बनाएं।
- गोवर्धन पूजा के दिन नए कपड़े पहनें।
भाई दूज: 14 नवंबर 2023 (Bhai Dooj: 14 November 2023)
भाई दूज को भाऊबीज भी कहा जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और उन्हें उपहार देती हैं। इस दिन भाइयों को अपनी बहनों के घर जाना चाहिए। भाई दूज को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
भाई दूज की पूजा विधि (Bhai Dooj Puja Vidhi)
भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें मिठाई खिलाती हैं। इस दिन भाइयों को अपनी बहनों के घर जाना चाहिए और उन्हें उपहार देना चाहिए।
भाई दूज के दिन के कुछ अन्य उपाय
- भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
- भाई दूज के दिन भाइयों को अपनी बहनों की रक्षा करने का वचन लेना चाहिए।
दीपावली हिंदू धर्म का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह त्योहार खुशियों और उल्लास का प्रतीक है। यह त्योहार हमें अंधकार पर प्रकाश की जीत, और भाई-बहन के प्रेम की याद दिलाता है।
Diwali Calendar 2023: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्र: छोटी दिवाली धनतेरस कब है?
उत्तर: छोटी दिवाली धनतेरस, 2023 में गुरुवार, 10 नवंबर को है। इस दिन लोग नए बर्तन, आभूषण, और अन्य सामान खरीदते हैं। इस दिन लोग यमराज की पूजा भी करते हैं।
प्रश्र: दीपावली कब है 2023 शुभ मुहूर्त?
उत्तर: दीपावली, 2023 में रविवार, 12 नवंबर को है। इस दिन भगवान राम, लक्ष्मी, और गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं और मिठाई खाते हैं।
प्रश्र: छोटी दिवाली को कितने दिए जलाते हैं?
उत्तर: छोटी दिवाली को 11 दीये जलाए जाते हैं। ये दीये यमराज के 11 द्वारों को रोशन करने के लिए जलाए जाते हैं।
प्रश्र: धनतेरस के शुभ मुहूर्त कब है?
उत्तर: धनतेरस के शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:
- खरीदारी के लिए: सुबह 6:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक
- पूजा के लिए: शाम 5:30 बजे से रात 9:30 बजे तक
प्रश्र: छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली में क्या अंतर है?
उत्तर: छोटी दिवाली को धनतेरस भी कहा जाता है। इस दिन लोग नए बर्तन, आभूषण, और अन्य सामान खरीदते हैं। इस दिन लोग यमराज की पूजा भी करते हैं।
बड़ी दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है। इस दिन भगवान राम, लक्ष्मी, और गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं और मिठाई खाते हैं।
प्रश्र: धनतेरस पर कितने दीये जलाए जाते हैं?
उत्तर: धनतेरस पर 11 दीये जलाए जाते हैं। ये दीये यमराज के 11 द्वारों को रोशन करने के लिए जलाए जाते हैं।
प्रश्र: 2023 में दिवाली पूजा कितने बजे है?
उत्तर: 2023 में दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:30 बजे से रात 9:30 बजे तक है।
प्रश्र: धनतेरस 2023 पर चांदी कब खरीदें?
उत्तर: धनतेरस 2023 पर चांदी खरीदने के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 6:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक है।
प्रश्र: छोटी दिवाली पर किसकी पूजा होती है?
उत्तर: छोटी दिवाली पर यमराज की पूजा होती है। यमराज को मृत्यु के देवता माना जाता है। इस दिन लोग यमराज की पूजा करके मृत्यु के भय से मुक्त होने की कामना करते हैं।
प्रश्र: धनतेरस में दीया कहां जला सकते हैं?
उत्तर: धनतेरस में दीया घर के प्रवेश द्वार, पूजा स्थल, और आंगन में जलाया जा सकता है।
प्रश्र: छोटी दिवाली का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर: छोटी दिवाली का दूसरा नाम नरक चतुर्दशी है।
प्रश्र: धनतेरस पर किस भगवान की पूजा की जाती है?
उत्तर: धनतेरस पर कुबेर महाराज की पूजा की जाती है।
प्रश्र: दिवाली के 5 दिन कौन से हैं?
उत्तर: दिवाली के 5 दिन निम्नलिखित हैं:
- धनतेरस (10 नवंबर, 2023)
- नरक चतुर्दशी (11 नवंबर, 2023)
- दीपावली (12 नवंबर, 2023)
- गोवर्धन पूजा (13 नवंबर, 2023)
- भाई दूज (14 नवंबर, 2023)
प्रश्र: क्या मैं पीरियड्स में दिवाली पूजा कर सकती हूं?
उत्तर: पीरियड्स में दिवाली पूजा करना वर्जित नहीं है। हालांकि, इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे:
- पूजा स्थल को साफ-सुथरा रखें।
- पूजा के दौरान अपने शरीर को ढक कर रखें।
- पूजा के बाद तुरंत स्नान कर लें।
प्रश्र: छोटी दीवाली कब है 2023?
उत्तर: छोटी दिवाली धनतेरस, 2023 में गुरुवार, 10 नवंबर को है।