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नवग्रहों में प्रमुख कार्य क्या करें – किन राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

।।नवग्रहों में प्रमुख सूर्य।।


सूर्यग्रह को आत्म सम्मान, गरिमा, अहंकार और करियर का प्रतीक है। यह किसी व्यक्ति के जीवन में समर्पण, सहनशक्ति, इच्छाशक्ति, सामाजिक मान-सम्मान और नेतृत्व क्षमता आदि को भी नियंत्रित करते हैं।

सूर्य देव पिता, सरकार, नेता, राजनेता, राजा और उच्च अधिकारियों आदि के कारक ग्रह कहे गये हैं।

मनुष्य के शरीर में सूर्य दिल और हड्डियों को दर्शाते हैं।

सूर्य का तुला राशि में प्रभाव:-
सूर्य को तुला राशि में नीच अवस्था का हैं.बेहद कमज़ोर तथा दुर्बल स्थिति में रहते हैं। तुला राशि में सूर्य की स्थिति जातक को कठोर, चतुर और ईर्ष्यालु बनाती है। साथ ही साथ ऐसे जातक अहंकार से भरे रहते हैं।ऐसे लोगों का अहंकारी हो जाते है.इन्हें सिर्फ अपने मान सम्मान की चाह रहती है। सूर्य की यह स्थिति जातकों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को कमज़ोर करने, इच्छाशक्ति में कमी और मुंह में पानी आने की समस्या आदि का कारण बनती है।

जिन जातकों की कुंडली में सूर्य तुला राशि में होता है वह कभी भी लोगों को प्रभावित करने में सफल नहीं होते हैं साथ ही साथ इन लोगों के पास सच्चे दोस्तों का सदा अभाव रहता है।

राशियों पर प्रभाव:-

वृषभ:-

इन राशि वालों के लिए सूर्य आपके चौथे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके छठे भाव में गोचर करेंगे। सूर्य का तुला राशि में गोचर नौकरी के संबंध में ज्यादा ख़ास नहीं रहने की आशंका है और इस दौरान जातक को कार्यक्षेत्र में समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। अपनी इच्छा से पद छोड़ सकते हैं।काम के बढ़ते दबाव के कारण कार्यस्थल का माहौल थोड़ा ख़राब हो सकता है.अपने जीवन को लेकर आपकी अपेक्षाएं ऊंची रह सकती हैं. आपको मनचाहे परिणाम पाने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।जिन जातकों की रुचि व्यापार में हैं उनके लिए समय थोड़ा कठिन रहेगा। प्रतिद्वंदियों आपसे शत्रु है.वह आपकी कमज़ोरियों का फायदा उठा सकते हैं। इस दौरान लिए गए फैसले गलत साबित हो सकते हैं.

मिथुन :-

इन राशि वालों के सूर्य तीसरे भाव के स्वामी हैं.सूर्य का तुला राशि में गोचर के दौरान यह आपके पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप, जातकों में करियर को लेकर तनाव रहेगा. यह गोचर कालआपके कार्यव्यवसाय में फलदायी नहीं कहा है.आपको कार्यस्थल पर परेशानियों का सामना कर पड़ सकता है। आप इच्छित नौकरी पाने के लिए लगातार बदलाव करते हुए देखे जा सकते हैं, लेकिन सूर्य गोचर के दौरान ऐसा करना आपके लिए फलदायी नहीं रहने के कारण आप नौकरी में बने रहें।
जिन जातकों का अपना व्यापार है उनके लिए सूर्य का तुला राशि में गोचर परेशानी का कारण बन सकता है.इसके परिणामस्वरूप, आपके लाभ में कमी आ सकती है.आपको ट्रेड व्यापार में लाभ होगा। ट्रेडर्स और कंपनियों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा बाजार को कमजोर करेगी.

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सिंह :-

सूर्य आपके पहले भाव के स्वामी हैं यह आपके तीसरे भाव में गोचर कर रहे हैं। तुला राशि में सूर्य की शक्तियां कमजोर होने से आपमें साहस और दृढ़ता की कमी होने से महत्वपूर्ण निर्णय लेने में समस्या होगी.

इन जातकों को नौकरी में अनचाहे बदलावों और अचानक से यात्राओं का सामना करना पड़ सकता है। परिस्थितियों के चलते आपका नौकरी से मोहभंग हो सकता है आप अप्रसन्न हो सकते हैं। व्यापारी जातकों को इस समय में प्रतिद्वंदियों संघर्ष उनके द्वारा आपकी कमज़ोरियों के कारण नुकसान की आशंका लाभ कमाने के लिए संघर्ष करना पड सकताहै।

कन्या :-

सूर्य आपके बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके दूसरे भाव में नीच अवस्था में स्थित होंगे। ऐसी स्थिति में आपको धन और परिवार से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।सूर्य का तुला राशि में गोचर के दौरान वरिष्ठों से कार्य से संबंधित चुनौतियों का सामना पड़ सकता है। सहकर्मी आपकी परेशानी बढ़ाने का काम कर सकते हैं आप असंतुष्ट रह सकते हैं। कार्यक्षेत्र पर सम्मान न मिलने से निराश रहेंगे.
व्यापार कर रहे जातकों के लिए न लाभ न हानि वाली स्थिति रहेगी. इस कारण व्यापार में परेशानी का अनुभव हो सकता है। प्रतिद्वंदियों से भी आपके तनाव बढ़ सकता है।

तुला :-

सूर्य आपके ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके पहले भाव में नीच अवस्था में गोचर करने जा रहे हैं। तुला राशि वालों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। ग्यारहवें भाव के स्वामी लग्न भाव में नीच अवस्था में उपस्थित होंगे और इसके परिणाम
स्वरूप आपको कार्यक्षेत्र में सम्मान मिलने के कारण निराश हो सकते हैं।
आपकी आर्थिक स्थिति में भी गिरावट आने की आशंका है। सूर्य का तुला राशि में गोचर के दौरान व्यापार विस्तार करना मुश्किल होगा। ऐसे व्यापारियों में स्वयं की कमी के कारण सफलता और समृद्धि राह में बाधा के चलते आपको हानि हो सकती है आपके लिए चिंता का विषय भी हो सकता है।

धनु :-

सूर्य आपके नौवें भाव के स्वामी हैं और यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करेंगे। कुंडली में ग्यारहवां भाव संभावनाओं और मनोकामना पूर्ति का प्रतिनिधित्व करता है। सूर्य का तुला राशि में गोचर आपके करियर के लिए लाभ दिला सकता है आपको नौकरी के नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं। आपको स्वयं के बारे में कुछ नया करने का मौका मिलेगा और आप बिज़नेस से जुड़ी नई रणनीतियों को बनाने में सफल रहेंगे.व्यापारी जातकों के लिए सूर्य गोचर प्रभावी और प्रगति लेकर आ सकता है।आप कम समय में अच्छा लाभ कमा सकते हैं। यदि आप बिज़नेस पार्टनरशिप में व्यापार करते हैं, तो यह समय के साथ मज़बूत होगी।

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नवग्रहों में प्रभावशाली उपाय:-

रविवार के दिन गुड़, गेहूं और तांबे का दान करें।

रविवार को छोड़कर प्रतिदिन तुलसी के पौधे को पानी दें।

रोज़ाना आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।ज्यादा से ज्यादा लाल और संतरी रंग के कपड़े पहनें।

बुध ग्रह के लिए हवन करें।

भगवान शिव की पूजा करें और शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें।

सूर्य यंत्र की पूजा और स्थापना करें।

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पं.जितेन्द्र व्यास
श्री राधाकृष्ण मंदिर
जंगीपुरा,डबरा

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