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नाग पंचमी कब और क्यों मनाई जाती है, नाग पंचमी व्रत की पूरी कथा

हमारे देश में बहुत से त्योहार मनाए जाते हैं और कुछ ऐसे त्योहार भी हैं जो देश के कुछ हिस्सों में ही मनाए जाते हैं। उनमें से एक है नाग पंचमी जो कि देश के कुछ हिस्सों में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। और इस दिन सांपों की पूजा करना शुभ माना जाता है। सावन का महीना वैसे तो भगवान शिव की पूजा आराधना के लिए महत्वपूर्ण होता है, इस महीने में लोग भोलेनाथ की तन, मन और धन से पूजा करते हैं। मगर साथ ही नागों की पूजा का भी इस महीने में काफी महत्व है। आज हम आपके लिए सावन महीने में ही मनाए जाने वाले नाग पंचमी त्योहार (Naag Panchmi Festival) के बारे में जानकारी लेकर आये हैं। आज आपको नाग पंचमी से जुड़ी हर प्रकार की जानकारी (Complete information related to Naag Panchmi) दी जाएगी। उम्मीद है आपको बेहद पसंद आने वाली है।

नागपंचमी क्या है? (What is Naag Panchmi or Naag Pooja?)

नाग पंचमी हमारे धार्मिक ग्रंथों में नाग देवता का त्योहार माना जाता है, जिस दिन भोलेनाथ के गले में नाग देवता को सजाया जाता है। यानी कि बहुत से लोग चांदी के नाग और नागिन लेकर इस दिन भोलेनाथ को अर्पित भी करते हैं। ऐसा भी माना जाता है इस दिन सांपों की पूजा करने से सर्प दोष खत्म हो जाता है और घर में सुख समृद्धि आती है।

कब मनाई जाती है नाग पंचमी? (When do Naag Panchmi is celebrated?)

हर साल के सावन महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। अगर हम इस साल की बात करें तो साल 2023 में नाग पंचमी 21 अगस्त 2023 को आने वाली है। इस दिन को धूम-धाम से मनाने के लिए बहुत से लोग अभी से ही तैयारियां शुरू कर रहे हैं।

क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी? (Why do we celebrate Naag Panchmi?)

सावन का महीना शिव प्रेमियों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। साल 2023 में सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू हो चुका है। सावन के महीने में सोलह सोमवार का व्रत भी शुरू किया जाता है। चलिए बात करते हैं नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है? यह तो आप सब जानते हैं कि नाग देवता भगवान शिव के गले में एक आभूषण की तरह विराजमान रहते हैं। क्योंकि नाग देवता का भगवान शिव के साथ एक ऐसा संबंध है जिसे अलग देखना असंभव ही है। इसी संबंध को पूजने के लिए नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। दरअसल पंचमी तिथि का स्वामी नाग देवता ही होता है। इसीलिए इस त्यौहार को नागपंचमी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता यह भी है कि नाग पंचमी के दिन सांपों की पूजा (Naag Pooja on Naag Panchmi) करने से कुंडली में जो कालसर्प योग होता है उससे भी मुक्ति मिल जाती है। इस दिन सांपों की पूजा करने से शिव भगवान तथा उनके नाग देवता प्रसन्न हो जाते हैं और आपके घर में सुख समृद्धि का वास करते हैं।

कैसे करें नाग पंचमी की पूजा? (How to do Naag Pooja?)

  • सबसे पहले नाग पंचमी के दिन सुबह उठ कर, नहा धोकर अपने घर के दरवाजों के दोनों और गोबर से सांपों की आकृति बनाएं।
  • और उन पर धूप पुष्प मिठाई आदि से पूजा करें।
  • इसके बाद इंद्राणी देवी की पूजा करें।
  • और दही, दूध, फूल, फल, नैवेद्य आदि से उनकी अर्चना करनी चाहिए।
  • इसके बाद पूरे भक्ति भाव से ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उसके बाद ही स्वयं भोजन ग्रहण करें।
  • ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन सबसे पहले मीठा भोजन खाना चाहिए उसके बाद अपनी पसंद का भोजन आपको करना चाहिए।

ऐसी भी मान्यता है कि अगर किसी के घर में किसी की भी मृत्यु सांप के काटने से हुई है तो उसे आने वाले 12 महीने तक पंचमी का व्रत करना चाहिए। ऐसा करने से सांपों का भय उनकी फॅमिली को पूरी जिंदगी तक नहीं रहेगा। नाग पंचमी का महत्व हिंदू धर्म के अनुसार सांपों की पूजा करने से उनकी जिंदगी में हर तरह का कष्ट, कलेश, दुख दूर हो जाते हैं।

ऐसा भी माना जाता है कि पुराने समय में जब नागों की पूजा की जाती थी उस समय नाग को दूध पिलाना बहुत शुभ माना जाता था। इसलिए नाग पंचमी के दिन सांपों की पूजा करने से और उन्हें दूध पिलाने से व्यक्ति अपने जीवन के कष्ट दूर कर सुख समृद्धि को प्राप्त कर सकता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव को चांदी के सर्प चढ़ाने से भी आपको पुण्य की प्राप्ति होती है। सपेरों के लिए यह दिन काफी महत्वपूर्ण है इसलिए बहुत से लोग अगर ज्यादा दानपुन नहीं कर पाते हैं तो वो सपेरों को उनके सांपों के लिए दूध और कुछ पैसे दान में अवश्य देते हैं। हिंदू धर्म की परंपरा के अनुसार इस दिन घर के दरवाजे पर सर्पों का चित्र बनाना भी महत्वपूर्ण माना जाता है। और ऐसा भी कहा गया है कि सांपों के कृपा से यह चित्र हमेशा उस घर की रक्षा करता है।

नाग पंचमी की कहानी (Story of Naag Panchmi)

प्राचीन समय में एक सेठ के 7 पुत्र थे और सातों का विवाह हो चुका था। और उसके छोटे बेटे की पत्नी बहुत ही अच्छे स्वभाव की थी और बुद्धिमान भी थी। एक दिन जब सबसे बड़े बेटे की बहू सबके साथ घर की साफ सफाई के लिए पीली मिट्टी लाने के लिए गई तो वहां खुदाई करते हुए उन्हें एक सांप दिखा। बड़ी बहू उसको मारने की कोशिश करने लगी, मगर छोटी बहू जो कि काफी बुद्धिमान थी उसने कहा कि यह तो निर्दोष है इसकी क्या गलती है इसे मारने से हमें कोई लाभ नहीं होगा। ऐसा कहने पर बड़ी बहू ने उसको छोड़ दिया और छोटी बहू जाते हुए सांप से यह कह कर गई कि हम जल्दी ही वापस आएंगे।

मगर घर में जाकर घर के काम काजो में वह अपने वादे को भूल ही गई। अगले दिन जब उसे याद आया तो वो वहां पहुंची तो देखा सांप वहीं पर बैठा हुआ उसका इंतजार कर रहा था। उसने सांप से कहा भैया मुझे माफ कर दो मैं तो अपने घर के कामकाज में आपको भूल ही गई थी। तो सांप ने कहा आप तुमने मुझे भैया बोला है तो मैं तुम्हारी गलती माफ कर देता हूं। आज से तुम मेरी बहन हो तो छोटी बहू ने कहा कि मेरा कोई भाई नहीं है, मैं बहुत खुश हूं कि मुझे आप के रूप में एक भाई मिल गया है। सांप ने कहा मैं बचपन से ही अपनी बहन से बिछड़ गया था अब मुझे ऐसा लगता है कि आप ही मेरी बिछड़ी हुई बहन हैं।

अब वह सांप उसे अपने साथ अपने घर ले गया और कहां के तुम बिना डरे बस मेरी पूछ पकड़ कर मेरे पीछे-पीछे चलती रहना। जब वह सांप के घर पहुंची तो वहां दौलत और वैभव को देखकर चकित रह गई। 1 दिन सांप की मां ने उस लड़की से कहा कि मैं बाहर जा रही हूं और तुम अपने भाई को ठंडा दूध पिला देना, मगर इस बात पर उसने ध्यान नहीं दिया और उसने उसको गर्म दूध पिला दिया। जिससे उसका चेहरा बहुत बुरी तरह से जल गया। यह देखकर सांप की मां को बहुत क्रोध आया लेकिन सांप के समझाने पर उसने अपना गुस्सा शांत कर लिया। तब सांप ने कहा कि अब मुझे अपनी बहन को उसके घर भेज देना चाहिए। इसलिए उसने सोना, चांदी, जेवरात, कपड़े, हीरे मोती बहुत कुछ देकर उस बहन को उसके घर के लिए विदा कर दिया।

इतना धन-धान्य देख कर बड़ी बहू को छोटी बहू से ईर्ष्या होने लगी। यह बातें जब सांप तक पहुंची तो वह बहुत सा सोना लेकर फिर अपनी बहन के पास पहुंच गया और उसने अपनी बहन को एक बहुत अच्छा बहुत महंगा हीरे का हार भी दिया। जब उस राज्य की रानी को इस बात का पता चला तो उसने अपने रजा को कहा कि मुझे वही हीरे का हार चाहिए जो उस छोटी बहू ने पहना हुआ है। रजा ने बड़ी बहू के पति से कहा कि मुझे वह हार ला कर दो, उसने वह हर छोटी बहू से छीनकर रानी को दे दिया और जब रानी ने उस हार को गले में पहना तो वह सांप बन गया। यह देखकर रजा को बहुत गुस्सा आया। उसने छोटी बहू को बुलाया और पूछा कि तुमने इस हार पर कोई जादू किया है कि यह रानी के गले में जाते ही सांप बन गया। मगर उस छोटी बहू ने कहा कि मैंने ऐसा कुछ भी नहीं किया है और उसने अपनी और अपने सांप भाई की बात उन्हें बताई, मगर उसकी बात पर यकीन न करते हुए रजा ने कहा कि तुम इस हार को मेरे सामने अपने गले में पहन कर दिखाओ। जब छोटी बहू ने उस हार को गले में पहना तो उस सुंदर मोतियों का हार बन गया। अब राजा को यह बात समझ आ गई के जो कहानी छोटी बहू ने अपने सांप भाई के बारे में सुनाई है वह सच है। अब राजा ने पुरस्कार के रूप में छोटी बहू को फिर से बहुत सारा धन दिया अब उसका धन देख कर बड़ी बहू को फिर से ईर्ष्या हुई। उसने जाकर पूछा कि तुम्हारे पास इतना धन दौलत कहां से आता है और क्यूँ आता है। उसी समय वहां पर सांप आया और बोला अगर कोई मेरी बहन के चरित्र पर शक करेगा तो मैं उसे खा जाऊंगा। यह सुनकर छोटी बहू का पति डर गया और उसने नाग देवता का सत्कार किया, मान किया। उसी दिन से नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है और घर की औरतें सांपों को अपने भाई की तरह पूजती हैं।

तो यह थी नाग पंचमी 2023 के बारे में पूरी जानकारी(Complete information related to Naag panchmi 2023) उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आई होगी और आने वाली नाग पंचमी में आप नाग की पूजा करेंगे और अपने घर में सुख और समृद्धि का आगमन करेंगे। अगर आपके मन में नागपंचमी को लेकर या इसकी पुरानी कथाओं को लेकर किसी भी तरह का कोई प्रश्न है तो आप बेझिझक हमें हमारे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।

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नाग पंचमी प्रश्न (FAQs related to Naag panchmi)

नाग पंचमी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है? (Why to celebrate Naag Panchmi festival?)

ऐसा माना जाता है कि नागों की रक्षा के लिए ऋषि आस्तिक मुनि ने सावन के महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन यज्ञ किया था। जिस कारण से नागों का वंश बच गया था। उसी दिन से नाग पंचमी का त्यौहार मनाने की प्रथा चल पड़ी है।

नाग पंचमी का मेला कहां लगता है? (Where does Naad Panchmi fair fall?)

नाग पंचमी का मेला बिहार के बेगूसराय गांव में लगता है। इस दिन जहरीले नागों को पकड़कर मेला लगाया जाता है। ऐसा सुनने में आता है कि यह सुनने में जितना डरावना लगता है देखने में उतना ही रोमांचक होता है। यह परंपरा सदियों से वहाँ चलती आ रही है।

राजस्थान में नाग पंचमी का मेला कहां लगता है? (When Naag Panchmi fair falls in Rajasthan?)

राजस्थान में नाग पंचमी का मेला श्रावण माह की कृष्ण पक्ष की पंचमी को जोधपुर में लगता है। जहाँ लोग पूरे विधि-विधान से नागों की पूजा करते हैं।

नाग पंचमी किस राज्य का प्रसिद्ध त्योहार है? (Naag Panchmi is popular festival of which state?)

नाग पंचमी प्रमुख रूप से महाराष्ट्र राज्य में मनाई जाती है। मुंबई के पास शिराला गांव नाग पंचमी के मेले के लिए काफी प्रसिद्ध है।

नाग पंचमी के दिन किसकी पूजा होती है? (To whom do we worship on Naag Panchmi?)

हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है या तो लोग नाग का जोड़ा अपने घर के द्वार पर बनाते हैं और उसकी पूरा विधि-विधान से पूजा करते हैं या फिर लोग दूध, फूल, फल और चांदी से बने हुए नागों का जोड़ा भगवान शिव को भी अर्पित करते हैं।

नाग पंचमी में नागों की पूजा क्यूँ की जाती है? (Why to do naag pooja on Naag Panchmi?)

ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से उनके घर के सभी दुख दूर हो जाते हैं और घर में सुख समृद्धि का वास होता है।

नाग पंचमी के दिन क्या नहीं करना चाहिए? (What not to do on Naag Panchmi?)

नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा तो करनी चाहिए मगर गलती से भी खेतों में काम नहीं करना चाहिए क्योंकि हो सकता है उस दिन कोई नाग आपके हाथों से मर जाए या उसे कोई भी नुकसान पहुंचे तो यह आपके परिवार के लिए दुःख का कारण बन सकता है।

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