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Chhat Puja Second Day 2023: क्या है खरना के नियम और पूजा विधि

Chhat Puja Second Day 2023: छठ पूजा का दूसरा दिन खरना होता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन का उपवास रखती हैं और शाम को गुड़ की खीर और साठी के चावल का प्रसाद बनाकर छठी मैया की पूजा करती हैं। खरना के दिन के नियमों का पालन करने से महिलाओं को छठी मैया का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Chhat Puja Second Day 2023

छठ पूजा एक हिंदू त्योहार है जो भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में मनाया जाता है। छठ पूजा चार दिनों तक चलता है और यह कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि को मनाया जाता है।

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खरना क्या होता है? (What is Kharna?)

खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन का उपवास रखती हैं और शाम को गुड़ की खीर और साठी के चावल का प्रसाद बनाकर छठी मइया की पूजा करती हैं। खरना का अर्थ है “शुद्धिकरण”। इस दिन महिलाएं अपने शरीर और मन को शुद्ध करती हैं। वे अपने परिवार के लिए निर्जला व्रत रखकर छठी मइया से प्रार्थना करती हैं कि उनके परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।

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2023 में छठ पूजा खरना कब है? (When is Chhath Puja Kharna 2023?)

2023 में छठ पूजा खरना 18 नवंबर 2023 को है। इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 06:46 बजे का रहेगा और सूर्यास्त शाम 05:26 बजे होगा।

छठ पूजा खरना 2023 शुभ मुहूर्त (Chhath Puja Kharna 2023 Shubh Muhurat)

खरना 2023 (Kharna 2023):

निशिथ काल मध्‍यरात्रि: 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक।

गोधूलि बेला शाम में: 5 बजकर 26 मिनट से 5 बजकर 53 मिनट तक।

छठ पूजा के अन्य शुभ मुहूर्त (Other Shubh Muhurat of Chhath Puja)

षष्ठी तिथि: 17 नवंबर, 2023

उदयास्त: 06:46 बजे

अस्त: 05:26 बजे

सप्तमी तिथि: 18 नवंबर, 2023

उदयास्त: 06:45 बजे

अस्त: 05:25 बजे

अष्टमी तिथि: 19 नवंबर, 2023

उदयास्त: 06:44 बजे

अस्त: 05:24 बजे

नवमी तिथि: 20 नवंबर, 2023

उदयास्त: 06:43 बजे

अस्त: 05:23 बजे

खरना के नियम (Rules of Kharna)

  • साफ-सुथरे कपड़े पहनना:

खरना के दिन महिलाओं को साफ-सुथरे और नए कपड़े पहनने चाहिए। यह शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक है।

  • पूजा के स्थान को पवित्र करना:

पूजा के स्थान को साफ-सुथरा करके पवित्र कर लेना चाहिए। इसके लिए गंगाजल छिड़ककर और फूलों से सजाकर पूजा स्थल को तैयार किया जाता है।

  • पूजा सामग्री तैयार करना: 

पूजा में आवश्यक सामग्री जैसे- गंगाजल, दूध, घी, शक्कर, फल, फूल, प्रसाद आदि पहले से ही तैयार कर लेना चाहिए। इससे पूजा में कोई बाधा न आए।

  • पूजा में ध्यान देना:

पूजा के समय महिलाओं को शांति और ध्यान से पूजा करनी चाहिए। इससे पूजा का पूरा लाभ मिलता है।

खरना की पूजा विधि (Kharna Puja Vidhi)

  • पूजा स्थल तैयार करना: 

सबसे पहले पूजा स्थल पर एक चौकी बिछाकर उस पर छठी मइया की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें।

  • छठी मइया का पूजन करना:

फिर गंगाजल, दूध, घी, शक्कर, फल, फूल आदि से छठी मइया का पूजन करें। इस दौरान छठी मइया के गीतों और मंत्रों का जाप किया जाता है।

  • प्रसाद बनाना और अर्पित करना:

इसके बाद गुड़ की खीर और साठी के चावल का प्रसाद बनाकर छठी मइया को अर्पित करें। इस प्रसाद को सभी में बांट दें।

खरना का महत्व (Importance of Kharna)

  • खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है।
  • इस दिन महिलाएं पूरे दिन का उपवास रखती हैं और शाम को गुड़ की खीर और साठी के चावल का प्रसाद बनाकर छठी मइया की पूजा करती हैं।
  • खरना का अर्थ है “शुद्धिकरण”।
  • इस दिन महिलाएं अपने शरीर और मन को शुद्ध करती हैं।
  • वे अपने परिवार के लिए निर्जला व्रत रखकर छठी मइया से प्रार्थना करती हैं कि उनके परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।

छठ पूजा खरना के नियम (Rules of Chhath Puja Kharna)

छठ पूजा के खरना के दिन के नियम निम्नलिखित हैं:

  • महिलाएं पूरे दिन का उपवास रखती हैं।
  • उपवास के दौरान वे केवल पानी पी सकती हैं।
  • घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।
  • खरना के दिन गुड़ की खीर और साठी के चावल का प्रसाद बनाया जाता है।
  • प्रसाद को छठी मइया को अर्पित करने के बाद सभी में बांटा जाता है।
  • खरना के दिन घर में प्याज और लहसुन का सेवन नहीं किया जाता है।
  • खरना के दिन घर में किसी भी प्रकार का मांस-मछली का सेवन नहीं किया जाता है।
  • खरना के दिन घर में किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन नहीं किया जाता है।
  • खरना के दिन बेड या चारपाई में नहीं सोना चाहिए। नीचे दरी या चद्दर बिछा के ही सोएं।

खरना के दिन के नियमों का पालन करने से महिलाओं को छठी मइया का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

खरना के बाद निर्जला उपवास (Nirjala Vrat After Kharna)

खरना के बाद महिलाएं 36 घंटे का निर्जला उपवास रखती हैं। इस दौरान वे केवल पानी पी सकती हैं। यह उपवास चौथे दिन सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है।

निष्कर्ष

खरना छठ पूजा (Chhat Puja Second Day 2023) का एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन महिलाएं अपने शरीर और मन को शुद्ध करती हैं। वे अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिए छठी मइया से प्रार्थना करती हैं। यह एक प्राचीन परंपरा है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही है।

Chhat Puja Second Day 2023: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्र: खरना पूजा क्या है?

उत्तर: खरना छठ पूजा का दूसरा दिन होता है। इस दिन महिलाएं पूरे दिन का उपवास रखती हैं और शाम को गुड़ की खीर और साठी के चावल का प्रसाद बनाकर छठी मइया की पूजा करती हैं। खरना का अर्थ है “शुद्धिकरण”। इस दिन महिलाएं अपने शरीर और मन को शुद्ध करती हैं। वे अपने परिवार के लिए निर्जला व्रत रखकर छठी मइया से प्रार्थना करती हैं कि उनके परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे।

प्रश्र: खरना के दिन क्या करना चाहिए?

उत्तर: खरना के दिन महिलाओं को निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए:

  • पूरे दिन का उपवास रखना चाहिए।
  • उपवास के दौरान केवल पानी पीना चाहिए।
  • घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  • शाम को गुड़ की खीर और साठी के चावल का प्रसाद बनाना चाहिए।
  • प्रसाद को छठी मइया को अर्पित करने के बाद सभी में बांटना चाहिए।

प्रश्र: खरना क्यों मनाया जाता है?

उत्तर: खरना छठ पूजा का एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन महिलाएं अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिए छठी मइया से प्रार्थना करती हैं। वे अपने बच्चों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी प्रार्थना करती हैं।

प्रश्र: बिहार में खरना कब है?

उत्तर: 2023 में, बिहार में खरना 18 नवंबर, 2023 को है। यह कार्तिक शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाएगा।

प्रश्र: खरना पूजा कैसे करते हैं?

उत्तर: खरना पूजा की विधि निम्नलिखित है:

सबसे पहले पूजा स्थल पर एक चौकी बिछाकर उस पर छठी मइया की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। फिर गंगाजल, दूध, घी, शक्कर, फल, फूल आदि से छठी मइया का पूजन करें। इसके बाद गुड़ की खीर और साठी के चावल का प्रसाद बनाकर छठी मइया को अर्पित करें। फिर प्रसाद को सभी में बांट दें।

प्रश्र: खरना के दिन क्या खाना चाहिए?

उत्तर: खरना के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। इसलिए, वे शाम को प्रसाद के रूप में गुड़ की खीर और साठी के चावल का सेवन करती हैं। इसके अलावा, वे पानी भी पी सकती हैं

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