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जाने पैरों में चांदी की पायल पहनने और न पहनने से क्या होता है!! (What Are the Effects of Wearing and Not Wearing Payal in Hindi!!)

पायल पहनना हिंदू धर्म में सोलह सिंगार में से एक माना गया है और उसे महिलाओं के सुहाग के साथ भी जोड़ा गया है।

दुल्हन बनना हर लड़की का ख्वाब होता है मगर दुल्हन बनने के बाद उसकी जिंदगी में बहुत से बदलाव आते हैं जो कि बेहद खूबसूरत बदलाव होते हैं। हमारे भारत में दुल्हन के सोलह श्रृंगार करना अनिवार्य है और उसका धार्मिक महत्व भी है। आज हम आपके लिए पायल पहनने के धार्मिक महत्व ( Religious significance of wearing anklets) के बारे में आर्टिकल लेकर आए हैं। जिससे आपको इस बात की पूरी जानकारी मिल जाएगी की शादी के बाद दुल्हन पायल पैरों में क्यों पहनती है? (Why do brides wear anklets after marriage?) क्या है पायल पहनने का धार्मिक महत्व (Religious significance of wearing anklet) और पायल पहनने के वैज्ञानिक फायदे (Scientific importance of wearing anklets) के बारे में भी हम आपको आज के आर्टिकल में बताने वाले हैं।

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दुल्हन के हर श्रृंगार के पीछे रहस्य छुपे हैं। धार्मिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक कारण भी हैं जो कि उसकी पूरी बॉडी को और उसके मन को शांति और स्फूर्ति देते हैं। तो चलिए आज जानते हैं पायल पहनने के धार्मिक महत्व और वैज्ञानिक कारण (Religious and scientific importance of wearing anklets)  दोनों के बारे में:

चांदी की पायल पहनने और न पहनने से क्या होता है

पैरों में पायल केवल फैशन नहीं बल्कि इसके हैं हैरान कर देने वाले महत्व और फायदे!! (Importance of wearing anklets!!)

पैरों की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए अक्सर महिलाएं अपने पैरों में तरह-तरह की पायल और बिछिया पहनती हैं। मगर हम आपको बता दें कि यह न केवल श्रृंगार और फैशन है बल्कि इसके और भी बहुत से कारण हैं। पायल पहनना हिंदू धर्म में सोलह सिंगार में से एक माना गया है और उसे महिलाओं के सुहाग के साथ भी जोड़ा गया है। और अपनी सुहाग की हर निशानी को हर सुहागन महिला बहुत ही मान से पहनती है। हिंदू धर्म के सोलह श्रृंगार में चूड़ी, बिंदी, बिछिया, सिंदूर और साथ में पैरों में पायल पहनना (Importance of Wearing anklets in feet)भी शामिल है।

इसके साथ ही ऐसा माना जाता है की पायल पहनने से महिला की जिंदगी में शांति बनी रहती है। यह सुहागन महिला की पहचान तो है ही साथ ही एक महिला को अपनी जिंदगी में आने वाले जिम्मेदारियां को संभालने के लिए शांत भी रखती है। चलिए अब पहले जानते हैं पायल पहनने के धार्मिक इतिहास के बारे में: (What is religious history of wearing anklets)

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पैरों में पायल पहनने के धार्मिक महत्व!! (Religious importance of wearing anklets in feet!!)

पायल पहनने की शुरुआत प्राचीन काल में हमारे भारत में हुई थी। उस समय महिलाएं भारी-भारी चांदी की पायल अपने पैरों में पहना करती थी। जिसे कि धन का प्रतीक भी माना जाता था। उनकी पायल की मोटाई और भारीपन को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जाता था कि यह औरत किस घराने से है। जैसे कि अगर कोई हल्की पायल महिला के पैरों में देखी जाती थी तो वो इस बात का सबूत था कि वह महिला किसी गरीब घराने से है। उस समय पायल पहनना सुहाग की निशानी के साथ-साथ एक स्टेटस सिंबल भी था।

चांदी की पायल पहनने और न पहनने

पैरों की पायल है सोलह श्रृंगार का हिस्सा!! (Wearing anklet is a part of Solah Shringar!!)

पायल महिलाओं के सोलह श्रृंगार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। जिसे शादीशुदा महिलाएं अपने पैरों में हमेशा पहनना पसंद करती हैं। पायल पहनना शादीशुदा महिलाओं के लिए शुभ माना जाता है। और ऐसा माना जाता है कि उनकी पायल की झनकार से ही उनका घर और उनकी जिंदगी महकती है। इसलिए कभी भी सुहागन महिला अपने पैरों में पायल पहनने से दूर नहीं रहती हैं।

घर में स्म्रिधि लाने का प्रतीक है पैरों पायल पहनना!!

भारतीय ज्योतिष के अनुसार चांदी जो एक ऐसी धातु है जिसे चंद्रमा से रिलेट किया गया है। इसलिए हिंदू धर्म में ऐसा माना जाता है कि चांदी हमें शिव भगवान ने तोहफे के रूप में दी है। इसी वजह से चांदी को स्म्रिधि और खुशहाली के रूप में देखा जाता है। इसलिए जब मैरिड वूमेन चांदी की पायल अपने पैरों में पहनती हैं तो वह घर में खुशहाली और समृद्धि लाने वाली लक्ष्मी बन जाती है। इसलिए कई बार शादी समय सुहन की निशानियों में पायल और बिछिया जरुर रखी जाती हैं।

चांदी की पायल पैरों में पहनने से (Benefits of wearing Silver anklets) देवी शक्तियां महिलाओं की तरफ आकर्षित होती है और न केवल उस महिला की बल्कि उसके पूरे परिवार की रक्षा करती हैं।

Wearing Anklets is a Symbol of positive energy!!

घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है पायल पहनने से!!

जैसे कि हमने आपको पहले बताया कि पायल के घुंघरू की आवाज से हर महिला का घर महकता है। इसके साथ ही इन घुंघरू की आवाज घर में पॉजिटिव एनर्जी भी लेकर आती है। इसलिए भी शादीशुदा महिलाओं को पायल पहनना जरूरी होता है। इसका महत्व यह है कि वह अपने घर में सुख शांति और सकारात्मक एनर्जी को हमेशा अपने घर में कायम रखना चाहती हैं। क्योंकि वैज्ञानिकों द्वारा ऐसा माना जाता है कि हमारे शरीर की सारी एनर्जी हमारे पैरों के द्वारा ही बाहर निकलती है। तो जब महिलाएं पैरों में चांदी की पायल पहनती है तो उनकी बॉडी की एनर्जी उनके पैरों के द्वारा बाहर नहीं जाती है। इसलिए वह अपनी पूरी एनर्जी के साथ अपने घर संसार को संभालती हैं। जो सुहागन अपने पैरों में चांदी की पायल नहीं पहनती है तो वो जल्दी ठाक जाती हैं। क्यूंकि पैरों में चांदी की पायल एक एनर्जी लाकर का काम करती है।

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क्यूँ पहनी जाती है केवल पैरों में चांदी की पायल? (Why do women wear silver anklets?)

इस बात के बारे में हमने आपको बताया कि चांदी सभी धातुओं में से शांति का प्रतीक होती है। चांदी एक ऐसी धातु है जो हमारी पृथ्वी की सारी एनर्जी को पॉजिटिव बनने में सक्षम है। इसका मतलब है कि हमारे आसपास यानी कि हमारे घर में जो लोग हैं वह हमारी बातों से प्रभावित होते हैं। इसलिए ज्यादातर महिलाएं चांदी की पायल की पैरों में पहनना पसंद करती है। ऐसा करने से उनके घर में शांति बनी रहती है।

पैरों में पायल पहनने के महिलाओं को क्या फायदे हैं? (What are the benefits of wearing anklets on feet?)

पायल पहनने के धार्मिक महत्व के बारे में हमने आपको बता दिया है अब चलिए जानते हैं कि जो सुहागन अपने पैरों में पायल पहनती है उसके शरीर में उसके क्या फायदे होते हैं? (Why do married women wear silver anklets in feet?)

चांदी की पायल पैरों में पहनने से पैरों में दर्द की समस्या कम रहती है यानी की सारा दिन भाग दौड़ करने के बाद भी उनके पैरों में सूजन या दर्द नहीं होता। क्योंकि चांदी शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करती है। पैरों में चांदी की पायल पहनने का फायदा (Benefits of wearing silver anklets) है कि इससे हड्डियां मजबूत होती हैं क्योंकि यह आपके पैर की हड्डियों से चलते समय टकराती रहती है जिससे कि आपकी हड्डियां मजबूत होती है। पैरों में चांदी की पायल पहनने से पैरों में सूजन की समस्या पैदा नहीं होती है।

तो यह था हमारा आज का आर्टिकल जिसमें हमने आपके पैरों में पायल पहनने के महत्व (Importance of wearing anklets) के बारे में बताया है। इसके साथ ही आपको इस बारे में भी पूरी इनफार्मेशन दी है की पैरों में पायल पहनना न केवल सोलह श्रृंगार का एक हिस्सा है बल्कि इसके वैज्ञानिक महत्व भी हैं जो आपके शरीर को तरोताजा और मजबूत बनाते हैं। हमने हमारे आज के आर्टिकल में इस बात का भी खुलासा किया है कि कई महिलाएं घर के काम करने में जल्दी क्यूँ ठाक जाती हैं क्यूंकि वो पैरों में चांदी की पायल नहीं पहनती हैं तो एनर्जी उनके शरीर से बाहर चली जाती है।

हमारी हमेशा कोशिश रहती है कि हम अपनी महिलाओं को उनके शरीर और उनकी ब्यूटी से रिलेटेड हर तरह की जानकारी देते रहते हैं। अगर आपके मन में कोई भी ऐसा सवाल है जिसके बारे में आप हमसे जानकारी लेना चाहते हैं तो आप हमें तुरंत कमेंट सेक्शन पर में लिख सकते हैं। हम आपके लिए आपकी पूछी गई हर तरह की जानकारी को डिटेल में लेकर अवश्य लेकर आएंगे। हमें आपके कॉमेंट्स का हमेशा इंतजार रहेगा।

चांदी की पायल

पैरों में पायल पहनने और न पहनने के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न!! (FAQs related to wearing anklets!!)

1. महिलाएं पैरों में पायल क्यों पहनती हैं? (Why do women wear anklets on feet?)

पैरों में पायल पहनने से शरीर के निचले हिस्से में फैट बढ़ाने की स्पीड कम हो जाती है। इसके साथ ही पायल की आवाज घर में पॉजिटिव एनर्जी लेकर आती है। इसी वजह से पैरों में पायल पहनना बेहद जरूरी है।

2. पायल पहनने के क्या फायदे हैं? (What is the significance of wearing anklets on feet?)

जैसे कि हमने आपको बताया कि पैरों में पायल पहनने से और उनके घुंघरू की आवाज़ से घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है। इसके साथ ही चांदी की पायल पैरों में पहनने से पैरों में दर्द और सूजन आदि की समस्या भी नहीं रहती है।

3. चांदी की पायल पैरों में पहनना क्यों अनिवार्य है? (Why is it necessary to wear silver anklets?)

वैसे तो आजकल ट्रेंड के हिसाब से आपको अपने पैरों के लिए हर धातु की पायल मिल जाती है। मगर चांदी की पायल पहनने से आपके शरीर में एनर्जी भी रहती है और घर में पॉजिटिविटी का वास होता है। इसलिए जहां तक हो सके सुहागन महिला को पैरों में चांदी की पायल की पहननी चाहिए।

4. पैरों में पायल की उत्पत्ति कहां से हुई थी? (Where did the anklets on the feet originate from?)

दक्षिण एशिया में सिंधु घाटी की खुदाई में लड़कियों और महिलाओं द्वारा पहनी गई 8000 वर्ष से भी ज्यादा पुरानी पायल और पैर की अंगूठियां (बिछिया) मिली हैं। इसलिए पैरों की पायल को ऐतिहासिक रूप की निशानी माना गया है।

5. क्या शादी के बाद पैरों में पायल पहनना जरूरी है? (Is it necessary to wear anklets on feet?)

हमारे हिंदू धर्म के अनुसार पैरों में पायल है तो दुल्हन के सोलह श्रृंगार में से एक! जिसे कि सुहाग की निशानी माना जाता है। इसलिए शादी के बाद पैरों में पायल पहनना जरूरी है और साथ ही अपने घर संसार में खुशियां लाने के लिए पायल की झनकार का बहुत महत्व है।

6. पैरों में सोने की पायल क्यों नहीं पहननी चाहिए? ( Why should a woman not wear gold anklets on feet?)

हिंदू धर्म के अनुसार अगर सोने को अपने शरीर के निचले हिस्से में पहना जाए तो देवी देवताओं का अपमान होता है। इसके साथ ही इसका वैज्ञानिक कारण है कि सोना आपके पैरों में से एनर्जी को बाहर निकलने से नहीं रोक पाता है। पैरों में चांदी की पायल पहनने से शरीर की एनर्जी शरीर में बनी रहती है।

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