वैसे तो कई ऐसे तेल है, जिनका इस्तेमाल स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से निजात पाने के लिए किया जाता है। चलिए अब हम जानते हैं, नीलगिरी तेल के फायदे और नुकसान (Eucalyptus oil benefit and side effects) क्या है.
आज हम विश्व भर में प्रसिद्ध नीलगिरी का तेल यानी Eucalyptus oil के बारे में बात करेंगे। यह तेल सदाबहार और लंबे नीलगिरी पेड़ के ताजे पत्तों से बनाया जाता है, जिसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसी वजह से इसका इस्तेमाल कई तरह की दवाइयां बनाने में भी की जाती है जैसे – मरहम, इनहेलर, माउथवॉश, बाम आदि। वर्तमान समय में नीलगिरी का पेड़ उत्तरी और दक्षिणी अफ्रीका, भारत तथा दक्षिणी यूरोप में पाए जाते हैं। इस पेड़ की तकरीबन 600 जातियां है, जो मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया और तस्मानिया में पाए जाते हैं।
नीलगिरी तेल के फायदे (Benefit of Eucalyptus oil)
नीलगिरी तेल के कई अनगिनत फायदे हैं जो विभिन्न रोगों के उपचार में काम आते है जिसके बारे में हम आ नीचे बात करेंगे जैसे –
बालों की समस्या में उपयोगी
यदि आप बाल झड़ने या रूखे बाल से परेशान है, तो आप नीलगिरी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके बालों में चमक आएगी और आपके बाल झड़ने बंद होंगे तथा आपके बाल मोटे होंगे। लेकिन यह ध्यान रखें कि नीलगिरी का तेल बालों में जरूरत से ज्यादा भी इस्तेमाल नहीं करना है। यदि आप ऐसा करते हैं, तो सर की त्वचा चिकनी हो जायेगी जिससे बालों की चमक कम हो जाती है। इसलिए रिसर्च का कहना है, कि स्नान के ठीक 1 घंटे पहले नीलगिरी तेल अपने बालों में लगाएं और फिर स्नान के समय शैंपू की मदद से अपने बालों को अच्छी तरह से धो लें।
त्वचा संक्रमण मुहासे की समस्या से राहत
नीलगिरी का तेल त्वचा में किसी भी तरह के संक्रमण या मुंहासे की समस्या से राहत दिलाने में काफी मददगार होता है। यदि आप त्वचा में मुंहासे, दाग, छाले या चिकन पॉक्स के धब्बे से परेशान है तो आप नीलगिरी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। नीलगिरी के तेल को सेब के सिरके के साथ संतुलित मात्रा में मिलाकर संक्रमण वाले जगहों पर लगाने से बहुत जल्द फर्क देखने को मिलता है।
दांतों की समस्या से निजात
नीलगिरी का तेल दांतों में होने वाले अनेक समस्याओं से निजात दिलाता है। जी हां यदि आपके दांत में छेद है, दांतों में गंदगी, मसूड़ों में सूजन या किसी और तरह की समस्या है तो आप नीलगिरी का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। इतना ही नहीं माउथवॉश या टूथपेस्ट जैसे प्रोडक्ट में भी आमतौर पर नीलगिरी का तेल इस्तेमाल किया जाता है।
पेट के कीड़ों की समस्या को करें दूर
पेट के कीड़ों की समस्या को भी नीलगिरी का तेल दूर करने में मदद करता है। यदि आप पेट में कीड़ों की समस्या से परेशान है, तो नीलगिरी के तेल का सेवन अवश्य करें। नीलगिरी के तेल का सेवन करने से शरीर के अंदर मौजूद माइक्रोब्स, बैक्टीरिया जैसे परजीवी का सफाया होता है। इतना ही नहीं शरीर के अंदर मौजूद अति संवेदनशील क्षेत्र जैसे कि आपसे बैक्टीरिया बृहदांत्र आदि को भी हटाने में मदद करता है।
गुर्दे की पथरी से निजात
आजकल गुर्दे की पथरी की समस्या काफी देखने को मिलती है इस बीमारी के वजह से रोगियों का शरीर काफी कमजोर हो जाता है और वे दर्द की समस्या हमेशा परेशान रहते है। ऐसे में यदि मरीज रोजाना दिन में 3 बार 1 से 2 बूंद नीलगिरी का तेल दर्द वाली जगह पर मालिश करें, तो उन्हें काफी राहत मिलेगी।
मधुमेह बीमारी में राहत
मधुमेह बीमारी में भी नीलगिरी का तेल काफी फायदेमंद होता है। दरअसल नीलगिरी का सेवन शरीर में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में सहायक होती है तथा यह पूरे शरीर के रक्त परिसंचरण में बढ़ोतरी करता है। बता दें कि डायबिटिक रोगियों में रक्त परिसंचरण की कमी हो जाती है जिसके वजह से उन्हें खतरा हो सकता है। इसी वजह से मधुमेह रोगियों को नीलगिरी के तेल से मालिश करना तथा उसे इन्हेल करना चाहिए ताकि रक्त वाहिकाओं में कसाव कम हो और शरीर में रक्त परिसंचरण बढ़े।
नीलगिरी तेल के नुकसान (Side effects of Eucalyptus oil)
नीलगिरी तेल के फायदे काफी ज्यादा हैं, लेकिन उनमें से कुछ नुकसान भी है। जी हाँ नीलगिरी तेल के कुछ नुकसान है, जिसके बारे में लोगों को जानकारी होना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं, नीलगिरी तेल के क्या नुकसान है –
- यदि आप होम्योपैथिक दवाइयों का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको नीलगिरी तेल का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि नीलगिरी तेल होम्योपैथिक उपचार में बाधा डाल सकते हैं।
- नीलगिरी तेल का सेवन जरूरत से ज्यादा भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसमें टॉक्सिंस होते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
- कभी भी नीलगिरी तेल का इस्तेमाल त्वचा पर डायरेक्ट नहीं करना चाहिए। जब कभी भी आप त्वचा में नीलगिरी तेल का इस्तेमाल करें, तो उस में कुछ ना कुछ मिक्स जरूर कर ले अन्यथा त्वचा में एलर्जी हो सकती है।
- नीलगिरी तेल का बहुत ज्यादा सेवन करने से दस्त, मतली तथा उल्टी जैसी समस्या होने की भी संभावना होती है इसलिए इसका सेवन ज्यादा ना करें।
नीलगिरी तेल FAQ
1 . क्या बुखार में नीलगिरी के तेल का इस्तेमाल किया जाता है?
Ans – जी हां बुखार के तापमान को कम करने के लिए नीलगिरी का तेल इस्तेमाल में लाया जाता है। मार्केट में नीलगिरी तेल को fever oil के नाम से जानते हैं।
2 . नीलगिरी तेल का उत्पादन सबसे ज्यादा कहां होता है?
Ans – नीलगिरी तेल का उत्पादन सबसे ज्यादा ऑस्ट्रेलिया और तस्मानिया में होता है।
3 . नीलगिरी का तेल कैसे बनाया जाता है?
Ans – नीलगिरी के ताजे पतियों को तोड़कर तथा इन पतियों से डिस्टलेशन की प्रक्रिया द्वारा तेल बनाया जाता है।
आज का यह लेख नीलगिरी तेल के फायदे और नुकसान (Eucalyptus oil benefit and side effects) यही समाप्त होता है। उम्मीद करते हैं, हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। हमने यहां विश्व प्रसिद्ध नीलगिरी तेल के फायदे और नुकसान के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है। यदि फिर भी इस विषय से संबंधित आप और अधिक जानकारी जानना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट के माध्यम से हम से संपर्क कर सकते हैं।